सौमित्रा विहार योजना की रूपरेखा और लक्ष्य
उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास बोर्ड (UPAVP) ने लखनऊ के नया जाइल रोड के पास, गोसाईंगंज के निकट स्थित Saumitra Vihar आवास योजना को कई सालों के बाद फिर से गति दी है। इस योजना के प्रमुख उद्देश्य हैं – कम आय वर्ग के लोगों को किफायती घर देना, शहरी विस्तार को नियंत्रित करना, और किसानों को उचित प्रतिफल प्रदान करना।
योजना में कुल 2,000 से अधिक प्लॉट्स का दो चरणों में विकास निर्धारित है, प्रत्येक चरण में लगभग 1,000 आवासीय और 1,000 वाणिज्यिक प्लॉट्स शामिल हैं। मूल रूप से इस परियोजना को जनवरी 2025 में लॉन्च किया जाना था, परन्तु भूमि दस्तावेज़ीकरण, अनुमोदन प्रक्रिया और किसानों से जमीन अधिग्रहण में देरी के कारण लॉन्च छह महीने टल गया। अब लॉटरी ड्रॉ के माध्यम से योजना को एक ठोस मोड़ मिल रहा है।
- आवासीय प्लॉट्स का आकार: 30 वर्ग मीटर (EWS), 65 वर्ग मीटर (MIG), 128‑300 वर्ग मीटर (HIG)।
- वाणिज्यिक प्लॉट्स की कीमत: लगभग ₹23,000 प्रति वर्ग मीटर।
- हाई‑इंकम ग्रुप (HIG) के लिये विशेष रूप से बड़े प्लॉट्स उपलब्ध हैं, जो कारोबार या बड़े परिवारों के लिये उपयुक्त हैं।
योजना में आय वर्ग के आधार पर 10% प्लॉट्स EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के लिये आरक्षित हैं और समान प्रतिशत MIG (मिडल इनकम ग्रुप) को भी दिया गया है। शेष 80% हाई‑इनकम खंड और सामान्य वर्ग के लिये खुले हैं। इस स्पष्ट विभाजन से लाभार्थियों में पारदर्शिता बनी रहती है।

लॉटरी ड्रॉ के परिणाम, पंजीकरण प्रक्रिया और किसानों की भागीदारी
22‑23 सितम्बर 2025 को दो दिनों तक चलाए गए लॉटरी ड्रॉ में कुल 1,122 प्लॉट्स का सौदा तय हुआ। बोर्ड के सचिव निरज शुक्ला ने कहा कि लॉटरी में सभी दस्तावेज़ीकृत आवेदकों को समान अवसर मिला, जिससे किसी को भी पक्षपात का आरोप नहीं लग पाया। ड्रॉ के बाद सफल चयनित आवेदकों को 15 दिनों के भीतर अपना नंबर और प्लॉट विवरण प्राप्त होगा।
पंजीकरण प्रक्रिया को आधिकारिक रूप से शुरू किया गया था, जिसमें ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यमों से आवेदन स्वीकार किए गए। एप्लीकेशन फॉर्म में आय प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, और जमीन के लिए वॉरंटी दस्तावेज़ का उल्लेख अनिवार्य था। कुल 4,500 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 1,122 को लॉटरी के माध्यम से प्लॉट आवंटन मिला।
भूमि‑पूलिंग व्यवस्था के तहत, जिन किसानों ने अपना मूल खेत सौमित्रा विहार योजना में सौंपा, उन्हें विकसित भूमि का 25% वापस दिया जाएगा। उपभोक्ता कल्याण विभाग के उपाधिकारी चंदन कुमार पटेल ने पहले यह स्पष्ट किया था कि किसान पहले अपने भाग के प्लॉट्स प्राप्त करेंगे, उसके बाद सामान्य जनता को प्लॉट्स खुलेगा। इस कदम से किसानों को न केवल उचित प्रतिफल मिला, बल्कि उन्हें भविष्य में आवासीय या वाणिज्यिक उपयोग के लिये भी अवसर मिला।
ड्रॉ के बाद बोर्ड ने बताया कि दो चरणों में 2,000 प्लॉट्स का विकास होगा, जिसमें प्रत्येक चरण को लगभग 18 महीने की समय सीमा में पूरा करने का लक्ष्य है। निर्माणाधीन इन्फ्रास्ट्रक्चर में जल, बिजली, सड़क, और जल निकासी प्रणाली पहले से ही तैयार है, ताकि आवासीय युनिट्स को शीघ्रता से देना संभव हो सके।
आवास योजना के समर्थन में उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष सब्सिडी की घोषणा भी की है, जिससे EWS वर्ग के खरीदारों को न्यूनतम ब्याज पर गृह ऋण उपलब्ध होगा। इस पहल से न केवल सस्ते घरों की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय आर्थिक गतिविधियों में भी गति आएगी।
लॉटरी ड्रॉ के परिणामों के साथ, अब यह देखना बाकी है कि अगले चरण में आवेदन प्रक्रिया कितनी सुगम होगी और किसानों की पुनःस्थापना योजना कितनी प्रभावी सिद्ध होगी। इस परियोजना के सफल होने पर लखनऊ में किफायती आवास की उपलब्धता में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद है।