भारी वर्षा के समय क्या करें? उपयोगी टिप्स और अपडेट

मनसून का सीजन आते ही हर कोने में बारिश की खुशबू आती है, पर जब बारिश ‘भारी’ हो जाती है तो सबकी दिनचर्या बिगड़ सकती है। घर से बाहर निकलते ही गंदा पानी, फटे हुए रास्ते और अचानक बाढ़ देखी जा सकती है। अगर आप भी ऐसे समय में सुरक्षित रहना चाहते हैं तो नीचे बताई गई आसान बातों पर ध्यान दें।

भारी बारिश के कारण क्या होते हैं?

जब हवाओं में नमी बढ़ती है, समुद्र से ठंडी हवा भारत की ओर आती है और साथ ही गरम धरती से गर्मी उठती है तो बरसात शुरू होती है। अगर कई दिन लगातार भारी बूँदें गिरती रहें, तो नदी का जलस्तर जल्दी ऊपर चढ़ जाता है और निचले इलाकों में पानी जमा हो सकता है। यही कारण है कि कुछ क्षेत्रों में अचानक बाढ़ की समस्या पैदा हो जाती है।

बारिश में सुरक्षित रहने की आसान सलाह

1. मौसम चेतावनी पर नजर रखें – स्थानीय टीवी, रेडियो या सरकारी मौसम ऐप से ताज़ा अपडेट देखें। अगर ‘वॉटर लेवल अलर्ट’ आया हो तो तुरंत योजना बनाएं।

2. घर की तैयारी करें – दरवाजे-खिड़कियों के नीचे बोर्रडर लगाएँ, निचले कमरे में पानी रोके रखने वाले बैरल रखें और बिजली के सॉकेट को ऊँचा रखें।

3. बाहर जाने से बचें – अगर भारी बारिश हो रही है तो अनिवार्य कामों को टालें। अचानक गड्ढे या फटे हुए पुल पर दुर्घटना का खतरा रहता है।

4. सुरक्षित रास्ता चुनें – यदि बाहर जाना पड़े, तो ऊँचे इलाके के रास्ते अपनाएँ और पानी में धँसे सड़क से बचें। गहरी लकीरें दिखने पर तुरंत वापस लौट जाएँ।

5. बिजली की सावधानी रखें – बारिश में बिजली गिरना आम है, इसलिए खुले में मोबाइल चार्जर या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस न लगाएँ। अगर घर में बिजली कट हो तो लाइट्स के बजाय टॉर्च रखिए।

6. सामुदायिक मदद का प्रयोग करें – पड़ोसियों से जानकारी लें, यदि किसी को जलमग्न घर है तो तुरंत सहायता की पेशकश करें। स्थानीय राहत केंद्रों के नंबर नोट कर रखें।

7. पहले स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें – पानी में फँसे हुए लोग या बाढ़ पीड़ितों को डॉक्टर से मिलवाएँ, क्योंकि जलजन्य रोग जल्दी फैल सकते हैं। हाथ‑पैर साफ़ रखें और जूस या पेस्ट्री से बचें।

भारी बारिश के मौसम में हर छोटा कदम बड़ी सुरक्षा देता है। अगर आप इन सरल टिप्स को रोज़मर्रा की आदत बना लेंगे तो न सिर्फ खुद सुरक्षित रहेंगे, बल्कि अपने आस‑पास वाले लोगों की मदद भी कर पाएंगे। याद रखें, प्रकृति का सम्मान और सही तैयारी ही सबसे बड़ा बचाव हथियार है।

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2024

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