जब अज़िम प्रेंजी फाउंडेशन ने 2025 की छात्रवृत्ति की घोषणा की, तो देशभर में लाखों लड़की छात्रों ने आशा की नई रोशनी देखी। संस्थापक अज़िम प्रेंजी ने बताया कि यह पहल भारत के सबसे कमजोर शैक्षणिक क्षेत्रों में समान अवसर लाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। अज़िम प्रेंजी छात्रवृत्ति 2025बेंगलुरु की ऑनलाइन आवेदन विंडो 30 सितंबर 2025, रात 11:59 PM तक खुली है, और यह घोषणा जल्दी ही सोशल मीडिया और शैक्षिक मंचों में धूम मचा रही है।
अज़िम प्रेंजी छात्रवृत्ति 2025 का परिचय
यह छात्रवृत्ति विशेष रूप से सरकारी स्कूलों से स्नातक या डिप्लोमा प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाली लड़की छात्रों को लक्षित करती है। प्रत्येक चयनित छात्रा को सालाना ₹30,000 की आर्थिक मदद मिलती है, जिसे दो किस्तों में ₹15,000‑₹15,000 बांटा जाता है। यह राशि पूरी पाठ्यक्रम (2‑5 वर्ष) के दौरान जारी रहती है, बशर्ते छात्रा अपनी पढ़ाई में कोई अंतराल न रखे। छात्रवृत्ति का मूल लक्ष्य वित्तीय बाधाओं को तोड़कर अधिक महिलाएँ विश्वविद्यालय के दरवाज़े पार कर सकें, यही कारण है कि फाउंडेशन ने कुल 2.5 लाख लाभार्थियों की ambitious लक्ष्य निर्धारित किया है।
योग्यता और आवेदन प्रक्रिया
आवेदन करने वाली छात्राओं को कुछ अनिवार्य शर्तें पूरी करनी होती हैं:
- वर्ष 2025‑26 के शैक्षणिक सत्र में प्रथम वर्ष के लिये मान्यता प्राप्त स्नातक या डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश होना चाहिए।
- कक्षा 10 और कक्षा 12 दोनों को सरकारी स्कूल या कॉलेज से नियमित रूप से पूरा किया हो।
- आवेदन करने वाले राज्य/UT में रहना अनिवार्य है। सूची में अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, उत्तरी प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, तमिलनाडु नहीं, आदि 19 राज्य/UT सम्मिलित हैं।
- पहले वर्ष के छात्रा ही पात्र है; द्वितीय, तृतीय या चतुर्थ वर्ष के छात्रों को नई बार आवेदन नहीं किया जा सकता।
ऑनलाइन आवेदन दो राउंड में खुलेगा: पहला राउंड 10 सेप्टेंबर‑30 सेप्टेंबर 2025 और दूसरा राउंड 10 जनवरी‑30 जनवरी 2026. आवेदन फॉर्म azimpremjifoundation.org पर उपलब्ध है और पूरी तरह से निःशुल्क है। आवश्यक दस्तावेज़ में पासपोर्ट‑साइज़ फोटो, आधार कार्ड, कक्षा 10‑12 मार्कशीट, और बैंक पासबुक की स्कैन कॉपी (PDF/PNG/JPG, 30‑500 KB) शामिल है।
वित्तीय सहायता और वितरण
छात्रवृत्ति की कुल राशि ₹30,000 हर साल दो व्यावहारिक किस्तों में वितरित की जाती है। आधी राशि कोर्स शुरू होने के पहले महीने में और शेष राशि को कोर्स के मध्य में जारी किया जाता है। इस व्यवस्था से फाउंडेशन यह सुनिश्चित करता है कि छात्रा को निरंतर आर्थिक सुरक्षा मिले और वह पढ़ाई में ध्यान केंद्रित कर सके। फाउंडेशन ने बताया कि लाभार्थियों के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफ़र किया जाएगा, जिससे प्रक्रिया तेज़ और पारदर्शी बनती है। यह प्रणाली पिछले वर्षों में सफल रही है; 2023‑24 में 1.8 लाख छात्रों को इस छात्रवृत्ति के माध्यम से सहायता मिली थी।
भौगोलिक कवरेज और लक्ष्य समूह
भौगोलिक रूप से यह पहल भारत के उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देती है जहाँ सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता अक्सर प्रश्नांकित रहती है। उत्तर‑पूर्व के अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा तथा मध्य भारत के छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश सहित राजस्थान और तेलंगाना को विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। इन राज्यों में लड़कियों की उच्च शिक्षा में भागीदारी अभी भी राष्ट्रीय औसत से 15‑20 % पीछे है। इसलिए फाउंडेशन का मानना है कि 2.5 लाख छात्राओं का लक्षित पोषण सामाजिक-आर्थिक असमानता को घटाने में नाटकीय बदलाव लाएगा।
भविष्य की योजना और विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञ डॉ. रीना त्रिपाठी (ज्येष्ठ शैक्षिक शोधकर्ता) ने कहा, “अज़िम प्रेंजी फाउंडेशन की इस पहल से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में लड़की‑लड़के दोनों की आत्म‑विश्वास में भी इजाफा होगा।” उन्होंने जोड़ा कि जब तक आर्थिक बाधाएँ हटाई नहीं जातीं, उच्च शिक्षा का द्वार कई परिवारों के लिए बंद ही रहता है। फाउंडेशन की ओर से बताया गया है कि 2026‑27 में छात्रवृत्ति में संभावित विस्तार किया जाएगा, जिससे अतिरिक्त 30 % छात्रों को लाभ मिल सके। साथ ही, फंडिंग मॉडल को एक स्थायी ‘एंडॉवमेंट’ फंड में बदलने की योजना भी चल रही है, जिससे भविष्य में भी इस प्रकार की सहायता निरंतर बनी रहेगी।
संबंधित प्रश्न

Frequently Asked Questions
कौन-कौन से राज्य/UT में छात्रवृत्ति के लिए पात्र हैं?
अज़िम प्रेंजी छात्रवृत्ति 2025 के लिए 19 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं: अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड। इन क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों से पास होकर प्रथम वर्ष में प्रवेश करने वाली लड़की छात्रा ही पात्र है।
छात्रवृत्ति की कुल राशि कितनी है और किस तरह वितरित की जाती है?
प्रत्येक छात्रा को सालाना ₹30,000 मिलते हैं, जो दो समान हिस्सों में बाँटे जाते हैं – पहले महीने में ₹15,000 और कोर्स के मध्य में शेष ₹15,000। यह भुगतान सीधे छात्रा के बैंक खाते में ट्रांसफ़र किया जाता है, जिससे प्रक्रिया तेज़ और पारदर्शी रहती है।
आवेदन के लिये कौन‑कौन से दस्तावेज़ आवश्यक हैं?
आवेदन में पासपोर्ट‑साइज़ फोटो, आधार कार्ड, कक्षा 10 व 12 की मार्कशीट, तथा एक वैध बैंक पासबुक की स्कैन कॉपी (PDF, PNG या JPG, 30‑500 KB) अपलोड करना अनिवार्य है। फॉर्म भरने के बाद सभी दस्तावेज़ों को पुनः जांचें, क्योंकि असमर्थित फाइल फ़ॉर्मेट या आकार से आवेदन अस्वीकृत हो सकता है।
यदि छात्रा अपने कोर्स में ब्रेक लेती है तो क्या छात्रवृत्ति रद्द हो जाएगी?
हां, छात्रवृत्ति केवल निरंतर अध्ययन के लिए जारी रहती है। यदि छात्रा किसी भी कारण से कोर्स में अंतराल लेती है, तो उसे पुनः पात्रता के लिए आवेदन करना पड़ेगा, और फाउंडेशन की नीति के अनुसार वित्तीय सहायता बंद हो जाएगी।
दूसरा आवेदन राउंड कब शुरू होगा और उसका उद्देश्य क्या है?
दूसरा राउंड 10 जनवरी‑30 जनवरी 2026 को खुलेगा। इसका मुख्य उद्देश्य उन छात्रों को अवसर देना है जो पहली राउंड में आवेदन नहीं कर पाए या जो पहले राउंड में चयनित नहीं हुए लेकिन अब अपनी पढ़ाई शुरू कर चुके हैं। इस राउंड में भी वही मानदंड लागू होंगे।
1 टिप्पणि
Shubham Abhang
सितंबर 29, 2025 AT 23:33ध्यान‑धारियो, इस छात्रवृत्ति में कागज़ात‑का‑भंडार है, समय‑सीमा‑का‑ख्याल‑रखो!!