विजयवाड़ा में रिकॉर्ड वर्षा और बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त
विजयवाड़ा शहर को भारी बारिश के कारण गंभीर बाढ़ और असंख्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसने शहर की सामान्य धारा को बाधित कर दिया है, जिससे नागरिकों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भारी बाढ़ के कारण कई कॉलोनियों में पानी भर गया है, जिससे वहाँ के निवासियों को अत्यधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि विजयवाड़ा में पिछले 30 वर्षों में ऐसी भारी वर्षा नहीं हुई थी, और इस बार की बारिश ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं।
भारी बारिश के कारण शहर के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन भी हुआ है, जिससे कई इलाके प्रभावित हुए हैं। विशेषकर मोगलराजपुरम क्षेत्र में भारी बारिश के कारण बड़े-बड़े पत्थर घरों पर गिर जाने से चार लोगों की जान चली गई। इस दुखद घटना के बाद, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भूस्खलन पीड़ितों के परिवारों को ₹5 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा की है और अधिकारियों को भूस्खलन प्रवण क्षेत्रों से लोगों को हटाने के निर्देश दिए हैं।
नगर निगम की सक्रियता
नगर निगम ने 24 घंटों में 18 सेमी बारिश रिकॉर्ड की है और सड़कों से पानी निकालने के लिए निरंतर काम कर रहा है। जल जमाव वाले सड़कों को नहरों में सीधे पानी प्रवाहित करने की कोशिश की जा रही है ताकि यातायात सामान्य हो सके। नगर निगम ने प्रभावित लोगों के लिए कई सामुदायिक हॉल खोले हैं, जहाँ उन्हें खाना और पानी उपलब्ध कराया जा रहा है।
भारी बारिश और जल जमाव के कारण मछलीपट्टनम, गुडिवाडा, कैकल्लुर, नरसापुरम, अमरावती, मंगलगिरी, और भीमावरम जैसे इलाकों में भी भारी बारिश दर्ज की गई है, जिनमें बारिश का औसत 1 से 9 सेमी के बीच रहा है। बाढ़ और बारिश के कारण गंटूर शहर की कई सड़कों और विजयवाड़ा और गंटूर के बीच काजा टोल प्लाजा में भी यातायात बाधित हुआ है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने अगले दो से तीन दिनों में भी भारी बारिश की चेतावनी दी है और लोगों को चेतावनी दी है कि वह नहरों और धाराओं से सावधान रहें। केंद्रीय जल आयोग ने भी अगले दो दिनों में गोदावरी और कृष्णा नदियों और उनकी सहायक नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी की संभावना जताई है।
मुख्यमंत्री की आपात बैठक
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने स्थिति की समीक्षा के लिए अधिकारियों के साथ एक टेलीकॉन्फ्रेंस की और सरकारी तंत्र को सतर्क रहने के निर्देश दिए। उन्होंने सिंचाई और राजस्व विभागों के बीच समन्वय पर जोर दिया और तालाबों और नहरों के जलस्तर की निगरानी करने का निर्देश दिया।
निष्कर्ष
विजयवाड़ा में हुई इस भारी वर्षा ने पूरे शहर को अव्यवस्था और संकट में डाल दिया है। नगरपालिका और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बावजूद, इस कठिन समय में जनता को अपनी सुरक्षा और सावधानी पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
11 टिप्पणि
Imran khan
सितंबर 3, 2024 AT 20:14ये बाढ़ तो सिर्फ बारिश की वजह से नहीं, बल्कि सड़कों पर नहरों का अनदेखा करने और ड्रेनेज सिस्टम को नज़रअंदाज़ करने का नतीजा है। मैंने 2018 में भी यही बात कही थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
Abhishek gautam
सितंबर 4, 2024 AT 08:44ये सब एक अस्थायी संकट है, लेकिन इसके पीछे एक गहरा विकास असमानता का बोझ है। हमने शहरीकरण को अर्थव्यवस्था के लिए बढ़ावा दिया, लेकिन प्राकृतिक जल चक्र को नहीं। हमने नदियों को कानूनी वस्तु नहीं, बल्कि एक अपशिष्ट डंपिंग ग्राउंड बना दिया। ये बाढ़ अपराध है - न कि भाग्य का खेल।
fathima muskan
सितंबर 5, 2024 AT 01:25मौसम विभाग ने चेतावनी दी? हाँ, लेकिन वो चेतावनी तो बाद में आई जब सब कुछ बह चुका था। ये सब एक बड़ा नियोजन धोखा है - सरकार बारिश के बाद आंखें बंद कर लेती है, फिर टीवी पर आकर भावुक भाषण देती है। 🤦♀️
Sumit singh
सितंबर 6, 2024 AT 07:06इस तरह की बाढ़ में जो लोग घरों के बाहर बैठे हैं, वो सिर्फ अपनी लापरवाही का शिकार हैं। नदी के किनारे घर बनाना? बुद्धिमानी नहीं, बल्कि बेवकूफी है। 😒
Asish Barman
सितंबर 7, 2024 AT 11:11ये सब बाढ़ का मामला नहीं है, ये तो सिस्टम का फेल होना है। जब तक नगर निगम के अधिकारी अपने बैंगलोर में बैठे रहेंगे, तब तक ये सब दोहराएगा। मैंने तो 2020 में भी यही बात कही थी।
Devi Trias
सितंबर 9, 2024 AT 02:44नगर निगम की ओर से 18 सेमी वर्षा रिकॉर्ड करना एक महत्वपूर्ण डेटा बिंदु है। इसके आधार पर जल निकासी की अगली योजना को अपडेट किया जाना चाहिए। यह एक वैज्ञानिक आधारित दृष्टिकोण की आवश्यकता है। ध्यान दें: नहरों की गहराई और व्यास को बारिश के आंकड़ों के अनुसार अपडेट करना आवश्यक है।
Kiran Meher
सितंबर 10, 2024 AT 19:03हाँ, ये बहुत बुरा लग रहा है... लेकिन दोस्तों, हम एक साथ इसे पार करेंगे। जो लोग अभी अस्थायी शिफ्टिंग सेंटर में हैं, आप अकेले नहीं हैं। हम आपके साथ हैं। ये दुख अस्थायी है, लेकिन हमारा साथ हमेशा के लिए है ❤️
Tejas Bhosale
सितंबर 12, 2024 AT 16:07ये बाढ़ एक एंट्रोपी इवेंट है। नगरीय इंफ्रास्ट्रक्चर का कैपेसिटी ट्रेशोल्ड एक्सीड हो गया। लोकल ड्रेनेज नेटवर्क ओवरलोडेड है। जल निकासी डिज़ाइन ने एक्स्ट्रीम हाइड्रोलॉजिकल लोड को कैलकुलेट नहीं किया। बेसिकली, ये एक सिस्टम फेल्योर है।
Neelam Dadhwal
सितंबर 14, 2024 AT 10:51क्या आपने सुना? चंद्रबाबू ने ₹5 लाख देने की घोषणा की... लेकिन जिन लोगों की जान चली गई, उनके परिवार के लिए ₹5 लाख क्या करेगा? ये तो बस एक फोटो ऑपरेशन है - टीवी पर आकर रोना, फिर घर जाकर अपना बैंक बैलेंस चेक करना। ये लोग तो बस राजनीति के लिए रो रहे हैं, न कि दर्द के लिए।
Niharika Malhotra
सितंबर 16, 2024 AT 08:51इस समय में, जब बारिश और बाढ़ हमें अपनी अस्थिरता की याद दिला रही है, तो हमें एक दूसरे के साथ बांध बनाना चाहिए। जो लोग अभी बिना बिजली, बिना पानी, बिना घर के हैं - वे हमारे अपने हैं। ये दुख हम सबका है, और इसका समाधान भी हम सबका होगा। एक दूसरे को भूलना नहीं।
Abhishek Sarkar
सितंबर 18, 2024 AT 02:48ये बाढ़ कोई भाग्य नहीं है, ये एक बड़ा षड्यंत्र है। मौसम विभाग के डेटा को छिपाया गया था। जल निगम के अधिकारी अपने भाई-बंधुओं के लिए नहरों के ऊपर घर बनवा रहे थे। गोदावरी का जलस्तर बढ़ने की चेतावनी तीन दिन पहले ही आ चुकी थी - लेकिन राजनेता ने इसे नज़रअंदाज़ कर दिया। ये जानबूझकर किया गया अपराध है।