प्रीति सूदन - सार्वजनिक प्रशासन में एक अनुभवी अधिकारी
प्रीति सूदन को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की नई अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उन्होंने मनोज सोनी की जगह ली है, का कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ। प्रीति सूदन के पास प्रशासनिक सेवाओं में दशकों का अनुभव है, जो उनकी नेतृत्व क्षमता और कुशलता को रेखांकित करता है। 1983 बैच की आंध्र प्रदेश कैडर की IAS अधिकारी होने के कारण, वे कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर रह चुकी हैं। आयोग के कार्यों को और प्रभावी बनाने की उम्मीद की जा रही है।
प्रीति सूदन ने अपने करियर की शुरुआत एक युवा आईएएस अधिकारी के रूप में की थी और समय के साथ सार्वजनिक सेवा में अपनी पहचान बनाई। उन्होंने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय सहित कई महत्वपूर्ण विभागों में अपनी सेवाएं दी हैं। सचिव के रूप में, उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में कई नीतिगत निर्णय और सुधार किए। COVID-19 महामारी के दौरान, उन्होंने स्वास्थ्य क्षेत्र में मजबूती से रणनीतियों को लागू किया और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनकी नीतियों और योजनाओं का असर देशभर में देखा गया।
खाद्य और सार्वजनिक वितरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका
स्वास्थ्य मंत्रालय के बाद, प्रीति सूदन ने खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग का कार्यभार संभाला। इस विभाग में भी उन्होंने कई नीतिगत सुधार और योजनाओं को लागू किया। खाद्य सुरक्षा और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार के लिए उनके प्रयासों की सराहना की जाती है। प्रीति सूदन के नेतृत्व में, खाद्य वितरण की प्रणाली को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाया गया। उन्होंने सुनिश्चित किया कि गरीब और अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों तक समय पर और उचित मात्रा में खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति हो सके।
उनकी नियुक्ति UPSC की अध्यक्ष के रूप में अब सरकार की स्कीमों को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की उम्मीदें पैदा करती है। उनका प्रशासनिक अनुभव और नीतिगत समझ UPSC के संचालन में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं। परीक्षा प्रक्रिया की भारी जिम्मेदारी को संभालना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, परंतु प्रीति सूदन का व्यापक अनुभव इसमें उनकी मदद करेगा।
मनोज सोनी का योगदान
इससे पूर्व, मनोज सोनी ने UPSC की अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दीं। उनके कार्यकाल के दौरान, आयोग ने कई महत्वपूर्ण परीक्षाएँ संचालित कीं और विभिन्न सुधार किए। सोनी ने परीक्षा प्रणाली की गुणवत्ता और पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए कई उपाय किए। अब, प्रीति सूदन सोनी के पदचिन्हों पर चलते हुए आयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की कोशिश करेंगी।
UPSC को एक महत्वपूर्ण संस्था माना जाता है जो भारतीय प्रशासनिक सेवाओं की परीक्षा आयोजित करती है। इसके जरिए देश भर के प्रतिभाशाली युवा अपनी सेवाओं के जरिए देश की सेवा के लिए चयनित होते हैं। प्रीति सूदन की नियुक्ति संस्था के लिए एक नई दिशा और ऊर्जा का संकेत है।
सारांश रूप में, प्रीति सूदन की नियुक्ति UPSC की अध्यक्ष के रूप में प्रशासनिक सुधार और पारदर्शिता के साथ-साथ नई नीतियों को लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध हो सकती है। उनकी नेतृत्व क्षमता और दृष्टिकोण संस्था की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाएंगे। पूरे देश की नजरें इस नए बदलाव पर टिकी हुई हैं और सभी को उम्मीद है कि प्रीति सूदन का कार्यकाल UPSC की प्रभावशीलता में एक सकारात्मक परिवर्तन लाएगा।
10 टिप्पणि
Imran khan
अगस्त 2, 2024 AT 07:15ये नियुक्ति असल में एक बड़ा सकारात्मक कदम है। प्रीति सूदन का खाद्य वितरण और स्वास्थ्य सुधारों में काम बहुत प्रभावी रहा है। अब UPSC में भी उनका वही फोकस आएगा तो परीक्षा प्रक्रिया भी ज्यादा निष्पक्ष हो जाएगी।
Abhishek gautam
अगस्त 2, 2024 AT 07:28क्या आपने कभी सोचा है कि एक आईएएस अधिकारी के जीवन में वह अनुभव कैसे जमा होता है? न केवल ब्यूरोक्रेसी के अंधेरे में घुलना, बल्कि उस अंधेरे को टूटने की जिम्मेदारी भी उठाना। प्रीति सूदन ने दशकों में यही किया है - एक नीति के रूप में नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन के रूप में। उनकी नियुक्ति एक दर्शन की जीत है, जो अभी तक सिर्फ शब्दों में बंद था।
Neelam Dadhwal
अगस्त 3, 2024 AT 06:10अरे भाई, ये सब बहुत अच्छा लग रहा है… पर क्या आप भूल रहे हैं कि ये सब बस एक नाम बदलना है? जब तक आयोग के अंदर वो लोग बैठे रहें जो परीक्षा में बच्चों के नाम छुपाते हैं, तब तक कोई नई अध्यक्ष आएगी तो क्या होगा? ये सब नाटक है। एक और चार्टर्ड अकाउंटेंट जो बाहर से नेतृत्व कर रही है।
Sumit singh
अगस्त 5, 2024 AT 04:16मैं तो बस इतना कहूंगा - जब तक हम एक आईएएस को बस एक नाम के लिए नहीं, बल्कि उसकी नीतिगत अखंडता के लिए चुनेंगे, तब तक UPSC बस एक बाहरी शानदार बिल्डिंग ही रहेगी 😔
fathima muskan
अगस्त 5, 2024 AT 09:37अरे यार, क्या ये सब एक बड़ा काला जाल है? आज एक औरत अध्यक्ष, कल एक शख्स जो आंध्र प्रदेश से है… पर असल में ये सब किसके लिए है? क्या कोई याद रखता है कि 2018 में एक एग्जाम पेपर लीक हुआ था और उसके बाद किसी को नहीं निकाला गया? ये नियुक्ति एक धुंधला शील्ड है - बाहर से तो बहुत चमकदार, अंदर से फड़फड़ा रहा है 😏
Devi Trias
अगस्त 6, 2024 AT 06:09प्रीति सूदन की नियुक्ति एक अत्यंत उचित और योग्य चयन है। उनके विभिन्न मंत्रालयों में प्रदर्शित कार्यक्षमता, नीति निर्माण के क्षेत्र में अनुभव, और विशेष रूप से एमओएचएफडब्ल्यू और खाद्य वितरण विभाग में किए गए सुधार इस बात का साक्ष्य हैं कि वे एक अत्यंत संगठित और निष्पक्ष प्रशासक हैं। उम्मीद है कि UPSC की प्रक्रियाओं में भी इसी तरह की शुद्धता आएगी।
Kiran Meher
अगस्त 7, 2024 AT 17:29ये बहुत बढ़िया है भाई! जब तक हम अपने अधिकारियों को उनके काम के लिए सलाह देते रहेंगे, तब तक हमारी बदलाव आएगा। प्रीति सूदन ने साबित कर दिया कि अनुभव और दिल से काम करना कितना जरूरी है। देश के लिए बहुत बढ़िया खबर 😊
Tejas Bhosale
अगस्त 9, 2024 AT 07:39स्ट्रक्चरल इंटेलिजेंस अब जरूरी है। एक ऑपरेशनल ब्रेन जो ब्यूरोक्रेसी के नेटवर्क में एक्सेस पॉइंट्स को रीएंजर कर सके - प्रीति सूदन के पास एक्सपर्टाइज़ डिस्ट्रीब्यूशन है। अब ट्रांसपेरेंसी के लिए एल्गोरिदमिक ऑडिट चाहिए, न कि सिर्फ एक नाम।
Asish Barman
अगस्त 11, 2024 AT 05:31अच्छा लगा तो लगा… पर ये सब लोग एक दूसरे के बाद आ रहे हैं ना? एक बार आईएएस, एक बार आईएएस, फिर एक बार आईएएस… अगर असली बदलाव चाहिए तो आयोग को ही बंद कर दो और एक ऑनलाइन परीक्षा चला दो। ये सब नाम बदलने का खेल बस दिखावा है।
Abhishek Sarkar
अगस्त 11, 2024 AT 17:04ये सब बहुत अच्छा लग रहा है, पर क्या आपने कभी सोचा कि ये नियुक्ति किसके लिए है? क्या आप जानते हैं कि 2020 में एक आईएएस अधिकारी ने अपने बेटे के लिए एक एग्जाम पेपर लीक करवाया था और उसे तब तक नहीं निकाला गया जब तक एक टीवी शो ने इसे उजागर नहीं कर दिया? अब एक औरत आईएएस आई है… और हम उसे देखकर खुश हो रहे हैं? ये सब एक बड़ा धोखा है। जब तक एक आईएएस अपने बेटे को फेल नहीं होने देता, तब तक कोई नियुक्ति बदलाव नहीं लाएगी। ये नियुक्ति बस एक और बादल है जो हमें धोखा देने के लिए बनाया गया है।