21
जुल॰
2024
अरविंद केजरीवाल की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर: आप ने जताई चिंता
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की स्वास्थ्य स्थिति पर पार्टी ने एक महत्वपूर्ण अपडेट जारी किया है। यह जानकारी तब सामने आई जब केजरीवाल के मेडिकल रिपोर्ट्स को सार्वजनिक किया गया। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि केजरीवाल का स्वास्थ्य अत्यधिक गंभीर अवस्था में है। उनके शरीर का वजन 70 किलो से घटकर 61.5 किलो रह गया है। इसके साथ ही, उनके रक्त शर्करा स्तर में भी खतरनाक उतार-चढ़ाव देखा गया है, जो कई मौकों पर 50 mg/dL से भी कम हो गया है।
इस प्रकार की स्थितियां न केवल केजरीवाल के लिए जीवन-धमकी साबित हो सकती हैं, बल्कि ऐसी नौबत भी ला सकती हैं कि उन्हें कोमा का सामना करना पड़े। बता दें कि अरविंद केजरीवाल को मधुमेह (डायबिटीज) है और उनका निरंतर मेडिकल मॉनिटरिंग किया जा रहा है। उन्हें तिहाड़ जेल में चिकित्सा निगरानी में रखा गया है। हालांकि, जेल प्रशासन का दावा है कि उनके महत्वपूर्ण संकेतक सामान्य हैं, लेकिन आप पार्टी ने इस दावे को खारिज किया है। पार्टी का कहना है कि मेडिकल रिपोर्ट्स स्पष्ट रूप से संकेत दे रही हैं कि केजरीवाल की स्वास्थ्य स्थिति काफी गंभीर है।
जेल में निगरानी के बावजूद स्वस्थ्य नहीं
आप के नेताओं और केजरीवाल के परिवार ने उनकी सेहत को लेकर पहले भी चिंता जताई है। केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने भी इस मामले में अपनी चिंता व्यक्त की है। तिहाड़ जेल में कड़ी निगरानी में रहने के बावजूद उनका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता गया है। जेल अधिकारियों के दावे और वास्तविकता के बीच का अंतर पार्टी के नेताओं को और भी चिंतित कर रहा है।
अरविंद केजरीवाल को मार्च 2024 में प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) ने दिल्ली एक्साइज पॉलिसी 2021-22 से संबंधित एक मनी लॉन्डरिंग मामले में गिरफ्तार किया था। तब से उन्हें तिहाड़ जेल में रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत प्रदान की थी, लेकिन लोकसभा चुनावों के बाद उन्हें फिर से जेल में लौटना पड़ा। पार्टी और उनके समर्थक लगातार इस मामले में उनकी रिहाई और स्वास्थ्य के लिए बेहतर सुविधा की मांग कर रहे हैं।
स्वास्थ्य की गहरी चिंता
अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य की बिगड़ती स्थिति ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में गहरी चिंता पैदा कर दी है। आप के प्रवक्ता का कहना है कि केजरीवाल का स्वास्थ्य स्थिति बेहद नाजुक है और इसे नजरंदाज करना एक बड़ी गलती साबित हो सकती है। इसके अलावा, अस्पताल की रिपोर्ट्स ने भी स्पष्ट किया है कि अगर समय रहते उचित इलाज नहीं हुआ, तो उनकी स्थिति और बिगड़ सकती है।
केजरीवाल की सेहत से जुड़ी इस नवीनतम जानकारी ने राजनीतिक गलियारे में भी हलचल मचा दी है। कई वरिष्ठ नेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और उन पर ध्यान देने की अपील की है। खासकर, ऐसे परिदृश्य में जब वे पार्टी के सबसे महत्वपूर्ण नेता हैं और दिल्ली में आप की सरकार के प्रमुख रणनीतिकार भी हैं।
आम आदमी पार्टी के कई समर्थक और कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हो गए हैं और अरविंद केजरीवाल के स्वास्थ्य को लेकर लगातार जानकारी साझा कर रहे हैं। वे जेल प्रशासन और सरकार से अपील कर रहे हैं कि केजरीवाल को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं दी जाएं और उनकी स्वास्थ्य स्थिति को गंभीरता से लिया जाए।
सरकार और जेल प्रशासन की जिम्मेदारी
इस बीच, यह सवाल भी उठ रहा है कि सरकार और जेल प्रशासन की भूमिका क्या रही है और क्या वे वास्तव में केजरीवाल के स्वास्थ्य की चिंता कर रहे हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है कि केजरीवाल की बिगड़ती हालत को देखते हुए तुरंत एक स्वतंत्र मेडिकल बोर्ड गठित किया जाना चाहिए, जो उनकी स्वास्थ्य स्थिति का निष्पक्ष मूल्यांकन कर सके।
आप पार्टी ने जोर देकर कहा है कि सरकार को केजरीवाल की स्वास्थ्य को नजरंदाज नहीं करना चाहिए और उनके इलाज के लिए अविलंब कदम उठाना चाहिए। अगर उनकी स्वास्थ्य स्थिति और बिगड़ती है, तो यह केवल व्यक्तिगत नहीं बल्कि एक राजनीतिक और सार्वजनिक मसला बन जाएगा।
निष्कर्ष
अरविंद केजरीवाल की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर आप पार्टी की चिंता को हल्के में नहीं लिया जा सकता। मेडिकल रिपोर्ट्स और पार्टी के नेताओं के बयानों ने साफ कर दिया है कि केजरीवाल की स्थिति गंभीर है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही उनके जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और जेल प्रशासन इस मामले को कैसे संभालते हैं और केजरीवाल को उचित चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।
एक टिप्पणी लिखें