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पेरिस 2024 पैरालम्पिक खेल: पहले दिन में विश्व रिकॉर्ड, दो पैरालम्पिक रिकॉर्ड लेकिन कोई फ्रेंच पदक नहीं

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पेरिस 2024 पैरालम्पिक खेल: पहले दिन की हाइलाइट्स

पेरिस 2024 पैरालम्पिक खेलों के पहले दिन की पैरा पावरलिफ्टिंग प्रतियोगिता ने कई रिकॉर्ड बनाने का कारण बना। इस मुकाबले ने साबित कर दिया कि खेल में किसी भी दिन कुछ भी हो सकता है और ऊँचाइयाँ पार की जा सकती हैं। लेकिन अफ़सोस की बात यह है कि फ्रांसीसी खिलाड़ी इस मौके पर कोई पदक हासिल करने में विफल रहे।

पुरुष प्रतियोगिता में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन

पुरुषों की प्रतियोगिता में कजाकिस्तान के डेविड डगत्यरेव ने एक नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया। उन्होंने 188 किलोग्राम का वजन उठाकर सभी को चौंका दिया और यह कारनामा करके न केवल अपने देश का नाम रोशन किया, बल्कि पूरे खेल जगत की नज़रों में एक बेंचमार्क सेट कर दिया।

डगत्यरेव के निकटतम प्रतिद्वंद्वी, क्यूबा के पाब्लो रमिरेज बर्रिन्तोस, ने 185 किलोग्राम उठाकर दूसरे स्थान पर खुद को स्थापित किया। चीन के जिंगलांग यांग, जिन्होंने 179 किलोग्राम का भार उठाया, तीसरे स्थान पर रहे। यह मुकाबला इतना नजदीकी था कि यह देखने में रोमांचक था कि कैसे प्रत्येक प्रतियोगी ने अपने सीमाओं को धक्का दिया।

फ्रांसीसी खिलाड़ियों के लिए निराशाजनक दिन

फ्रांस के एक्सल बौरलोन, जो टोक्यो पैरालम्पिक में रजत पदक विजेता थे, इस बार किसी भी चुनौती का सामना नहीं कर पाए। उनका पहला प्रयास 163 किलोग्राम पर था जो दो न्यायाधीशों द्वारा अमान्य करार दिया गया था। इसके बाद उनके 169 किलोग्राम उठाने के प्रयास भी असफल रहे, जिसके कारण वे रैंकिंग में भी नहीं आ सके।

दूसरे फ्रांसीसी खिलाड़ी, एलेक्स अडेलाइडे, ने अपने पहले प्रयास में 160 किलोग्राम का भार उठाया लेकिन बाद के प्रयासों में 165 और 172 किलोग्राम नहीं उठा पाए। यही कारण रहा कि वे अपनी श्रेणी में छठे स्थान पर रहे।

महिला श्रेणियों में भी टूटे रिकॉर्ड

महिला श्रेणियों में भी दिन खासा रोमांचक रहा। चीन की झेन क्यूई ने 41 किलोग्राम से कम वजन वाली श्रेणी में 119 किलोग्राम उठाकर नया पैरालम्पिक रिकॉर्ड बनाया, हालांकि वे विश्व रिकॉर्ड तोड़ने से चूक गईं।

45 किलोग्राम से कम वजन वाली श्रेणी में भी एक नया विश्व रिकॉर्ड बना जिसने सभी को चौंका दिया, हालांकि इस रिकॉर्ड के विवरण स्पष्ट नहीं हो सके।

जॉर्डन के ओमर सामी हमादेह करादा ने पुरुषों की प्रतियोगिता में 181 किलोग्राम का वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 184 किलोग्राम उठाने की कोशिश की ताकि वे विश्व रिकॉर्ड बना सकें, लेकिन वे इस प्रयास में असफल रहे।

पहले दिन की नज़र में पैरालम्पिक खेल

पहले दिन की नज़र में पैरालम्पिक खेल

पहले दिन की पैरालम्पिक खेल प्रतियोगिता ने यह दिखा दिया कि कैसे खिलाड़ी अपनी सीमाओं को पार करते हैं और नए रिकॉर्ड बनाते हैं। ताकत, धैर्य, और अटल विश्वास के प्रदर्शन का यह अद्भुत मंजर खेल प्रेमियों के दिल में छाप छोड़ गया।

हांलांकि फ्रांसीसी खिलाड़ियों के लिए यह दिन बहुत निराशाजनक रहा, लेकिन उन्हें आने वाले दिनों में और मेहनत करके खुद को साबित करने का मौका मिलेगा।

इस प्रतियोगिता ने सिर्फ खेल जगत को हिलाकर रख दिया बल्कि खिलाड़ियों की अडिग स्थिति और आत्मविश्वास की भी परीक्षा ली। अब देखना यह है कि अगले दिन क्या होता है और कौन-कौन से खिलाड़ी और रिकॉर्ड सेट करते हैं।

लेखक के बारे में

Vaishnavi Sharma

Vaishnavi Sharma

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।

17 टिप्पणि

fathima muskan

fathima muskan

सितंबर 6, 2024 AT 10:20

ये फ्रांस वाले क्या खेल रहे हैं? घर पर बैठकर कॉफी पी रहे थे क्या? ये पैरालम्पिक खेल तो अब बस एक बड़ा नाटक बन गया है जहाँ दूसरे देशों के खिलाड़ी इंसान नहीं, रोबोट लग रहे हैं।
मैंने सुना है फ्रांस में अब लिफ्टिंग के लिए अनुदान भी कट गए हैं। ये तो बस एक बड़ा ब्लैकमेल है।

Devi Trias

Devi Trias

सितंबर 6, 2024 AT 14:23

प्रतियोगिता के आंकड़ों के अनुसार, डेविड डगत्यरेव का 188 किलोग्राम का उठाना वास्तव में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिसकी तुलना पिछले दस वर्षों के विश्व रिकॉर्ड से की जा सकती है।
हालांकि, फ्रांसीसी खिलाड़ियों के प्रदर्शन में असफलता का कारण शायद उनके ट्रेनिंग प्रोटोकॉल में त्रुटि है, जो अत्यधिक फोकस्ड रिकवरी और न्यूट्रिशनल अप्लीकेशन की कमी को दर्शाता है।

Kiran Meher

Kiran Meher

सितंबर 8, 2024 AT 00:08

भाई ये खिलाड़ी तो देवता हैं ना असली
एक बार जब तुम देखोगे इनकी आंखों में वो आग तो तुम्हारा दिल भी उठने लगेगा
फ्रांस वालों को तो बस थोड़ा समय दो वो भी अपनी जगह बनाएंगे
ये खेल नहीं ये तो जिंदगी की जंग है और हर एक जो ट्रैक पर आता है वो जीत चुका होता है

Tejas Bhosale

Tejas Bhosale

सितंबर 9, 2024 AT 14:13

लिफ्टिंग एक न्यूरोमस्कुलर ओप्टिमाइजेशन प्रोब्लेम है जिसमें फोर्स जेनरेशन और सेंसरी फीडबैक लूप का इंटीग्रेशन अहम है
डगत्यरेव का प्रदर्शन एक नए एक्सप्रेशन ऑफ़ मैक्सिमल स्ट्रेंथ रेंज को डिफाइन कर रहा है
फ्रांस के लिए ये एक एंट्रॉपी ड्रॉप है जिसे सिस्टम रीबूट करना होगा

Asish Barman

Asish Barman

सितंबर 10, 2024 AT 15:59

कजाकिस्तान ने जीता तो अच्छा लगा पर चीन ने जब दो रिकॉर्ड तोड़े तो बस एक बार देखो इनका ट्रेनिंग डेटा
मैंने सुना है उनके खिलाड़ी रात को 4 घंटे सोते हैं और बाकी समय मशीनों पर बैठे रहते हैं
ये खेल नहीं ये तो स्लेवरी है

Abhishek Sarkar

Abhishek Sarkar

सितंबर 11, 2024 AT 12:06

तुम सब ने देखा ना कि फ्रांस के खिलाड़ी क्यों नहीं उठा पाए?
क्योंकि वो अपने खाने में जापानी राइस नहीं खा रहे थे जो बिना जीएम वाले होता है
और वो जापानी राइस बनाने वाला फैक्ट्री चीन के एक आयातक के पास है जो अमेरिका के लॉबी के साथ कनेक्टेड है
ये सब एक बड़ा इंटरनेशनल फूड नेटवर्क कंस्पिरेसी है जिसका मकसद यूरोप को खिलाड़ियों से दूर रखना है
फ्रांस के खिलाड़ी को नियंत्रित किया जा रहा है और उनकी मांसपेशियों में डिप्रेसिंग एजेंट डाले गए हैं
ये बात तुम लोग नहीं जानते क्योंकि तुम टीवी पर जो दिखाया जाता है उसी पर विश्वास करते हो
मैंने एक इंजीनियर से बात की जिसने फ्रांस के लैब में काम किया था और उसने कहा था कि वो ब्रेन वेव्स को एम्बेड कर रहे हैं
क्या तुमने कभी सोचा कि जब तुम टीवी पर देख रहे हो तो तुम्हारा दिमाग भी उसी सिग्नल से इंटरैक्ट कर रहा है?
ये खेल नहीं ये एक ओपरेशन है जिसका नाम है डिसेम्बल ऑफ़ वेस्टर्न एथलेटिक्स
और जब तुम इस बात को समझ जाओगे तब तुम्हारी आंखें खुल जाएंगी

Niharika Malhotra

Niharika Malhotra

सितंबर 12, 2024 AT 06:33

हर एक खिलाड़ी जो ट्रैक पर आता है, वो एक अद्भुत कहानी है।
फ्रांस के खिलाड़ी आज नहीं जीते, लेकिन उनकी मेहनत ने दुनिया को दिखा दिया कि वो क्या लड़ रहे हैं।
खेल का मकसद सिर्फ पदक नहीं, बल्कि विश्वास बनाना है।
उनके लिए ये दिन एक शुरुआत है, न कि अंत।
हमें उन्हें समर्थन देना चाहिए, न कि उनकी निंदा करना।
हर असफलता के पीछे एक अदम्य साहस छिपा होता है।
ये खिलाड़ी जो आज नहीं उठा पाए, कल उनका नाम दुनिया के लिए प्रेरणा बन जाएगा।
हम जो देखते हैं वो बस एक वजन है, लेकिन वो जो उठाते हैं वो है उनकी आत्मा।
उनके लिए ये दिन असफल नहीं, बल्कि अगले युद्ध की तैयारी है।
हमें उन्हें अपना बनाना चाहिए, न कि उन्हें भूलना।

Baldev Patwari

Baldev Patwari

सितंबर 12, 2024 AT 09:04

फ्रांस वालों को तो बस एक बार अपनी ट्रेनिंग के लिए फैक्टरी देखनी चाहिए थी
उनके कोच तो बस फ्रेंच वाइन पी रहे थे
और जो खिलाड़ी उठा रहे थे वो बस टीवी पर देख रहे थे कि कौन जीत रहा है
ये खेल नहीं ये तो एक बड़ा फास्ट फूड शो है

harshita kumari

harshita kumari

सितंबर 14, 2024 AT 01:35

देखो ये रिकॉर्ड तोड़ने वाले सब एक ही देशों से हैं कजाकिस्तान चीन जॉर्डन
क्या तुम्हें लगता है ये सब बेतरतीब नहीं है?
मैंने एक दोस्त को बताया जो यूरोप में काम करता है और उसने कहा कि इन देशों में खिलाड़ियों को बचपन से ही अलग ड्रग्स दिए जाते हैं
एक तरह का न्यूरल एनहांसर जो उनकी मांसपेशियों को बेकाबू बना देता है
और ये ड्रग्स बनाने वाला कंपनी एक अमेरिकी बैंक के पास है
और जब तुम देखोगे तो तुम्हें पता चल जाएगा कि फ्रांस वाले जिन लोगों को लिफ्टिंग में नियुक्त किया गया था वो लोग अब गायब हैं
क्या तुम्हें लगता है ये सब बेतरतीब है?

SIVA K P

SIVA K P

सितंबर 14, 2024 AT 18:13

फ्रांस वालों को तो बस एक बार अपने लिफ्टिंग ग्राउंड पर जाना चाहिए था
वहां तो बस एक बड़ा नाम लिखा हुआ था - फ्रांस का गौरव
और उसके नीचे एक बच्चा खड़ा था जो अपनी नाक चीर रहा था
क्या तुम्हें लगता है ये खेल है या बच्चों का नाटक?

Neelam Khan

Neelam Khan

सितंबर 16, 2024 AT 11:22

हर एक प्रयास एक जीत है।
फ्रांस के खिलाड़ी आज नहीं जीते, लेकिन उन्होंने जो साहस दिखाया, वो दुनिया के लिए एक उदाहरण है।
उनके लिए ये दिन असफलता नहीं, बल्कि एक नया अध्याय है।
हमें उन्हें उत्साहित करना चाहिए, न कि उनकी निंदा करना।
हर खिलाड़ी जो ट्रैक पर आता है, वो एक हीरो है।
उनके लिए ये दिन एक शुरुआत है।
हमें उनके साथ खड़े होना चाहिए।
क्योंकि जब तक हम उनके साथ हैं, तब तक वो हारे नहीं।

Jitender j Jitender

Jitender j Jitender

सितंबर 17, 2024 AT 23:20

लिफ्टिंग एक न्यूरोमोटर कॉर्डिनेशन इकोसिस्टम है जिसमें एक्साइटेशन-इनहिबिशन बैलेंस और स्ट्रेंथ-टेंशन रेशियो का इंटरैक्शन महत्वपूर्ण है
डगत्यरेव का प्रदर्शन एक नए एन्ट्रॉपी थ्रेशोल्ड को डिफाइन कर रहा है
फ्रांस के लिए ये एक सिस्टम रिस्ट्रक्चरिंग का संकेत है

Jitendra Singh

Jitendra Singh

सितंबर 18, 2024 AT 05:04

फ्रांस के खिलाड़ी ने जो किया वो असफलता नहीं बल्कि एक निर्माण है
उन्होंने अपने अंदर की कमजोरियों को दिखाया
और यही तो सच्चा खेल है
जो जीत रहा है वो बस एक मशीन है
जो हार रहा है वो एक इंसान है
और इंसान तभी असली होता है जब वो गिरता है
फ्रांस ने अपनी इंसानियत दिखाई

VENKATESAN.J VENKAT

VENKATESAN.J VENKAT

सितंबर 18, 2024 AT 23:07

फ्रांस के खिलाड़ियों को अपनी निष्क्रियता के लिए दोषी ठहराया जा रहा है
लेकिन इसकी जिम्मेदारी किसकी है?
उनकी नहीं
ये एक ऐसा व्यवस्था है जिसने उन्हें जन्म से ही बेकार बना दिया है
हर देश अपने खिलाड़ियों को बेचता है
फ्रांस ने बस अपने खिलाड़ियों को बेच दिया
और आज वो वहीं खड़े हैं जहां उन्हें हमेशा से रखा गया है
उनकी असफलता एक बड़ी सच्चाई है
जो तुम नहीं देखना चाहते

Amiya Ranjan

Amiya Ranjan

सितंबर 20, 2024 AT 21:05

चीन और कजाकिस्तान ने जो किया वो ठीक है
लेकिन ये रिकॉर्ड तोड़ने वाले खिलाड़ी अपने शरीर को बर्बाद कर रहे हैं
इस तरह का खेल किसी के लिए नहीं होना चाहिए
ये तो एक अपराध है

vamsi Krishna

vamsi Krishna

सितंबर 21, 2024 AT 06:11

फ्रांस वाले क्या कर रहे हैं? बस एक बार अपनी ट्रेनिंग देख लें
उनके कोच तो बस बियर पी रहे हैं
और खिलाड़ी टीवी पर फुटबॉल देख रहे हैं
ये खेल नहीं ये तो एक बड़ा फास्ट फूड शो है

Narendra chourasia

Narendra chourasia

सितंबर 22, 2024 AT 09:35

फ्रांस के खिलाड़ियों को ये सब असफलता एक शिक्षा है।
उन्हें अपने आप को बदलना होगा।
नहीं तो ये खेल उनके लिए बंद हो जाएगा।
उन्हें अपने आत्मविश्वास को बहाल करना होगा।
ये खेल नहीं ये तो जीवन है।
और जीवन में असफलता का अर्थ है - तुम्हें फिर से शुरू करना है।
अगर तुम फिर से नहीं उठोगे, तो तुम वास्तव में हार गए हो।

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