NEET-UG 2024 पेपर लीक विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने NTA से मांगा जवाब

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11

जून

2024

NEET-UG 2024 पेपर लीक विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का रुख

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षण प्राधिकरण (NTA) से नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET)-UG 2024 को रद्द करने और दोबारा परीक्षा आयोजित करने की याचिका पर जवाब मांगा है। यह याचिका शिवांगी मिश्रा और अन्य नौ याचिकाकर्ताओं द्वारा 1 जून को दायर की गई थी। 4 जून को घोषित परिणामों के बाद इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि पेपर लीक और अन्य कदाचार की घटनाओं के कारण परीक्षाफल में बड़ी अनियमितताएं हुई हैं।

परिणामों में असाधारण उच्च अंक

NEET-UG 2024 के परिणामों में असाधारण उच्च अंकों के कारण विवाद उत्पन्न हो गया है। इस वर्ष 67 उम्मीदवारों ने शीर्ष अंक हासिल किए हैं जबकि पिछले वर्ष यह संख्या केवल दो थी। इनमें से कई उम्मीदवारों ने एक बुनियादी भौतिकी के प्रश्न का गलत उत्तर दिया था, लेकिन उन्हें 'ग्रेस मार्क्स' दिए गए, क्योंकि पुरानी NCERT कक्षा 12 पुस्तक में एक त्रुटि थी। इससे परिणामों की निष्पक्षता पर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

एनटीए का पक्ष

NTA ने स्पष्ट किया है कि कुछ उम्मीदवारों को परीक्षा के दौरान खोए समय की भरपाई के लिए अतिरिक्त अंक दिए गए हैं। हालांकि, यह मुद्दा आज भी विवादास्पद बना हुआ है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि पेपर लीक और अन्य कदाचारों के चलते परिणामों में गंभीर अनियमितताएं हुई हैं, जो निष्पक्षता और पारदर्शिता को नुकसान पहुंचाती हैं।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए NTA से जवाब मांगा है। हालांकि, अदालत ने MBBS और अन्य पाठ्यक्रमों में सफल उम्मीदवारों के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया को स्थगित करने से इनकार कर दिया है। अदालत का मानना है कि इस प्रक्रिया को तत्काल रोकना आवश्यक नहीं है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि जांच पूरी होने तक कोई अंतिम निर्णय न लिया जाए।

याचिका का आधार

शिवांगी मिश्रा और अन्य याचिकाकर्ताओं में NEET-UG 2024 के परिणामों में अनियमितताओं और मुकदमेबाजी को लेकर बड़ी चिंता व्यक्त की है। उनका दावा है कि पेपर लीक और अन्य कदाचारों ने छात्रों के मेहनत और ईमानदारी पर पानी फेर दिया है। इस घोटाले के कारण वे मानसिक और भावनात्मक रूप से त्रस्त हो गए हैं।

छात्रों की प्रतिक्रिया

इस मामले में छात्रों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। कई छात्रों ने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और यदि दोषी पाए जाते हैं तो कठोर कदम उठाए जाने चाहिए। छात्रों का कहना है कि इस तरह के विवाद उनके प्रशिक्षण और करियर के साथ खिलवाड़ करते हैं, जिससे उनके मनोबल पर बुरा असर पड़ता है।

अन्य विवादित प्रश्न

परीक्षाओं में ऐसे विवादित प्रश्न हर साल सामने आते हैं जो परीक्षा बोर्ड और छात्रों के बीच एक नया विवाद खड़ा कर देते हैं। इस साल भी कई ऐसे उदाहरण देखने को मिले जहां पुरानी किताबों में दिए गए गलत उत्तर की वजह से छात्रों को गलत दिशा में मार्गदर्शन मिला।

आगे की प्रक्रिया

अब सभी की निगाहें NTA के जवाब पर टिकी हैं। इसके बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी कि क्या वाकई परीक्षा को दोबारा आयोजित करने की आवश्यकता है या नही। सुप्रीम कोर्ट का निर्देश और NTA की प्रतिक्रिया के बाद ही इस मामले में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

इस घोटाले ने शिक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि इस मामले में दोषी पाए जाते हैं, तो यह देखने योग्य होगा कि क्या कार्रवाई की जाती है और किस तरह से भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा।

लेखक के बारे में

स्नेहा वर्मा

स्नेहा वर्मा

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।

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