इन्फोसिस पर 4 बिलियन डॉलर की टैक्स मांग के बाद अन्य आईटी कंपनियों को टैक्स नोटिस भेज सकती है भारत सरकार

शेयर करना




2

अग॰

2024

इन्फोसिस पर 4 बिलियन डॉलर की टैक्स मांग: अन्य आईटी कंपनियां निशाने पर

भारत सरकार ने हाल ही में इन्फोसिस पर 4 बिलियन डॉलर की टैक्स मांग की है और अब संभावना जताई जा रही है कि अन्य प्रमुख आईटी कंपनियों को भी टैक्स नोटिस भेजे जा सकते हैं। यह जानकारी एक स्रोत के माध्यम से मिली है।

जीएसटी पंजीकरण और संबंधित नियमों के तहत, टैक्स अधिकारियों ने कई आईटी कंपनियों की जांच शुरू की है। इन्फोसिस पर आरोप है कि यह जीएसटी के तहत लागू आईजीएसटी का भुगतान नहीं कर रही है।

इन्फोसिस ने दावा किया है कि उसने जीएसटी कानून का पूरी तरह से पालन किया है और हाल ही में उसे डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ़ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) से एक नोटिस मिला है।

अन्य आईटी कंपनियों पर आने वाली मुश्किलें

इस ताजा विकास ने आईटी क्षेत्र पर टैक्स अधिकारियों की बढ़ती नजर को स्पष्ट कर दिया है। यह संकेत है कि अन्य आईटी कंपनियों पर भी इसी तरह के टैक्स नोटिस भेजे जा सकते हैं। यह मामला जुलाई 2017 से वित्तीय वर्ष 2021-2022 तक का है और अगर आरोप सही साबित होते हैं, तो इन्फोसिस को भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है।

डीजीजीआई का इन्फोसिस के खिलाफ यह जांच व्यापक जांच प्रयासों का हिस्सा है, जिसका मुख्य उद्देश्य जीएसटी नियम पालना सुनिश्चित करना और विशेष ध्यान देना है कि सेवाओं के आयात पर रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म का सही से पालन हो रहा है या नहीं।

एक उद्योग विशेषज्ञ ने बताया कि यह कदम तमाम आईटी कंपनियों के लिए सचेत अधिसूचना के रूप में देखा जा सकता है। नियामक अवलोकन के तहत, अब आईटी सेक्टर अधिक सतर्क हो जाएगा।

सरकार का यह कदम भारतीय आईटी उद्योग के लिए नई चुनौतियां प्रस्तुत कर रहा है, विशेषकर तब जब पहले से ही वे कम लागत और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता का सामना कर रहे हैं। उद्योग विश्लेषक मानते हैं कि अब समय आ गया है कि आईटी कंपनियां अपने टैक्स अनुपालन को और सशक्त बनाएं ताकि ऐसे किसी संभावित जटिलताओं से बचा जा सके।

इसके साथ ही, टैक्स अधिकारियों की जांच को उद्योग में पारदर्शिता और जिम्मेदारी के संबंध में सकारात्मक दृष्टि से भी देखा जा सकता है। अगर सभी आरोप सच साबित होते हैं, तो सरकार के इस कदम से यह संदेश जाएगा कि देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के प्रयासों में कोई हलकी शर्तें नहीं हैं।

फिलहाल, यह देखना दिलचस्प होगा कि टैक्स नोटिसों की आगामी लहर में कौन सी अन्य आईटी कंपनियां पकड़ में आती हैं। उद्योग के लिए यह समय आत्मनिरीक्षण और टैक्स कानूनों के पालन के महत्व को समझने का है।

लेखक के बारे में

स्नेहा वर्मा

स्नेहा वर्मा

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।

एक टिप्पणी लिखें