23
जून
2024

राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के नए महानिदेशक के रूप में प्रदीप सिंह खरोला की नियुक्ति की घोषणा शिक्षा जगत के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। यह निर्णय उस वक्त लिया गया है जब NTA कई विवादों और आरोपों के घेरे में है, खासकर पेपर लीक के मामले में। खरोला, जो वर्तमान में भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन (ITPO) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं, उन्हें यह अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है।
प्रदीप सिंह खरोला कर्नाटक कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। खरोला ने अपने करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। नवंबर 2017 में वे एयर इंडिया के प्रमुख नियुक्त हुए थे, जहां पर सरकार का एयर इंडिया के निजीकरण का पहला प्रयास असफल रहा था। इसके बाद 2019 में खरोला को नागरिक उड्डयन सचिव की जिम्मेदारी दी गई थी।
इस बीच, NTA के पूर्व महानिदेशक सुभोध कुमार सिंह को पद से हटाकर उन्हें कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) में अनिवार्य प्रतीक्षा पर रखा गया है। उनके कार्यकाल के दौरान, NEET और UGC-NET जैसी प्रमुख परीक्षाओं में अनियमितताओं के आरोप लगे थे। कई छात्र और अभिभावक इन अनुमानों के चलते परेशान थे और उन्होंने अनेक विरोध प्रदर्शन किए थे।
सरकार ने UGC-NET परीक्षा को इन आरोपों के चलते रद्द कर दिया है। वहीं, NEET-UG परीक्षा भी जांच के दायरे में है। CSIR-UGC NET परीक्षा, जो कि 25-27 जून के बीच आयोजित होने वाली थी, उसे भी टाल दिया गया है। इन परिस्थितियों को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय को ये कदम उठाने पड़े हैं।
शिक्षा मंत्री का बयान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक बयान में कहा, "राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के शीर्ष नेतृत्व पर गहन जांच हो रही है। हमें शिक्षा प्रणाली की साख और निष्पक्षता को बनाए रखना है, इसलिए हम किसी भी प्रकार की अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि CSIR-UGC NET परीक्षा में कोई पेपर लीक नहीं हुआ है।
इस बयान के बाद छात्रों और शिक्षाविदों के बीच एक मिश्रित प्रतिक्रिया देखी गई है। कुछ लोगों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है और इसे एक सकारात्मक पहल कहा है, जबकि कुछ अन्य ने इसे सिर्फ दबाव के चलते लिया गया निर्णय मानते हुए इसकी आलोचना की है।
NTA की भविष्य की जिम्मेदारियां
NTA की भूमिका और उसके द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं की निष्पक्षता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है। प्रदीप सिंह खरोला को इस बात का ध्यान रखना होगा कि सभी परीक्षाएं पूर्णतः पारदर्शी तरीके से आयोजित हों।
- शिक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की ज़रूरत है।
- प्रवेश परीक्षाओं में शामिल होने वाले सभी छात्रों को एक समान अवसर मिलना चाहिए।
- परीक्षा प्रक्रियाओं की धांधली रोकने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग अवश्य किया जाना चाहिए।
- सरकार को शिक्षा प्रणाली की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए तत्पर रहना चाहिए।
अंततः, NTA की जिम्मेदारी न केवल परीक्षाओं का संचालन करना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि देश के युवा सही और निष्पक्ष तरीके से अपने भविष्य की दिशा तय कर सकें।
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