2024 पेरिस ओलंपिक में फ्रांस ने पुरुष फुटबॉल क्वार्टरफाइनल में अर्जेंटीना को 1-0 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया है। यह मैच 2 अगस्त, 2024 को बोर्दो स्टेडियम में आयोजित किया गया था, जो ना केवल खेल के लिए बल्कि हाल ही की नस्लीय घटनाओं के कारण भी यादगार रहेगा। विंश से पहले, अर्जेंटीना के खिलाड़ियों का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कोपा अमेरिका जीत पर एक अपमानजनक गीत गाया था, जिसका लक्ष्य अफ्रीकी मूल के फ्रेंच खिलाड़ियों पर था। इस वीडियो के सामने आने के बाद फ्रेंच दर्शकों ने पूरे मैच के दौरान अर्जेंटीना टीम के खिलाफ जमकर हूटिंग की।
मैच की शुरुआत से ही दर्शकों के बीच तनाव स्पष्ट था। फ्रांस के कोच थियरी हेनरी ने इस तनावपूर्ण माहौल के बावजूद अपने खिलाड़ियों का उत्साह बनाए रखा और ध्यान केवल खेल पर केंद्रित करने की सलाह दी। फ्रांस ने बेहद शानदार खेल का प्रदर्शन किया और 28वें मिनट में एकमात्र गोल करके मैच में बढ़त बनाई। गोल करने वाले खिलाड़ी को टीम के साथी खिलाड़ियों ने गले लगाकर बधाई दी, जबकि स्टेडियम में बैठे दर्शकों ने जमकर तालियाँ बजाईं।
चूंकि मैच में नस्लीय घोटाले का साया बना रहा, इसलिए खिलाड़ियों के बीच भी कुछ गरमागरमी दिखाई दी। अंत में दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच थोड़ी झड़प भी हुई, जिसे रेफरी और कोचों के हस्तक्षेप से रोका गया। मैच के खत्म होने के बाद, फ्रांस की फुटबॉल फेडरेशन ने FIFA में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में वायरल वीडियो का संदर्भ दिया गया और उचित कार्रवाई की माँग की गई।
फ्रांस की जीत केवल खेल की जीत नहीं थी, बल्कि उनके खिलाड़ियों के लिए यह मानसिक जंग भी थी। खिलाड़ियों ने माना कि यह घटना उनके लिए अतिरिक्त प्रेरणा का स्रोत बनी। परिणामस्वरूप, फ्रांस ने अर्जेंटीना को पछाड़कर हाल के मुकाबलों में 2-1 की बढ़त बना ली है।
इस मैच के बाद से ही राजनीतिक स्तर पर भी विवाद से जुड़ी चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। फ्रांस और अर्जेंटीना के नेताओं ने भी बयान दिए हैं, जिससे इस मामले ने और अधिक तूल पकड़ लिया है। फ्रांस के खिलाड़ियों ने इस जीत को अपने देशवासियों को समर्पित किया और आश्वस्त किया कि वे अगले मैचों में भी ऐसा ही प्रदर्शन करेंगे।
यह जीत न केवल फ्रांस के लिए बल्कि विश्व फुटबॉल इतिहास में भी महत्वपूर्ण मानी जाएगी। यह मैच नस्लीय भेदभाव से लड़ने और खेल की एकजुटता का प्रतीक बन चुका है।
12 टिप्पणि
Sumit singh
अगस्त 4, 2024 AT 23:57अर्जेंटीना के खिलाड़ियों का वो गीत तो बस अपमानजनक था। फ्रांस के खिलाड़ी जो अफ्रीकी वंश के हैं, उनके लिए ये नस्लीय घृणा का प्रतीक है। खेल तो बस एक ढांचा है, असली लड़ाई तो समाज में छिपी है। 😒
fathima muskan
अगस्त 6, 2024 AT 23:17हां भाई, ये सब फ्रांस के साम्राज्यवादी एजेंडे का धोखा है। अर्जेंटीना के लोग बस अपनी जड़ों को याद कर रहे थे, और अब फ्रांस ने इसे 'नस्लीय घृणा' बना दिया। जब तक यूरोप अपने इतिहास को नहीं स्वीकारेगा, तब तक ये सब नाटक चलता रहेगा। 🤭
Devi Trias
अगस्त 7, 2024 AT 15:53मैच के दौरान दर्शकों की प्रतिक्रिया को देखकर लगता है कि खेल के बाहर के सामाजिक तनावों का प्रभाव अत्यधिक है। फ्रांस की फुटबॉल फेडरेशन द्वारा FIFA में शिकायत दर्ज कराना एक न्यायसंगत कदम है, क्योंकि खेल के भीतर नस्लीय अपमान का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। इस घटना को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संस्थागत रूप से सुलझाने की आवश्यकता है।
हालांकि, अर्जेंटीना के वीडियो की व्याख्या में कुछ अतिशयोक्ति हो सकती है, लेकिन यह अभी भी एक गंभीर अपराध के रूप में देखा जाना चाहिए। खिलाड़ियों को अपनी सांस्कृतिक भावनाओं को व्यक्त करने का अधिकार है, लेकिन वह अपमानजनक नहीं होना चाहिए।
Kiran Meher
अगस्त 8, 2024 AT 23:41ये जीत बस एक गोल नहीं थी भाई, ये तो दिल की जीत थी। जब तुम्हारे आसपास सब तुम्हें नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हों, तो बस खेल कर दिखा दो कि तुम कितने बड़े हो। फ्रांस के खिलाड़ियों ने दिखा दिया कि जब दिल जुड़ा हो तो कुछ भी हो सकता है। बहुत बढ़िया खेल था और बहुत बढ़िया जीत। जय हिंद जय फ्रांस 😍
Tejas Bhosale
अगस्त 9, 2024 AT 14:25इस मैच में सांस्कृतिक हेजेस और रेसिस्टेंस डायनेमिक्स का एक उदाहरण था। फ्रांस के नेटिव इम्पीरियल अवेयरनेस के खिलाफ अर्जेंटीना के सबकल्चरल रिकॉर्डिंग्स ने एक डिसकोर्डेंस जनरेट किया, जिसे फ्रांस ने स्टेडियम एनर्जी के जरिए रिकलिम्ब डिफेंड किया। जीत ने जो एपिस्टेमोलॉजिकल वैलिडिटी दी, वो बस गोल नहीं था - ये एक डिसकोर्सिव विक्टरी थी। 🤓
Asish Barman
अगस्त 9, 2024 AT 21:13अर्जेंटीना के लोगों ने गीत गाया तो फ्रांस के लोग बिना गाए जीत गए। अब ये सब नस्लीय बहस क्यों? बस खेल देखो। फ्रांस ने जीत ली, अर्जेंटीना हार गई। बाकी सब टाइम वास्ट है।
Abhishek Sarkar
अगस्त 11, 2024 AT 07:43ये सब एक बड़ा राजनीतिक धोखा है। फ्रांस के खिलाड़ियों के अफ्रीकी वंश के लोगों को जब अर्जेंटीना के खिलाड़ियों ने गीत गाया, तो फ्रांस के सरकारी मीडिया ने इसे बड़ा विवाद बना दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फ्रांस के खिलाड़ियों के अपने ही घरों में कितने अफ्रीकी वंश के लोग भेदभाव का शिकार हो रहे हैं? ये जीत बिल्कुल भी न्यायसंगत नहीं है। ये तो एक बड़ा प्रचार अभियान है जिसके तहत फ्रांस को एक विक्टिम के रूप में दिखाया जा रहा है।
और फिर वो शिकायत FIFA में? वो शिकायत तो बस इसलिए दर्ज की गई ताकि अर्जेंटीना को अंतरराष्ट्रीय रूप से बदनाम किया जा सके। फ्रांस के खिलाड़ियों को बस एक बार अपने घर के बाहर जाकर देखना चाहिए कि वहां कितनी बड़ी नस्लीय असमानता है। ये सब बस एक धोखा है।
Niharika Malhotra
अगस्त 11, 2024 AT 09:52मैं इस मैच को देखकर बहुत प्रेरित हुई। खिलाड़ियों ने न सिर्फ खेल के लिए लड़ा, बल्कि अपनी पहचान के लिए भी। ये जीत किसी एक टीम की नहीं, बल्कि उन सभी की है जो अपनी जड़ों के साथ गर्व से रहते हैं। खेल वह जगह है जहां भेदभाव को तोड़ा जा सकता है। आगे के मैचों में भी ऐसी ही शक्ति दिखाएं। आप सब बहुत बढ़िया हैं। ❤️
Baldev Patwari
अगस्त 12, 2024 AT 04:04फ्रांस ने जीत ली? बस एक गोल के लिए इतना शोर क्यों? अर्जेंटीना के खिलाड़ियों का गीत तो बहुत छोटा था, इसके लिए इतना नाटक करना बेकार है। ये खिलाड़ी तो बस अपने घर के बाहर खेल रहे थे, और अब फ्रांस ने इसे एक राष्ट्रीय युद्ध बना दिया। बस खेल देखो, बाकी सब बकवास है।
harshita kumari
अगस्त 12, 2024 AT 04:48ये वीडियो वायरल हुआ था और फ्रांस ने इसे एक राजनीतिक हथियार बना लिया। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि अर्जेंटीना के लोगों को ये गीत क्यों गाया गया? क्या वो जानते थे कि फ्रांस के खिलाड़ियों में अफ्रीकी वंश के लोग हैं? या ये सब एक बड़ी अंतर्राष्ट्रीय जाल है जिसका उद्देश्य फ्रांस को एक निर्दोष पीड़ित के रूप में दिखाना है? जब तक हम अपने अतीत को नहीं समझेंगे, तब तक ये सब चलता रहेगा। और फ्रांस की फुटबॉल फेडरेशन की शिकायत? बस एक बड़ा धोखा। ये सब एक अंतर्राष्ट्रीय अभियान है।
SIVA K P
अगस्त 13, 2024 AT 18:12अर्जेंटीना के खिलाड़ियों को गीत गाने का अधिकार था और फ्रांस के दर्शकों को हूटिंग करने का भी। लेकिन अब फ्रांस ने इसे एक नस्लीय युद्ध बना दिया। ये सब बस एक बड़ा शो है। अर्जेंटीना के खिलाड़ियों को बस बाहर निकलना चाहिए और अपनी जड़ों को याद करना चाहिए। फ्रांस के खिलाड़ियों को भी अपने घर के बाहर जाकर देखना चाहिए। ये सब बस एक धोखा है।
Neelam Khan
अगस्त 14, 2024 AT 00:47इस जीत के पीछे बहुत सारे लोगों की मेहनत है। जिन खिलाड़ियों ने अपनी पहचान के साथ खेला, उन्हें बधाई। ये मैच सिर्फ फुटबॉल नहीं, बल्कि एक संदेश है कि अगर हम एक साथ खड़े हों, तो कोई भी अपमान हमें नहीं रोक सकता। अगले मैच में भी ऐसा ही जुनून दिखाइए। हम सब आपके साथ हैं। 🙏