पेरिस पैरालंपिक में पुरुष शॉट पुट F46 में सचिन खिलेरी ने जीता सिल्वर, रचा नया एशियाई रिकॉर्ड

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5

सित॰

2024

सचिन खिलेरी का शानदार प्रदर्शन

भारतीय पैरा एथलीट सचिन सर्जेराव खिलेरी ने पेरिस 2024 पैरालंपिक्स के पुरुष शॉट पुट F46 इवेंट में सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया। इस प्रतियोगिता में खिलेरी ने अपने दूसरे प्रयास में 16.32 मीटर की दूरी हासिल की, जो एक नया एशियाई रिकॉर्ड है। यह उपलब्धि उन्होंने उस रिकॉर्ड को तोड़कर हासिल की, जिसे उन्होंने इस वर्ष की शुरुआत में जापान में हुए वर्ल्ड पैरा-अथलेटिक्स चैंपियनशिप में 16.30 मीटर की दूरी से स्थापित किया था।

इतिहास में दर्ज हुई नई उपलब्धि

सचिन खिलेरी की इस जीत ने भारत को पेरिस पैरालंपिक्स में 22वां मेडल दिलाया, जो टोक्यो 2020 पैरालंपिक्स में हासिल की गई 19 मेडल की उपलब्धि से अधिक है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत के पैरा-स्पोर्ट्स में बढ़ते विकास और निवेश को दर्शाता है।

महान प्रयास और कड़े मुकाबले

खिलेरी का प्रदर्शन अद्भुत था, लेकिन यह कहना भी आवश्यक है कि स्वर्ण पदक से उनका अंतर काफी कम था। कनाडा के ग्रेग स्टुअर्ट ने 16.38 मीटर की दूरी से स्वर्ण पदक जीतकर खिलेरी को पीछे छोड़ दिया। खिलेरी ने ना केवल एशियाई रिकॉर्ड बनाया बल्कि प्रतिस्पर्धा को भी बहुत ही कठिन बना दिया। क्रोएशिया के लुका बाकोविक ने 16.27 मीटर की दूरी से कांस्य पदक हासिल किया।

पृष्ठभूमि और प्रेरणा

पृष्ठभूमि और प्रेरणा

खिलेरी के सफर में कई मुश्किलें आईं। बचपन में एक हादसे के कारण उनका बायां हाथ प्रभावित हो गया था, जिससे उनके लिए खेल को एक करियर विकल्प बनाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण था। लेकिन अपनी मेहनत और संकल्प के माध्यम से उन्होंने खुद को एक उत्कृष्ट एथलीट साबित किया।

अन्य प्राप्तियाँ

यह सिल्वर मेडल खिलेरी का 11वां पदक है जो उन्होंने अब तक के पैरालंपिक्स खेलों में जीता है। इससे पहले वह एशियन पैरा गेम्स 2023 और वर्ल्ड पैरा-अथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं।

खुद को बेहतर करने का संकल्प

सचिन, जो एक मैकेनिकल इंजीनियर भी हैं, ने अपने प्रदर्शन के बारे में कहा कि बड़े मंच पर खिलाड़ी को सहजता महसूस होती है और यही एक महत्वपूर्ण बात है जो उन्हें सफल बनाती है। उन्होंने अपनी भविष्य की प्रतियोगिताओं में कनाडा के ग्रेग स्टुअर्ट को हराने का दृढ़ संकल्प व्यक्त किया।

शिक्षा और निर्देशन

शिक्षा और निर्देशन

खिलेरी न केवल एक एथलीट हैं, बल्कि वे उन छात्रों की भी मदद करते हैं जो पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। उनका मानना है कि शिक्षा और खेल दोनों क्षेत्रों में संतुलन बनाकर ही समग्र विकास संभव है।

सचिन खिलेरी का सफर न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह बताता है कि किसी भी बाधा को पार करते हुए सपनों को साकार किया जा सकता है। उनकी मेहनत, संकल्प और विश्वास ने उन्हें एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट एथलीट बना दिया है। भारत को उन पर गर्व है और यह उम्मीद है कि वे भविष्य में और भी सफलताएँ हासिल करेंगे।

लेखक के बारे में

स्नेहा वर्मा

स्नेहा वर्मा

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।

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