शक्तिकांत दास बने प्रधानमंत्री मोदी के 'दूसरे' प्रधान सचिव

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5

मार्च

2025

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'दूसरे' प्रधान सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। यह पहली बार हुआ है जब केंद्रीय सरकार के पास दो प्रधान सचिव एक साथ होंगे। दास, जो 42 साल से अधिक का प्रशासनिक अनुभव रखते हैं, अब प्रधानमंत्री मोदी की टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं। यह भूमिका समय में समाप्त होगी जब मोदी का कार्यकाल समाप्त होगा।

दास की करियर यात्रा किसी कहानी से कम नहीं रही है। उन्होंने देश में नोटबंदी (2016) जैसे अभूतपूर्व फैसलों को लागू किया और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के सफल रोलआउट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, उन्होंने कोविड-19 महामारी जैसे आपातकालीन हालातों में देश की आर्थिक स्थिति को स्थिर बनाए रखने का कार्य भी बखूबी किया। 2018 से 2023 तक आरबीआई गवर्नर के रूप में, उन्होंने कई वित्तीय संकटों का समाधान किया और लॉकडाउन के दौरान बाज़ारों में स्थिरता लाई।

दास की नई चुनौती

प्रधानमंत्री मोदी की टीम में शामिल होकर, शक्तिकांत दास का सामना कई चुनौतियों से होगा। वर्तमान में देश धीमी अर्थव्यवस्था, रुपये की गिरावट और वैश्विक व्यापारिक तनावों से जूझ रहा है। विपक्षी दलों ने उनकी नियुक्ति पर सियासी महत्व के सवाल उठाए हैं, लेकिन आर्थिक जानकार दास की विश्वसनीयता और उनके नीति निर्धारण क्षमता पर भरोसा जताते हैं। इनसे उम्मीद की जा रही है कि उनकी विशेषज्ञता भारत की आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगी।

दास की नियुक्ति मोदी सरकार की उस रणनीति को प्रदर्शित करती है जिसमें वे उन विशेषज्ञों पर भरोसा करते हैं जो अर्थव्यवस्था को नई गति दे सकते हैं। प्रधानमंत्री के 'दूसरे' प्रधान सचिव बनने के साथ, दास को यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत वैश्विक मंचों पर अपनी स्थिति को मजबूत कर सके।

लेखक के बारे में

स्नेहा वर्मा

स्नेहा वर्मा

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।

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