जब Tata Capital Limited ने 13 अक्टूबर 2025 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर सूचीबद्ध होने का मन बनाया, तब बाजार में हलचल शुरू हो गई थी। कंपनी ने एंकर निवेशकों से 4,641.83 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता हासिल कर ली और अंतिम दिन आईपीओ के कुल बोली 1.94 गुना तक पहुंच गई – एक स्पष्ट संकेत कि संस्थागत और बड़े व्यक्तिगत निवेशकों का भरोसा कितना मजबूत है।
पृष्ठभूमि और इतिहास
Tata Capital Limited, जो 2007 में स्थापित हुई और आज मुंबई, महाराष्ट्र में मुख्यालय रखती है, Tata Sons Private Limited की सहायक कंपनी है। यह गैर‑बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) 723 से अधिक शाखाओं के साथ पूरे भारत में फैली हुई है। कंपनी ने अपनी आईपीओ दस्तावेज़ीकरण 7 अप्रैल 2025 को SEBI के पास जमा की और 21 जून 2025 को नियामक मंजूरी प्राप्त की। कुल आईपीओ आकार 15,512 करोड़ रुपये के बराबर था, जिसमें नई पूँजी जुटाने के साथ 10 रुपये का फेस वैल्यू वाला इक्विटी शेयर भी शामिल था।
एंकर निवेशक आवंटन और प्रतिक्रिया
3 अक्टूबर 2025 को बोर्ड की ऑक्सीजन वाली बैठक में, Tata Capital Limited की आईपीओ कमेटी ने एंकर निवेशकों को 14,23,87,284 शेयर (₹326 प्रति शेयर) आवंटित किए। इन शेयरों में 50% का 30‑दिन लॉक‑इन 8 नवंबर 2025 तक और बाकी 50% का 90‑दिन लॉक‑इन 7 जनवरी 2026 तक रहा। एंकर निवेशकों में प्रमुख थे:
- Edelweiss Flexi Cap Fund – 7,67,418 शेयर (₹25.01 करोड़)
- ICICI Prudential Equity & Debt Fund – 1,789,354 शेयर (₹58.33 करोड़)
- मॉर्गन स्टेनली और गोल्डमैन सैक्स की फंड्स (ब्लूमबर्ग के अनुसार)
बुक‑रनिंग लीड मैनेजर्स की सूची काफी लंबी थी: Kotak Mahindra Capital Company Limited, SBI Capital Markets Limited, BNP Paribas, Citigroup Global Markets India, HDFC Bank, HSBC Securities, ICICI Securities, IIFL Capital Services, J.P. Morgan India और कई अन्य प्रमुख नाम। इस व्यापक बुनियादी ढांचे ने एंकर निवेशकों के भरोसे को बढ़ावा दिया।

IPओ की मुख्य शर्तें और उपयोगिताएँ
जमा की गई कुल राशि 15,512 करोड़ रुपये में से लगभग 4,642 करोड़ रुपये एंकर निवेशकों से आ चुके थे। शेष राशि को आगे के उपयोग के लिए चार प्रमुख क्षेत्रों में बाँटा जाएगा:
- टियर‑I पूँजी को सुदृढ़ करना ताकि RBI के नियामक मानदंडों के अनुरूप पर्याप्त बफ़र रहे।
- ऋण देने की गतिविधियों का विस्तार और बैलेंस‑शीट का सुदृढ़ीकरण।
- पूँजी पर्याप्तता और लीवरेज अनुपात को RBI के नियमों के साथ संरेखित करना।
- डिजिटल इंफ़्रास्ट्रक्चर और भविष्य के विकास के लिए वित्तीय लचीलापन बनाए रखना।
इन उद्देश्यों को स्पष्ट करने के लिए कंपनी ने कहा कि “वित्तीय सेवा पोर्टफ़ोलियो को विविधीकृत करने, कस्टमर एंगेजमेंट को डिजिटल बनाते हुए और नियामक अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए यह पूँजी आवश्यक है”।
बाजार की प्रतिक्रिया और विशेषज्ञों की राय
आख़िरकार, 8 अक्टूबर 2025 को आईपीओ बंद हुआ और कुल बोली 1.94 गुना तक पहुंच गई – यानी हर शेयर के लिए लगभग दो‑तीन गुना मांग थी। Bajaj Broking की विश्लेषण रिपोर्ट में कहा गया कि “क्वालिफ़ाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) की उच्च भागीदारी और बड़े HNI की निरंतर रुचि इस कंपनी की स्थिरता को दर्शाती है”। ब्लूमबर्ग ने इसे “1.7 बिलियन डॉलर का पूरी तरह से सब्सक्राइब्ड आईपीओ” कहा।
एक अनुभवी वित्तीय विश्लेषक, अशोक राज, ने टिप्पणी की: “Tata Capital का इतिहास, समूह की ब्रांड वैल्यू और विस्तारित शाखा नेटवर्क इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाते हैं, लेकिन ताजगी के साथ जोखिम प्रोफ़ाइल को समझना आवश्यक है”। उनका मानना है कि यदि कंपनी अपने टियर‑I पूँजी को मजबूती से स्थापित करती है तो आगे के लोन पोर्टफ़ोलियो में वृद्धि की संभावना काफी उच्च होगी।

अगले कदम और सूचीबद्धता योजना
13 अक्टूबर 2025 को BSE और NSE पर आधे दिन में लिस्टिंग की उम्मीद है। लिस्टिंग से पहले शेयर आवंटन प्रक्रिया पूरी होगी, जिसमें एंकर, संस्थागत और खुदरा निवेशकों को उनके बिड के आधार पर शेयर मिलेंगे। लॉन्च के बाद, बाजार की शुरुआती ट्रेडिंग वैल्यू को देखा जाएगा – विशेषज्ञों ने शुरुआती मूल्य ₹340‑₹350 के बीच अनुमानित किया है।
निवेशकों को सलाह दी गई है कि वे कंपनी के फंडामेंटल्स, विशेषकर टियर‑I पूँजी अनुपात और डिजिटल इन्फ़्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर नज़र रखें। साथ ही, RBI के निरंतर नियामक दिशा‑निर्देशों को भी ट्रैक करना जरूरी होगा, क्योंकि ये कंपनी की दीर्घकालिक स्थिरता को सीधे प्रभावित करेंगे।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Tata Capital के आईपीओ में एंकर निवेशकों की भूमिका क्या थी?
एंकर निवेशकों ने कुल 4,641.83 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता दी, जिससे शुरुआती बुक‑बिल्डिंग में भरोसा स्थापित हुआ और अंतिम दिन 1.94 गुना सब्सक्रिप्शन हासिल किया गया। यह बड़ी राशि IPO को स्थिरता प्रदान करती है और अन्य संस्थागत निवेशकों को आकर्षित करती है।
IPO के धन का मुख्य उपयोग क्या होगा?
संचित राशि का 40% टियर‑I पूँजी को मजबूत करने, 30% लेंडिंग एक्टिविटीज़ विस्तार, 20% नियामक अनुपालन (RBI मानकों) के लिए और बचे 10% डिजिटल इन्फ़्रास्ट्रक्चर एवं भविष्य की विकास योजनाओं के लिए उपयोग किया जाएगा।
कौन-कौन से प्रमुख बुक‑रनिंग एजेंट इस IPO में शामिल थे?
मुख्य बुक‑रनिंग एजेंटों में Kotak Mahindra Capital Company Limited, SBI Capital Markets Limited, BNP Paribas, Citigroup Global Markets, HDFC Bank, HSBC Securities, ICICI Securities, IIFL Capital Services, J.P. Morgan India जैसे नाम शामिल थे।
IPO के बाद शेयर की संभावित शुरुआती कीमत क्या हो सकती है?
विशेषज्ञों का अनुमान है कि लिस्टिंग के दिन शेयर की कीमत ₹340‑₹350 के बीच खुल सकती है, जो ऑफ़र कीमत ₹326 से थोड़ा ऊपर होगी। यह बाजार की मांग और प्रारंभिक ट्रेडिंग वॉल्यूम पर निर्भर करेगा।
क्या Tata Capital का IPO भारतीय शेयर बाजार में नई कंपनी का प्रतिनिधित्व करता है?
हाँ, यह Tata Group की प्रमुख NBFC का पहला सार्वजनिक ऑफर है। इस सूचीबद्धता से समूह को पूँजी अभिगमन आसान होगा और भारतीय वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में उसका प्रभाव और भी बढ़ेगा।
1 टिप्पणि
Ajeet Kaur Chadha
अक्तूबर 9, 2025 AT 02:08अरे वाह क़ितना शानदार IPO, सबको बधाई!