देशीआर्ट समाचार

विवाह – परम्परा, रीति‑रिवाज और आधुनिक पहलू

जब हम विवाह, दो व्यक्तियों और उनके परिवारों के बीच स्थापित सामाजिक बंधन, शादी की बात करते हैं, तो यह सिर्फ एक समारोह नहीं, बल्कि जीवन के कई आयामों को जोड़ने वाला एक संरचना है। यह विवाह का सार है—एक रिश्ता जो सामाजिक, कानूनी और भावनात्मक स्तर पर गहरा असर डालता है।

विवाह के प्रमुख पहलू

भारत में शादी के रीति‑रिवाज, स्थानीय परम्पराओं और धर्म की विशिष्ट विधियाँ समाज की पहचान को मजबूती देती हैं। मेहँदी, सगाई, संगीत और भोज जैसे आयोजनों से रिश्ते की शुरुआत ही नहीं, बल्कि पूरे समुदाय को एक साथ लाया जाता है। ये रीति‑रिवाज सामाजिक समरसता को बढ़ाते हैं और नई पीढ़ी को सांस्कृतिक विरासत का एहसास कराते हैं।

शादी के दिन दुल्हन, विवाह समारोह में प्रमुख भूमिका निभाने वाली महिला का रूप-सज्जा, परिधान और रस्में अक्सर चर्चा का केंद्र बनती हैं। दुल्हन की तैयारियों में मेहँदी, सिंगार और पोशाक का चयन शामिल होता है, जो परिवार और मित्रों की मदद से पूर्ण होता है। उसका मुस्कुराना, वर‑वधू के पहने हुए भावनाएँ, और समारोह में उसकी उपस्थिति पूरे कार्यक्रम की चमक बढ़ाती है।

किसी भी विवाह में परिवार, विवाह निर्णय में प्रमुख भागीदार की भूमिका अनदेखी नहीं की जा सकती। माता‑पिता, बड़े भाई‑बहन, दादा‑दादी सब मिलकर जोड़े की पसंद, आर्थिक व्यवस्था और सामाजिक स्वीकृति तय करते हैं। परिवार का समर्थन अक्सर शादी को सफल बनाता है, जबकि असहमति या टकराव रुकावट पैदा कर सकते हैं।

आज के समय में कानूनी पहलू, विवाह का वैध रूप से दर्ज होना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। पंजीकरण, आयु सीमा, और सहमति के नियमों का पालन करना जरूरी है, क्योंकि यह अधिकारिक तौर पर दंपति को सुरक्षा और अधिकार देता है। इससे भविष्य में संपत्ति, उत्तराधिकार और अलगाव की स्थिति में स्पष्टता बनी रहती है।

समाजिक बदलावों ने शादी के स्वरूप को भी बदला है। आज प्रेम विवाह, अंतरधार्मिक बंधन और सहजीवन जैसे विकल्पों को लोग अधिक अपनाते हैं। यह परिवर्तन पारिवारिक सहमति, सामाजिक स्वीकृति और कानूनी मान्यताओं के बीच नई समझ बनाता है। प्रेम विवाह में व्यक्तिगत पसंद को प्राथमिकता मिलती है, जबकि व्यवस्था विवाह में पारिवारिक अनुभव का महत्व बना रहता है।

आर्थिक पहलू भी ध्यान देने योग्य है। दहेज, शादी के खर्च और हल्दी‑मेहँदी की तैयारी अक्सर बजट को दबाव में डाल देती है। कई परिवार अब खर्च कम करने के लिए छोटे समारोह, कैजुअल सेट‑अप और ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग करते हैं। आर्थिक संतुलन बनाकर ही दंपति को भविष्य की चुनौतियों के लिये तैयार किया जा सकता है।

परम्परागत रस्में जैसे संगीत, नाच और भोजन भी शादी को यादगार बनाते हैं। लोक गीत, डीजे, पारम्परिक व्यंजन और मिठाइयाँ सभी मिलकर एक रंगीन माहौल बनाते हैं। ये आयोजन सामाजिक जुड़ाव को गहरा करते हैं और एक जश्न की भावना पैदा करते हैं जहाँ सभी अपना समर्थन दिखाते हैं।

आधुनिक युग में समान‑लिंग विवाह, अंतर‑धार्मिक बंधन और सिंगल पैरेंट्स की फ्यूचर प्लानिंग जैसे नए चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कानूनी सुधार, जागरूकता और सामाजिक संवाद इन बदलावों को स्वीकार्य बनाने में मदद करते हैं। इस प्रकार, विवाह का भावधारा निरंतर विकसित होती रहती है, पर उसका मूल उद्देश्य जीवन साथी के साथ एकजुट जीवन बनाना ही रहता है।

नीचे आप विभिन्न लेखों की एक सूची पाएँगे जो विवाह से जुड़ी ताज़ा खबरें, उपयोगी टिप्स और विविध दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं। चाहे आप शादी की योजना बना रहे हों, सामाजिक रिवाज़ समझना चाहते हों, या कानूनी प्रक्रिया के बारे में जानकारी चाहते हों—यह संग्रह आपके लिये एक भरोसेमंद मार्गदर्शिका है।

24

सित॰

2025

अमृता राव: मॉडलिंग से बॉलीवुड तक और RJ अनमोल के संग नई ज़िन्दगी

अमृता राव: मॉडलिंग से बॉलीवुड तक और RJ अनमोल के संग नई ज़िन्दगी

मुंबई की कोकणी परिवार में जन्मी अमृता राव ने मॉडलिंग से फिल्मी करियर की शुरुआत की। 'इश्क़ विश्क' ने उन्हें सितारा बना दिया, फिर 'मुख्य हीना' और 'विवाह' ने उन्हें घर-घर में पहचान दिलाई। गिनती रहित शादी प्रस्ताव और फैन की अजीब दरसलें उनको भावनात्मक रूप से थका गईं। 2016 में वह रेडियो जॉकी RJ अनमोल से बधाई के साथ बंधी और फिर धीरे-धीरे स्क्रीन पर लौटी। आज वह 'जॉली एलएलबी 3' जैसी प्रोजेक्ट में फिर से चमक रही हैं।