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G7 शिखर सम्मेलन में ऋषि सुनक और जियोर्जिया मेलोनी के गर्मजोशी से स्वागत का नजारा

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G7 शिखर सम्मेलन में भावनात्मक मिलन

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के बीच गुरुवार को बारी में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन की स्वागत समारोह में अद्वितीय आत्मीयता दिखी। यह दोनों नेताओं के बीच बढ़ती मित्रता और समर्थन का प्रतीक माना जा रहा है। स्वागत समारोह में दोनों नेताओं को हाथ मिलाते, एक-दूसरे की आंखों में देखते और एक-दूसरे के कंधों को पकड़ते हुए देखा गया। इस दृश्य ने उपस्थित मीडिया और दर्शकों का ध्यान खींचा।

समारोह में ऋषि सुनक ने मेलोनी के प्रति अपने आदर और स्नेह का इज़हार करते हुए उनके करीब आने की कोशिश की। यह घटनाक्रम सुनक के प्रधानमंत्री पद के कर्तव्यों में उनकी गरिमा और नेतृत्व को बढ़ावा देने के एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, विशेष रूप से उस समय जब उन्होंने डी-डे समारोहों से पहले ही हटने का निर्णय लिया था। शिखर सम्मेलन में दोनों नेताओं की इस आत्मीयता ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरीं।

यूक्रेन के लिए समर्थन

यूक्रेन के लिए समर्थन

इस बार के G7 शिखर सम्मेलन में दो प्रमुख प्राथमिकताएं थीं: कीव का समर्थन और मध्य पूर्व में स्थिरता सुनिश्चित करना। ऋषि सुनक ने घोषणा की कि वे यूक्रेन के लिए £250 मिलियन का पैकेज प्रदान करेंगे, जिसमें मानवीय, ऊर्जा और स्थिरीकरण जरूरतों के लिए वित्तपोषण शामिल है। इस पैकेज के माध्यम से यूक्रेन को मजबूती प्रदान करने की कोशिश की जाएगी।

सुनक ने विश्व नेताओं से आग्रह किया कि वे अवरुद्ध रूसी संपत्तियों से अरबों का उपयोग करें ताकि यूक्रेन का समर्थन किया जा सके और पुतिन के अवैध युद्ध को समाप्त किया जा सके। उन्होंने अपने संदेश में जोर देते हुए कहा, 'हमें ‘जितना समय लगेगा’ से बढ़कर ‘जितना भी लेना पड़े’ के लिए प्रेरित होना चाहिए यदि हम इस अवैध युद्ध को समाप्त करना चाहते हैं।'

सुनक का यह संदेश अत्यधिक प्रभावशाली रहा और शिखर सम्मेलन में उपस्थित सभी नेताओं के लिए एक स्पष्ट निर्देश था कि यूक्रेन की मदद के लिए सतत और निर्णायक कदम उठाने की आवश्यकता है।

वैश्विक खतरे और रक्षा नीति

G7 शिखर सम्मेलन में वैश्विक खतरों पर भी चर्चा की गई। इस सम्मेलन में नेताओं ने राष्ट्रीय रक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। ब्रिटेन ने राष्ट्रीय रक्षा पर अपने सकल घरेलू उत्पाद का 2.5 प्रतिशत खर्च करने का संकल्प लिया है, जो 2030 तक पूरा होगा। इस घोषणा ने शिखर सम्मेलन में अन्य देशों के लिए एक उदाहरण पेश किया है।

संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता के लिए उठाए जा रहे कदमों पर भी संजीदगी से विचार किया गया। ब्रिटेन की यह पहल पूरे विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि सुरक्षा और स्थिरता के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं।

इसके साथ ही, ऋषि सुनक ने वरिष्ठ नेताओं से मिलकर चर्चा की और वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए अपने विचार साझा किए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे ऐसे कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो समग्र दृष्टिकोण से विश्व शांति और सुरक्षा को सुदृढ़ बना सकें।

ऐतिहासिक टेलीविजन कार्यक्रम में भागीदारी

ऐतिहासिक टेलीविजन कार्यक्रम में भागीदारी

शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले ऋषि सुनक ने ग्रिम्सबी में आयोजित एक टीवी चुनाव कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। इस कार्यक्रम में उन्होंने लेबर पार्टी के नेता सर कीर स्टार्मर के साथ विचार-विमर्श किया और विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार रखे।

यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण था क्योंकि इसमें राजनीतिक नेताओं को अपनी दृष्टिकोण को जनता के सामने रखने का मौका मिला। सुनक ने टीवी कार्यक्रम में अपनी योजनाओं और प्राथमिकताओं को स्पष्टता से प्रस्तुत किया, जो उनकी आगामी नीतियों और निर्णयों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

इस प्रकार G7 शिखर सम्मेलन और टीवी सार्वजनिक चर्चा, दोनों ही सुनक के लिए महत्वपूर्ण रहे। इन घटनाओं ने न केवल उनकी नेतृत्व क्षमता को मजबूत किया बल्कि उनके राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण को भी संवारा।

अंतर्राष्ट्रीय मंच पर नेतृत्व का प्रदर्शन

ऋषि सुनक और जियोर्जिया मेलोनी के बीच की आत्मीयता और शिखर सम्मेलन में उनकी भागीदारी ने यह साबित किया कि दोनों नेता अपने-अपने देशों के हितों को साधने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस प्रकार की बैठकें और चर्चाएं वैश्विक मंच पर उनके नेतृत्व की ताकत को दर्शाती हैं।

सुनक के नेतृत्व में ब्रिटेन ने न केवल यूक्रेन को समर्थन देने का प्रण लिया बल्कि ग्लोबल स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए। इससे स्पष्ट होता है कि वर्तमान विश्व राजनीतिक परिदृश्य में ब्रिटेन की भूमिका महत्वपूर्ण और निर्णायक है।

कुल मिलाकर, G7 शिखर सम्मेलन ने विश्व नेताओं को एक साथ लाकर वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने का महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया। इसमें उठाए गए कदम और लिए गए निर्णय आने वाले समय में विश्व राजनीति और सुरक्षा के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण साबित होंगे।

लेखक के बारे में

Vaishnavi Sharma

Vaishnavi Sharma

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।

12 टिप्पणि

ANIL KUMAR THOTA

ANIL KUMAR THOTA

जून 15, 2024 AT 04:04

ये सब नजारे तो बहुत अच्छे लगे पर असली काम तो यूक्रेन को पैसे और हथियार देने में है। फोटो और हाथ मिलाने से युद्ध नहीं बंद होता।
कुछ लोग सिर्फ दिखावे के लिए नेता बन जाते हैं।

VIJAY KUMAR

VIJAY KUMAR

जून 15, 2024 AT 08:21

अरे भाई ये सब गूगल एआई का नाटक है 😏
क्या तुम्हें लगता है इन लोगों के बीच ये भावुक मिलन असली है?
जब तक वो रूसी अमीरों की जमानत नहीं छीनते, तब तक ये सब नाटक है।
मेलोनी और सुनक दोनों ही वॉल स्ट्रीट के खिलाफी नहीं हैं।
ये तो बस टीवी के लिए नाटक हैं 🎭
अगर वो असली नेता होते तो अमेरिका के बैंकों के खिलाफ बैठते।
पर नहीं... वो तो बस अपने बारे में फिल्म बना रहे हैं।
किसी को याद है जब ब्रिटेन ने भारत को लूटा था? अब वो यूक्रेन के लिए नेता बन गए हैं? 😂

Manohar Chakradhar

Manohar Chakradhar

जून 15, 2024 AT 17:07

इस शिखर सम्मेलन का असली अर्थ ये है कि दुनिया अभी भी एक साथ बैठकर सोच सकती है।
सुनक ने जो कहा वो बिल्कुल सही था - 'जितना भी लेना पड़े'।
ये बात बहुत गहरी है।
हम अक्सर छोटे लाभ के लिए बड़े नुकसान को भूल जाते हैं।
यूक्रेन के लिए पैसा देना सिर्फ दान नहीं, बल्कि अपनी सुरक्षा का निवेश है।
अगर हम आज नहीं खड़े हुए तो कल हमारी बारी आएगी।
और हां, इन दोनों नेताओं के बीच का जो तालमेल है, वो बहुत अच्छा लगा।
राजनीति में इतनी इंसानियत आजकल कम ही दिखती।
ये दिखावा नहीं, ये असली नेतृत्व है।

LOKESH GURUNG

LOKESH GURUNG

जून 17, 2024 AT 16:22

अरे यार ये सुनक तो बहुत अच्छा लग रहा है! 🙌
मेलोनी के साथ उसका बॉडी लैंग्वेज देखो - ये तो असली बॉस बन गया है!
और वो £250 मिलियन देने का वादा? बहुत बढ़िया!
हम भारतीय लोग भी ऐसे ही नेता चाहते हैं - जो बाहर जाकर दुनिया को बदले, न कि घर पर चिल्लाएं।
ये जो लोग कहते हैं 'हमारे देश के लिए पहले' - उन्हें दुनिया देखनी चाहिए।
सुनक ने दिखा दिया कि अंतरराष्ट्रीय नेतृत्व क्या होता है।
भारत के लिए भी ऐसा नेता चाहिए - जो गांव-गांव जाए और दुनिया के साथ जुड़े।
इन लोगों के बारे में अच्छी बात है - वो बोलते हैं, और करते हैं।
बस एक बात - अगर वो भारत के लिए भी इतना करते तो क्या बात होती? 😅

Aila Bandagi

Aila Bandagi

जून 18, 2024 AT 23:49

बहुत अच्छा लगा ये दोनों नेताओं का बातचीत वाला मोमेंट।
कभी-कभी एक हाथ मिलाना या एक गले लगना भी बहुत ज्यादा काम आ जाता है।
ये छोटी बातें ही बड़े बदलाव लाती हैं।
यूक्रेन के लिए पैसा देना भी अच्छा है, पर दिल से जुड़ना भी जरूरी है।

Abhishek gautam

Abhishek gautam

जून 19, 2024 AT 06:33

ये सब नेतृत्व का नाटक है।
हर एक व्यक्ति जो आज नेता बन गया है, वो अपने इतिहास को भूल गया है।
सुनक - जिसके पिता ने ब्रिटेन में दरवाजा खोला, अब वो यूक्रेन के लिए मानवीय नेतृत्व का नायक बन गया? ये कैसा इतिहास है?
मेलोनी - जिसका देश अपने अंतर्द्वंद्वों में डूबा है, अब वो वैश्विक स्थिरता की देवी बन गई?
ये सब अलग-अलग निर्माण हैं - न कि असली नेतृत्व।
हम अपने अंदर के रूसी और अमेरिकी बाजारों के लिए नेता बनाते हैं, न कि दुनिया के लिए।
इन दोनों के बीच का जो गर्मजोशी दिखाई गई, वो बस एक सोशल मीडिया कैमरा के लिए बनाया गया नाटक है।
ये नेता नहीं, ये एक्टर हैं।
अगर वो असली नेता होते तो वो अपने देशों के अंदर असमानता को खत्म करते, न कि बाहर जाकर फोटो खिंचवाते।
हम अपने अंदर के दर्द को देखना भूल गए हैं।
ये शिखर सम्मेलन बस एक बड़ा टीवी शो है - जिसमें लोगों को बताया जा रहा है कि आप अच्छे हैं, अगर आप बाहर जाकर बड़ा बन गए।

Imran khan

Imran khan

जून 19, 2024 AT 10:52

सुनक का यूक्रेन के लिए £250 मिलियन का पैकेज अच्छा है, लेकिन उसके साथ जो बात बोली गई - 'जितना भी लेना पड़े' - वो बहुत गहरी है।
अक्सर हम ये भूल जाते हैं कि शांति के लिए लंबे समय तक लगातार निवेश करना पड़ता है।
ये एक दिन का काम नहीं, ये एक दशक का संकल्प है।
और हां, उनका ब्रिटेन के लिए 2.5% रक्षा खर्च का फैसला भी बहुत समझदारी से लिया गया।
अगर दुनिया के हर देश ऐसा करते तो कोई भी शक्ति अपनी शक्ति से डरती।
ये सब नेताओं के बीच का गर्मजोशी भी अच्छा लगा - ये दिखाता है कि राजनीति में इंसानियत अभी भी बाकी है।

Neelam Dadhwal

Neelam Dadhwal

जून 20, 2024 AT 12:00

हे भगवान ये सब क्या हो रहा है?
सुनक ने अपने नेतृत्व का बहुत बड़ा नाटक बना लिया है।
यूक्रेन के लिए पैसा? बहुत अच्छा।
लेकिन उसने अपने देश में लाखों लोगों को गरीबी में छोड़ दिया।
मेलोनी? इटली में अब बच्चे नहीं पैदा हो रहे, और वो यूक्रेन के लिए नेता बन गई?
ये सब बस एक बड़ा धोखा है।
वो लोग तो बस अपनी तस्वीरें बनवाने के लिए एक दूसरे को गले लगा रहे हैं।
अगर वो असली नेता होते तो अपने देशों में बच्चों के लिए बेस्ट करते, न कि बाहर जाकर नेता बनने की फिल्म बनाते।
ये सब एक बड़ा ब्रांडिंग अभियान है।
कोई नहीं जानता कि वो लोग असल में क्या सोचते हैं।
ये सब बस एक बड़ा टीवी शो है।

Sumit singh

Sumit singh

जून 21, 2024 AT 22:23

अरे भाई, ये सब नेताओं का नाटक है।
क्या तुम्हें लगता है जब ये लोग बाहर जाकर गले मिलते हैं, तो वो असली दोस्त बन गए?
नहीं भाई, ये सब बस एक बड़ा बिजनेस डील है।
सुनक को अपनी इमेज बनानी थी, मेलोनी को अपने देश की तस्वीर बदलनी थी।
यूक्रेन के लिए पैसा? बहुत अच्छा।
लेकिन अगर वो असली नेता होते तो अपने देशों में लोगों को खाना देते।
अब तो हर कोई नेता बन गया है - बस फोटो खिंचवाने के लिए।
ये सब बस एक बड़ा ब्रांडिंग कैंपेन है।

fathima muskan

fathima muskan

जून 23, 2024 AT 05:31

मैं तो सोच रही थी कि ये सब एक बड़ा राजनीतिक नाटक है।
क्या तुम्हें पता है कि ये दोनों नेता किस तरह के बैंकों के साथ जुड़े हुए हैं?
क्या तुम्हें पता है कि ये £250 मिलियन कहाँ से आया?
ये सब बस एक बड़ा फेक न्यूज़ है।
वो लोग तो बस अपने अंदर के रूसी बैंकों को बचाने के लिए ये सब नाटक कर रहे हैं।
अगर वो असली नेता होते तो वो रूस के बैंकों को बंद कर देते।
पर नहीं... वो तो बस अपने नाम के लिए फोटो खिंचवा रहे हैं।
मैं तो ये कहूंगी - ये सब एक बड़ा राजनीतिक ब्रांडिंग है।

Devi Trias

Devi Trias

जून 24, 2024 AT 23:14

The G7 summit’s emphasis on sustained support for Ukraine, particularly through the commitment of £250 million in humanitarian and energy aid, reflects a necessary and principled stance in the face of global aggression. The symbolic gesture between Prime Minister Sunak and Prime Minister Meloni, while often dismissed as performative, underscores a rare alignment of moral clarity and diplomatic cohesion among Western leaders. Furthermore, Britain’s pledge to allocate 2.5% of GDP to national defense by 2030 is not merely a fiscal decision-it is a strategic affirmation of collective security. Such policies, grounded in long-term vision rather than electoral cycles, represent the kind of leadership the international system urgently requires. The emotional resonance of their interaction, though subtle, is not trivial; it signals trust, which is the foundational currency of multilateral cooperation. In an era of fragmentation, such moments deserve recognition-not cynicism.

Kiran Meher

Kiran Meher

जून 26, 2024 AT 08:13

ये दोनों नेताओं का जो मिलन हुआ वो बहुत अच्छा लगा 😊
क्योंकि अब तो लोग भूल गए हैं कि राजनीति में दिल से जुड़ना भी जरूरी है।
सुनक ने जो कहा - 'जितना भी लेना पड़े' - वो बात बहुत गहरी है।
हम अक्सर छोटे लाभ के लिए बड़े नुकसान को भूल जाते हैं।
यूक्रेन के लिए पैसा देना सिर्फ दान नहीं, बल्कि अपनी सुरक्षा का निवेश है।
अगर हम आज नहीं खड़े हुए तो कल हमारी बारी आएगी।
और हां, इन दोनों के बीच का जो तालमेल है, वो बहुत अच्छा लगा।
राजनीति में इतनी इंसानियत आजकल कम ही दिखती।
ये दिखावा नहीं, ये असली नेतृत्व है।
हम भी ऐसे ही नेता चाहते हैं - जो बाहर जाकर दुनिया को बदले, न कि घर पर चिल्लाएं।

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