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एससीओ शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन व्यापार और आतंकवाद पर चर्चा में भाग लेंगे एस जयशंकर

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एससीओ शिखर सम्मेलन में एस जयशंकर की भूमिका

विदेश मंत्री एस जयशंकर इस्लामाबाद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं। इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन का उद्देश्य सदस्य राज्यों के बीच आर्थिक और सामरिक सहयोग को बढ़ावा देना है। जयशंकर का वहाँ आना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लगभग एक दशक में पहला उच्च-स्तरीय भारतीय मंत्री का दौरा है। इसे लेकर मीडिया में काफी चर्चा है, विशेष रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच कई वर्षों से खुले वार्ता के अवसरों की कमी के मद्देनज़र।

शिखर सम्मेलन के कार्यक्रम और उद्देश्य

दूसरे दिन के कार्यक्रम में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ की अध्यक्षता में चर्चाएँ हो रही हैं, जो वर्तमान समय में संगठन के शीर्ष नेतृत्व के अध्यक्ष हैं। इस दौरान विभिन्न सदस्य देशों के नेताओं द्वारा दिए गए वक्तव्य, समूह फोटो, और आधिकारिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होंगे। इसके उपरांत, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशहाक डार और एससीओ के महासचिव झांग मिंग मीडिया को शिखर सम्मेलन के परिणामों के बारे में जानकारी देंगे। यह सम्मेलन हर साल सदस्य देशों के बीच में उत्पन्न मुद्दों और क्षेत्रीय चुनौतियों को हल करने पर केंद्रित होता है।

दोनों देशों के बीच शिष्टाचार और संभावित संवाद

सत्रों के बीच, जयशंकर और शरीफ ने एक औपचारिक रात्रिभोज के दौरान सौहार्दपूर्ण शब्दों का आदान-प्रदान किया। जयशंकर की उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशहाक डार से भी सामान्य बातचीत हुई। निर्देशित अटकलों के बावजूद, भारतीय और पाकिस्तानी विदेश मंत्रालयों ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक आयोजित नहीं की गई थी। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि दोनों देशों के बीच एक संवाद अतिआवश्यक है, विशेष रूप से आतंकवाद के साझा ख़तरे की दृष्टि से।

क्षेत्रीय मचलों में भारत-पाकिस्तान का समावेश

पाकिस्तान के पूर्व कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकर ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के संबंध एससीओ बैठक का असर नहीं डालते। इसके बजाय, दोनों राष्ट्र बहुपक्षीय चर्चाओं में सकारात्मक योगदान दे रहे हैं। इस संबंध में पाकिस्तान के केपी सरकार के सलाहकार मुहम्मद अली सैफ ने जयशंकर को इस्लामाबाद में चल रहे विरोध प्रदर्शन को देखने के लिए आमंत्रित भी किया।

एससीओ के बहुमुखी योगदान

रूस और चीन द्वारा 2001 में स्थापित एससीओ एक यूरेशियाई सुरक्षा और राजनीतिक संगठन है। इस वर्ष के शिखर सम्मेलन में चीन, रूस, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान और भारत के शीर्ष नेताओं और प्रतिनिधियों का हिस्सा रहा। ईरान के प्रथम उपराष्ट्रपति और मंगोलिया के प्रधानमंत्री भी शामिल हैं, जबकि तुर्कमेनिस्तान अपने विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित है। सम्मेलन का महत्वपूर्ण लक्ष्य क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग को मजबूत करना, आतंकवाद का मुकाबला करना, पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करना और सांस्कृतिक संबंधों को और अधिक विकसित करना है।

लेखक के बारे में

Vaishnavi Sharma

Vaishnavi Sharma

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।

19 टिप्पणि

VIJAY KUMAR

VIJAY KUMAR

अक्तूबर 17, 2024 AT 08:43

अरे भाई, ये सब नाटक है! 🤭 जयशंकर जी ने इस्लामाबाद में जाकर क्या किया? फोटो खींची, हाथ मिलाया, और फिर? आतंकवाद का खतरा तो बढ़ता ही जा रहा है। ये सब एससीओ वाला धोखा है। चीन और रूस अपने खेल खेल रहे हैं, हम बस डिक्शनरी बन गए। 🤡 #FakeDiplomacy

Manohar Chakradhar

Manohar Chakradhar

अक्तूबर 17, 2024 AT 21:41

ये बात तो सच है कि बातचीत हो रही है। अगर बातचीत नहीं होगी तो और बुरा हो जाएगा। एक शिखर सम्मेलन में दोनों तरफ के लोग एक जगह आए हैं - ये खुद में एक जीत है। 🙌 अब बाकी बातें धीरे-धीरे होंगी।

LOKESH GURUNG

LOKESH GURUNG

अक्तूबर 17, 2024 AT 23:11

अरे यार! जयशंकर जी ने तो बहुत बड़ा काम किया! 🤝 पाकिस्तान के साथ बातचीत का रास्ता खोलना बहुत मुश्किल होता है। अगर हम इसे नहीं देखेंगे तो आगे क्या होगा? ये बातचीत ही शुरुआत है! बाकी सब धीरे-धीरे आएगा। आप लोग इतना नाराज़ क्यों हो रहे हो? 😅

Aila Bandagi

Aila Bandagi

अक्तूबर 19, 2024 AT 00:22

अच्छा हुआ कि बातचीत हुई। बस इतना ही काफी है। ❤️

Abhishek gautam

Abhishek gautam

अक्तूबर 20, 2024 AT 21:12

ये सब शो है। एक दशक में पहली बार एक भारतीय मंत्री इस्लामाबाद आया - और तुम सब खुश हो गए? दरअसल, ये एक बहुत ही सावधानी से नियोजित नाटक है। आतंकवाद का जिक्र तो बस एक धुंधला आवाज़ है जिससे लोगों को भ्रमित किया जा रहा है। जब तक असली समाधान नहीं होगा, तब तक ये सब बस एक फैशन है। इस दुनिया में कोई भी बातचीत बिना शक्ति के अर्थहीन है। और हाँ, जयशंकर जी बहुत बुद्धिमान हैं - लेकिन वो भी एक गेम खेल रहे हैं। 🤔

Imran khan

Imran khan

अक्तूबर 21, 2024 AT 10:03

एससीओ के तहत आतंकवाद पर बातचीत होना बहुत जरूरी है। ये सिर्फ भारत-पाकिस्तान की बात नहीं, पूरे क्षेत्र के लिए जरूरी है। आतंकवाद के खिलाफ साझा जानकारी और सहयोग बढ़ेगा तो सबको फायदा होगा। इसलिए ये बैठक असली उपलब्धि है।

Neelam Dadhwal

Neelam Dadhwal

अक्तूबर 21, 2024 AT 23:33

अरे यार! ये सब बस एक बड़ा झूठ है! 🤬 जयशंकर जी ने क्या किया? एक फोटो खींची, एक बातचीत की, और अब तुम सब उन्हें नायक बना रहे हो? आतंकवाद तो अभी भी चल रहा है! जिन लोगों के घर बम फूटते हैं, उनकी आँखों में ये सब बस एक धुंधली बातचीत है! तुम लोगों को नहीं पता कि ये सब किसके लिए है - नहीं, ये तो सिर्फ आधिकारिक तस्वीरों के लिए है! 🤡

Sumit singh

Sumit singh

अक्तूबर 22, 2024 AT 15:25

अरे ये सब बहुत अच्छा लग रहा है! 🤭 जयशंकर जी ने बहुत बुद्धिमानी से काम किया। आतंकवाद के खिलाफ एक साथ बैठना बहुत जरूरी है। लेकिन अगर हम इसे अपने अहंकार के साथ देखेंगे तो ये सब बेकार हो जाएगा। ये बातचीत हमारी नीति का अंग है - और ये बहुत बड़ी बात है।

fathima muskan

fathima muskan

अक्तूबर 23, 2024 AT 15:55

क्या तुम्हें पता है कि ये सब किसके लिए है? 🤫 चीन और रूस ने इसे तैयार किया है। भारत को एक बातचीत का नाटक दिखाया जा रहा है ताकि वो अपनी नीति बदल दे। और तुम लोग इसे सच समझ रहे हो? अगर तुम्हारे घर में कोई आतंकवादी आ जाए तो क्या तुम उसके साथ चाय पीओगे? ये सब एक बड़ा धोखा है। बस एक फोटो और एक बयान - और फिर? बस इतना ही। #MindControl

Devi Trias

Devi Trias

अक्तूबर 23, 2024 AT 22:01

शिखर सम्मेलन के दौरान व्यापार और सुरक्षा संबंधी सहयोग पर चर्चा होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से आतंकवाद के खिलाफ साझा जानकारी विनिमय और संचार व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए बहुपक्षीय दृष्टिकोण अत्यावश्यक है। भारत की उपस्थिति इस प्रक्रिया को वैधता प्रदान करती है।

Kiran Meher

Kiran Meher

अक्तूबर 25, 2024 AT 20:18

ये बातचीत हो रही है तो बहुत अच्छा है! 🤗 अब बाकी सब धीरे-धीरे होगा। हम लोग बहुत जल्दबाजी में हैं। एक बातचीत नहीं बदल सकती सब कुछ - लेकिन ये शुरुआत है। और शुरुआत ही सबसे महत्वपूर्ण होती है। जयशंकर जी ने बहुत बड़ा कदम उठाया है। तुम लोग थोड़ा धैर्य रखो! 🙏

Tejas Bhosale

Tejas Bhosale

अक्तूबर 27, 2024 AT 07:58

सब बातचीत है लेकिन असली बात तो ये है कि कौन नियंत्रण में है। एससीओ बस एक नया नाम है जिसके नीचे चीन अपना खेल खेल रहा है। भारत का नाम लेकर वो अपनी लीगिटिमेसी बढ़ा रहा है। जयशंकर जी बहुत बुद्धिमान हैं - लेकिन ये एक खतरनाक गेम है।

Asish Barman

Asish Barman

अक्तूबर 27, 2024 AT 22:39

कोई बातचीत हुई तो अच्छा हुआ। लेकिन अगर ये बातचीत बस एक फोटो और एक बयान तक ही है तो फिर ये सब बेकार। मैं तो अभी तक इसका कोई असली नतीजा नहीं देख पाया। और फिर भी कुछ लोग खुश हैं। अजीब बात है।

Abhishek Sarkar

Abhishek Sarkar

अक्तूबर 28, 2024 AT 08:45

तुम लोगों को नहीं पता कि ये सब क्यों हो रहा है। चीन ने इसे बनाया है - और भारत को इसमें शामिल किया गया है ताकि वो अपनी नीति बदल दे। आतंकवाद का जिक्र बस एक ढोंग है। असली बात ये है कि पाकिस्तान को अभी भी अपने आतंकवादी गुटों को बनाए रखने की जरूरत है। जयशंकर जी ने एक जाल में खुद को फंसा लिया है। और तुम लोग इसे एक जीत समझ रहे हो? ये एक बड़ी हार है। अगली बार जब कोई बातचीत होगी, तो तुम देखोगे कि वो बस एक फोटो और एक बयान ही होगा। और आतंकवाद तो बढ़ता ही जाएगा।

Niharika Malhotra

Niharika Malhotra

अक्तूबर 30, 2024 AT 04:05

हर बातचीत का एक अर्थ होता है। ये सिर्फ एक बैठक नहीं, बल्कि एक संकेत है कि लोग अभी भी बात करने को तैयार हैं। ये एक छोटा सा कदम है - लेकिन ये एक असली कदम है। और इस तरह के कदमों से ही बड़े बदलाव आते हैं। हमें इसे समझना चाहिए।

Baldev Patwari

Baldev Patwari

नवंबर 1, 2024 AT 02:23

ये सब बहुत अच्छा लग रहा है... अगर तुम एक बच्चे हो तो। 😒 एक बातचीत और फिर? कुछ नहीं। बस फोटो, बयान, और फिर वापस अपने घरों में। ये सब बस एक धोखा है। और तुम लोग इसे जीत समझ रहे हो? बस तुम्हारा दिमाग बहुत आसानी से बेच दिया जाता है।

harshita kumari

harshita kumari

नवंबर 1, 2024 AT 06:17

ये सब बहुत बड़ा धोखा है। चीन और रूस ने इसे बनाया है ताकि भारत को अपनी ओर खींच सकें। और तुम लोग इसे सच समझ रहे हो? आतंकवाद का जिक्र बस एक बहाना है। असली बात ये है कि पाकिस्तान के पास अभी भी आतंकवादी गुट हैं और वो उन्हें बनाए रख रहे हैं। जयशंकर जी ने एक जाल में खुद को फंसा लिया है। और तुम लोग इसे एक जीत समझ रहे हो? ये एक बड़ी हार है। अगली बार जब कोई बातचीत होगी, तो तुम देखोगे कि वो बस एक फोटो और एक बयान ही होगा। और आतंकवाद तो बढ़ता ही जाएगा।

SIVA K P

SIVA K P

नवंबर 1, 2024 AT 17:21

तुम लोगों को नहीं पता कि ये सब क्यों हो रहा है? जयशंकर जी ने इस्लामाबाद में जाकर क्या किया? फोटो खींची, हाथ मिलाया, और फिर? कुछ नहीं। तुम लोग इसे जीत समझ रहे हो? ये बस एक बड़ा नाटक है। और तुम सब उसका हिस्सा बन रहे हो। अब तो ये बहुत बुरा हो गया है।

Neelam Khan

Neelam Khan

नवंबर 3, 2024 AT 00:19

हर छोटा कदम बड़ा होता है। ये बातचीत हो रही है - ये बहुत अच्छी बात है। अब हमें इसे आगे बढ़ाना होगा। धैर्य रखो, साथ रहो। बदलाव धीरे-धीरे आता है। 💪

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