एससीओ शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन व्यापार और आतंकवाद पर चर्चा में भाग लेंगे एस जयशंकर

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16

अक्तू॰

2024

एससीओ शिखर सम्मेलन में एस जयशंकर की भूमिका

विदेश मंत्री एस जयशंकर इस्लामाबाद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं। इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन का उद्देश्य सदस्य राज्यों के बीच आर्थिक और सामरिक सहयोग को बढ़ावा देना है। जयशंकर का वहाँ आना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लगभग एक दशक में पहला उच्च-स्तरीय भारतीय मंत्री का दौरा है। इसे लेकर मीडिया में काफी चर्चा है, विशेष रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच कई वर्षों से खुले वार्ता के अवसरों की कमी के मद्देनज़र।

शिखर सम्मेलन के कार्यक्रम और उद्देश्य

दूसरे दिन के कार्यक्रम में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ की अध्यक्षता में चर्चाएँ हो रही हैं, जो वर्तमान समय में संगठन के शीर्ष नेतृत्व के अध्यक्ष हैं। इस दौरान विभिन्न सदस्य देशों के नेताओं द्वारा दिए गए वक्तव्य, समूह फोटो, और आधिकारिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होंगे। इसके उपरांत, पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशहाक डार और एससीओ के महासचिव झांग मिंग मीडिया को शिखर सम्मेलन के परिणामों के बारे में जानकारी देंगे। यह सम्मेलन हर साल सदस्य देशों के बीच में उत्पन्न मुद्दों और क्षेत्रीय चुनौतियों को हल करने पर केंद्रित होता है।

दोनों देशों के बीच शिष्टाचार और संभावित संवाद

सत्रों के बीच, जयशंकर और शरीफ ने एक औपचारिक रात्रिभोज के दौरान सौहार्दपूर्ण शब्दों का आदान-प्रदान किया। जयशंकर की उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशहाक डार से भी सामान्य बातचीत हुई। निर्देशित अटकलों के बावजूद, भारतीय और पाकिस्तानी विदेश मंत्रालयों ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक आयोजित नहीं की गई थी। पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि दोनों देशों के बीच एक संवाद अतिआवश्यक है, विशेष रूप से आतंकवाद के साझा ख़तरे की दृष्टि से।

क्षेत्रीय मचलों में भारत-पाकिस्तान का समावेश

पाकिस्तान के पूर्व कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवार-उल-हक काकर ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के संबंध एससीओ बैठक का असर नहीं डालते। इसके बजाय, दोनों राष्ट्र बहुपक्षीय चर्चाओं में सकारात्मक योगदान दे रहे हैं। इस संबंध में पाकिस्तान के केपी सरकार के सलाहकार मुहम्मद अली सैफ ने जयशंकर को इस्लामाबाद में चल रहे विरोध प्रदर्शन को देखने के लिए आमंत्रित भी किया।

एससीओ के बहुमुखी योगदान

रूस और चीन द्वारा 2001 में स्थापित एससीओ एक यूरेशियाई सुरक्षा और राजनीतिक संगठन है। इस वर्ष के शिखर सम्मेलन में चीन, रूस, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान और भारत के शीर्ष नेताओं और प्रतिनिधियों का हिस्सा रहा। ईरान के प्रथम उपराष्ट्रपति और मंगोलिया के प्रधानमंत्री भी शामिल हैं, जबकि तुर्कमेनिस्तान अपने विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित है। सम्मेलन का महत्वपूर्ण लक्ष्य क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग को मजबूत करना, आतंकवाद का मुकाबला करना, पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करना और सांस्कृतिक संबंधों को और अधिक विकसित करना है।

लेखक के बारे में

स्नेहा वर्मा

स्नेहा वर्मा

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।

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