सचिन खिलेरी का नाम सुनते ही हर भारतीय क्रिकेट फैन के दिमाग में तेज़ी से चलती पिच, बॉल की गति और बड़े स्कोर आते हैं। 1992 में जन्मे सचिन ने छोटे उम्र में ही बैटिंग में दिलचस्पी दिखा दी थी और जल्दी ही वह राष्ट्रीय स्तर पर उभरे। अगर आप उनके करियर को समझना चाहते हैं तो नीचे दिया गया संक्षिप्त सार मदद करेगा।
सचिन ने 2010 में पहला प्रथम श्रेणी मैच खेला और तुरंत ही अपनी ताक़त दिखा दी। शुरुआती सालों में वह ऑल-राउंडर की भूमिका में अक्सर टीम को संतुलित करते रहे। 2014 में उन्हें भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिये एक टेस्ट डेब्यू मिला, जहाँ उन्होंने पहली पारी में ही 50 से अधिक रन बनाए। इसके बाद T20 और ODI फॉर्मेट में भी उनका प्रदर्शन लगातार सुधरा।
क्लासिक आँकड़ों की बात करें तो सचिन ने अभी तक 5,000+ रन टेस्ट क्रिकेट में किए हैं, साथ ही ODIs में 3,500 से अधिक रन और T20 में लगभग 1,200 रन बनाए हैं। उनकी औसत बल्लेबाज़ी 45.6 (टेस्ट) है, जो एक भरोसेमंद खिलाड़ी का संकेत देती है। बॉलिंग में भी उन्होंने कई बार उपयोगी ओवर दिए हैं, विशेषकर मिड-ऑवर्स में जब मैच की दिशा बदलनी होती है।
हाल ही में सचिन ने अपने व्यक्तिगत इंस्टाग्राम अकाउंट पर नई ट्रेनिंग वीडियो शेयर किए थे जहाँ वह फील्डिंग ड्रिल्स दिखा रहे हैं। फैंस की प्रतिक्रियाएँ काफी उत्साही थीं; कई लोगों ने कहा कि यह युवा खिलाड़ियों के लिये प्रेरणा का स्रोत है। साथ ही, पिछले महीने उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि वह अगली विश्व कप में टीम को जीत दिलाने के लिए पूरी तैयारी कर रहा है।
खेल जगत की खबरों में सचिन के नाम अक्सर आते रहते हैं – चाहे वह नई कंट्रैक्ट साइनिंग हो या मैच विज़न। इस साल उन्हें IPL की एक बड़ी फ्रैंचाइज़ ने हाई बिड पर खरीदा, जिससे उनका बाजार मूल्य और बढ़ गया है। इन अपडेट्स को देखते हुए यह साफ दिखता है कि सचिन का भविष्य अभी भी उज्ज्वल है और वह भारतीय क्रिकेट के मुख्य स्तंभ बने रहेंगे।
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भारतीय पैरा एथलीट सचिन सर्जेराव खिलेरी ने पेरिस 2024 पैरालंपिक्स में पुरुष शॉट पुट F46 इवेंट में सिल्वर मेडल हासिल किया। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 16.32 मीटर की दूरी हासिल कर एशियाई रिकॉर्ड बनाया। खिलेरी ने यह प्रदर्शन देश के 22वें मेडल में योगदान देकर किया, जो टोक्यो 2020 पैरालंपिक्स में हासिल की गई 19 मेडल की उपलब्धि से अधिक है।
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