21
मई
2025

कप्तानी की रेस में बड़ा ट्विस्ट: बुमराह को मिल रहा विशेषज्ञों का समर्थन
टेस्ट कप्तानी की चर्चा में अचानक बड़ा मोड़ आ गया है। अब तक जहां माना जा रहा था कि युवा बल्लेबाज शुभमन गिल या विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को कप्तानी मिल सकती है, वहीं अनुभवी खिलाड़ियों और पूर्व चयनकर्ताओं की राय से बुमराह की उम्मीद जिंदा हो गई है। संजय मांजरेकर, रविचंद्रन अश्विन और सुनील गावस्कर जैसे दिग्गजों ने साफ कहा है कि भले ही बुमराह के सामने वर्कलोड की चुनौती है, लेकिन उनका अनुभव और टीम को साथ लेकर चलने की काबिलियत बाकी विकल्पों पर भारी है।
अगर आप पिछले दो सालों में भारत की टेस्ट क्रिकेट पर नजर डालें, तो एक नाम बार-बार उभर कर सामने आता है—जसप्रीत बुमराह। पर्थ टेस्ट में जो रणनीतिक सूझ-बूझ और कप्तानी उन्होंने दिखाई, उसकी मिसाल आज भी दी जाती है। तेज़ गेंदबाज आमतौर पर ज्यादा मैचों में कप्तानी नहीं करते, लेकिन बुमराह का आत्मविश्वास और टीम को मुश्किल समय में मोटिवेट करने की काबिलियत, उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है। उनका ऑस्ट्रेलिया दौरे में अनुभव, खास तौर पर बॉक्सिंग डे टेस्ट की यादें क्रिकेट प्रेमियों के जेहन में ताजा होंगी। वहां बुमराह ने न सिर्फ विरोधी टीम को दबाव में लिया था, बल्कि खिलाड़ियों के बीच यूनिटी भी बनाई थी।
कौन हैं अन्य उम्मीदवार और कौन-सी दुविधा सामने आ रही है?
दूसरी तरफ युवा बल्लेबाज शुभमन गिल तेजी से उभरे हैं, लेकिन कई विशेषज्ञ मानते हैं कि कप्तानी के लिए उनका अनुभव अभी सीमित है। टेस्ट क्रिकेट में कप्तान के तौर पर सामने आना बड़ी जिम्मेदारी होता है—यह सिर्फ रणनीति की बात नहीं, बल्कि खिलाड़ियों के बीच तालमेल और दबाव में फैसले लेने की परीक्षा भी है। इसी वजह से गिल का नाम आगे बढ़ने के बावजूद संशय बना हुआ है।
विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत और सलामी बल्लेबाज केएल राहुल को लेकर भी बातें चल रही हैं। ऋषभ पंत की बल्लेबाजी में नयापन है, लेकिन कप्तानी में उनकी परीक्षा अभी बाकी है। वहीं, केएल राहुल पहले भी सीमित ओवर के कप्तान रहे हैं, मगर उनके नेतृत्व में टीम को लंबे वक्त की स्थिरता नहीं जरूर मिली।
पूर्व चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने कुछ दिनों पहले यह सुझाव दिया कि जसप्रीत बुमराह कप्तान हों और शुभमन गिल को उपकप्तान बनाया जाए, ताकि युवा जोश और अनुभवी सोच में संतुलन रहे। एक तरफ लंबे समय के लिए कप्तानी की स्थिरता चाहिए, दूसरी तरफ बुमराह के ओवरलोड वर्क का हिसाब-किताब भी जरूरी है। यह भी ध्यान देना होगा कि अगर तेज़ गेंदबाज कप्तान बनते हैं तो उनकी फिटनेस और नियमित खिलाड़ी बने रहना चुनौती हो जाती है।
बीसीसीआई 24 मई को इंग्लैंड दौरे के लिए टेस्ट टीम का ऐलान करने वाली है, और उम्मीद है कि उसी दिन कप्तानी पर से भी पर्दा हट जाएगा। सबसे बड़ी पहेली यही है कि बोर्ड किसे तवज्जो देगा—वर्कलोड संतुलन या नेतृत्व की मजबूती? क्या बुमराह को दोबारा किस्मत आजमाने का मौका मिलेगा या युवा जोश पर भरोसा दिखेगा? क्रिकेट फैंस की निगाहें अब बीसीसीआई के फैसले पर टिकी हैं।
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