अगर आप जिम में भारी वजन उठाने का शौक रखते हैं लेकिन नहीं जानते कि कहाँ से शुरू करें, तो पैरा पावरलिफ्टिंग आपके लिए सही जगह है। यह सिर्फ ताकत बढ़ाने वाला खेल नहीं, बल्कि शरीर की पूरी फिटनेस को सुधारता है। चलिए आसान शब्दों में समझते हैं कि इसे कैसे अपनाएं।
पहला कदम है लक्ष्य तय करना – क्या आप वजन कम करना चाहते हैं या मसल बनाना? दोनों के लिए ट्रेनिंग प्लान अलग होगा। शुरुआती लोगों को हल्का वजन और सही फॉर्म पर ध्यान देना चाहिए, जबकि प्रोग्रेसिव ओवरलोड यानी धीरे‑धीरे भारी वज़न जोड़ना अनुभवी लिफ्टर के लिये जरूरी है।
सबसे लोकप्रिय तीन मूवमेंट हैं: स्क्वाट, डेडलिफ्ट और बेन्च प्रेस। इनको सही फॉर्म में करना चोटों से बचाता है। स्क्वाट करते समय घुटनों को पैर के सामने नहीं ले जाना चाहिए, पीठ सीधी रखनी है और कूदने की बजाय नीचे उतरना चाहिए। डेडलिफ्ट में बारबेल को हिप्स के पास रखना और कमर को मोड़कर उठाना सुरक्षित रहता है। बेन्च प्रेस में बेंच पर शरीर स्थिर रखें, हाथों का अंतर कंधे‑से‑कंधा हो और बार को धीरे‑धीरे नीचे लाएँ।
फ़ॉर्म की प्रैक्टिस के लिए हल्का वजन या खाली बारबेल से शुरू करें। अगर जिम में ट्रेनर उपलब्ध है तो एक दो सत्र देख लें – वह आपके छोटे‑छोटे गलतियों को तुरंत पकड़ लेगा। याद रखें, सही तकनीक सीखना हमेशा भारी वज़न उठाने से बेहतर है।
पावरलिफ्टर की बॉडी को ठीक से ईंधन चाहिए। प्रोटीन का सेवन 1.6‑2 ग्रा/किलोग्राम बॉडीवेट रखें, जैसे दालें, अंडे, चिकन या पनीर। कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा देता है – चावल, ओट्स और फल अच्छे विकल्प हैं। वसा भी ज़रूरी है, लेकिन हेल्दी फ़ैट जैसे मूंगफली या अलसी का तेल चुनें।
वर्कआउट के बाद 30‑60 मिनट में प्रोटीन शेक या दही‑फल मिलाकर खाएँ; इससे मसल रिपेयर तेज़ होता है। साथ ही नींद को नज़रअंदाज़ न करें – रोज़ाना 7‑8 घंटे की गहरी नींद ताकत बनाती है। अगर आप बहुत थकान महसूस कर रहे हों तो हल्की स्ट्रेचिंग या योगा करके शरीर को रिलैक्स कर सकते हैं।
सप्लीमेंट्स सिर्फ अतिरिक्त मदद के लिये होते हैं, ज़रूरी नहीं। यदि प्रोटीन या मल्टीविटामिन लेने की योजना है तो डॉक्टर से सलाह लें। बहुत अधिक कॅफ़ी या ऊर्जा ड्रिंक लेना बचें; ये हाइड्रेशन को बिगाड़ते हैं और पेसोफिज़िक पर असर डाल सकते हैं।
अब बात करते हैं प्रोग्रेसिव ओवरलोड की। हर दो‑तीन वर्कआउट में थोड़ा वजन बढ़ाएँ – 2.5 kg या 5 kg से शुरू करें। अगर आप पाँच रेप्स तक आसानी से कर रहे हों तो अगली बार थोड़ा भारी उठाएं। लेकिन हमेशा अपने शरीर के संकेत सुनें; दर्द और थकान अलग होते हैं, दर्द का मतलब चोट है।
ट्रैकिंग भी महत्वपूर्ण है। एक नोटबुक या ऐप में सेट‑रेप, वजन और रेज़िस्टेंस लिखें। इससे आपको पता चलता रहेगा कि आप कितना आगे बढ़े हैं और कब ब्रेक लेना चाहिए। लक्ष्य निर्धारित करें – जैसे 3 महीनों में स्क्वाट 100 kg करना, फिर धीरे‑धीरे बढ़ते रहें।
अंत में दो बातें: धीरज रखें और मज़ा लें। पावरलिफ्टिंग एक रेस नहीं, बल्कि लगातार सुधार की कहानी है। जब आप पहली बार सही फॉर्म में भारी वजन उठाएँगे तो खुद पर गर्व महसूस होगा। यही भावना आपको अगली ट्रेनिंग में मोटी प्रेरणा देगी।
तो देर न करें, आज ही हल्का वज़न लेकर इन बुनियादी मूवमेंट्स को ट्राय करें और धीरे‑धीरे अपनी शक्ति बढ़ाएँ। आपका फिटनेस सफ़र यहीं से शुरू होता है!
पेरिस 2024 पैरालम्पिक खेलों के पहले दिन के पैरा पावरलिफ्टिंग प्रतियोगिता में कई रिकॉर्ड टूटे, लेकिन फ्रांस के खिलाड़ी एक भी पदक जीतने में नाकामयाब रहे। कजाकिस्तान के डेविड डगत्यरेव ने 188 किलोग्राम की लिफ्ट करके नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। वहीं, फ्रांस के खिलाड़ी एक्सल बौरलोन और एलेक्स अडेलाइडे ने कोई पदक नहीं जीता। महिला श्रेणियों में भी दो पैरालम्पिक रिकॉर्ड और एक विश्व रिकॉर्ड टूटे।
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