नमस्ते! अगर आप ओडिशा के बारे में अपडेट चाहते हैं तो सही जगह पर आए हैं. इस पेज पर हम राजनीति, मौसम, खेल और रोज़मर्रा के मुद्दों को सरल शब्दों में लाते हैं. अब देर न करके सबसे ज़रूरी खबरें देखें.
ओडिशा में पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री की नई योजना पर चर्चा बढ़ी. सरकार ने ग्रामीण बिजली पहुंचाने के लिए 500 करोड़ रुपये का बजट घोषित किया और यह बताया कि अगले साल तक हर गाँव में नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित होगी. किसान यूनियन ने कहा कि जलसिंचाई प्रोजेक्टों को तेज़ करना चाहिए, क्योंकि कई इलाकों में अभी भी पानी की कमी है.
एक और बड़ी खबर: ओडिशा हाई कोर्ट ने हाल ही में एक बड़े औद्योगिक परियोजना के पर्यावरणीय मंजूरी को स्थगित कर दिया. कोर्ट का कहना था कि स्थानीय लोगों की राय नहीं ली गई थी, इसलिए आगे की प्रक्रिया रुक गई. इस फैसले से कई निवेशकों को अपनी योजनाओं में बदलाव करना पड़ेगा.
भारी बारिश की खबरें भी लगातार आती रहती हैं. मौसम विभाग ने कहा है कि अगले तीन दिनों तक उड़ीसा के उत्तरी जिलों में 200 मिलीमीटर से अधिक वर्षा हो सकती है. बरेली, सन्तर और कंसिलाबाद जैसे क्षेत्रों को जलस्तर बढ़ने का जोखिम है, इसलिए स्थानीय प्रशासन ने एम्बुलेंस और बचाव टीमें तैयार रखी हैं.
अगर आप इन क्षेत्रों में रहते हैं तो अपने घर की छत पर पानी जमा न होने दें, ज़्यादा से ज़्यादा बारीक झाड़ू या बाल्टी रखें. छोटे बच्चों को बाहर खेलने से रोकें और फसल के नुक़सान से बचने के लिए किसान अब अपना खेत सुरक्षित कर रहे हैं.
खेल प्रेमियों के लिए भी ख़बरें हैं: ओडिशा की क्रिकेट टीम ने हाल ही में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के क्वालिफायर मैचों में अच्छी पारी खेली. बर्मिंघा स्टेडियम में दो जीत के बाद अब टॉप चार में जगह बन रही है, जिससे आगे का सफर आसान हो सकता है.
समाज के मुद्दे भी यहाँ पर नहीं छूटते. हालिया सर्वे में बताया गया कि ओडिशा की महिलाओं में शिक्षा दर 70% से ऊपर पहुंच गई है, लेकिन अभी भी कुछ ग्रामीण इलाकों में स्कूल तक पहुँच मुश्किल है. सरकार ने नई मोबाइल लाइब्रेरी शुरू करने का वादा किया है ताकि किताबें दूर‑दूर तक पहुँच सकें.
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ओडिशा के नए मुख्यमंत्री, मोहन चरण माझी, 53 वर्षीय जनजातीय समुदाय के सदस्य और चार बार के विधायक हैं। उनके नेतृत्व में राज्य के प्रशासन में जनजातीय दृष्टिकोण का समावेश होगा। माझी की नियुक्ति न केवल उनकी सार्वजनिक सेवा के प्रति निष्ठा को दर्शाती है, बल्कि राज्य के सत्ता संतुलन में बड़ा बदलाव लाने की भी मंशा रखती है।
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