योगी आदित्यनाथ का कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर तीखा वार: इतिहास और वोट बैंक की राजनीति

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14

नव॰

2024

चुनावी माहौल में उछाला गया विवादास्पद बयान

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में मल्लिकार्जुन खड़गे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महाराष्ट्र के अमरावती में एक चुनावी रैली के दौरान आदित्यनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष को एक पुराने और दर्दनाक इतिहास की याद दिलाते हुए उन पर चुप्पी साधे रहने का आरोप लगाया। आदित्यनाथ का दावा है कि खड़गे के गृहमूल वारवट्टी गाँव को रज़ाकारों द्वारा जलाया गया था और इस दिन उनके परिवार के कई सदस्य हमले का शिकार हुए थे। इस पर खड़गे की चुप्पी का कारण आदित्यनाथ ने मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति बताया है।

रज़ाकार हमले का दर्दनाक इतिहास

आदित्यनाथ ने अपने भाषण में खड़गे के उस व्यक्तिगत त्रासदी का उल्लेख किया जिसमें उनके परिवार के सदस्यों की मौत हुई थी। उन्होंने कहा कि रज़ाकारों की हिंसा में खड़गे की माँ, बुआ, और बहन की मौत हुई थी। यह हमला उस समय हुआ था जब हैदराबाद का निज़ाम राज्य का स्वतंत्र अस्तित्व बनाए रखने के लिए आंदोलन कर रहा था। आदित्यनाथ के अनुसार, जब निज़ाम ने महसूस किया कि राज्य को स्वतंत्र रखना संभव नहीं है, तो हिंदुओं पर हमले किए जाने लगे। इसी समय, डॉ. बी.आर. आंबेडकर ने हिंदुओं और अनुसूचित जातियों को महाराष्ट्र में सुरक्षित स्थानांतरण की सलाह दी थी।

वोट बैंक की राजनीति पर गंभीर आरोप

वोट बैंक की राजनीति पर गंभीर आरोप

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर इतिहास दबाने और इसे केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए उपयोग करने का आरोप लगाया है। उनके अनुसार, कांग्रेस ने 1946 में मुस्लिम लीग के साथ समझौता किया, जिसके परिणामस्वरूप भारत का विभाजन हुआ और हिंदुओं के खिलाफ हिंसा हुई। खड़गे और उनकी पार्टी पर उन्होंने इसी कारण से चुप्पी साधने और इन घटनाओं पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया। आदित्यनाथ का कहना है कि ये घटनाएँ इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिसे राजनीतिक फायदा उठाने के कारण दबाया जा रहा है।

मौजूदा स्थिति और विभाजन की चेतावनी

योगी आदित्यनाथ ने वर्तमान समय की स्थिति को भी इसी इतिहास से जोड़ते हुए कहा कि राष्ट्र में विभाजन को बढ़ावा दिया जा रहा है। ‘लव जिहाद’ और ‘लैंड जिहाद’ जैसे मुद्दों का उल्लेख करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हिंदू विभाजित होते हैं, तो उनकी बेटियों की सुरक्षा, मंदिरों की सुरक्षा और समुदायों की एकता खतरे में पड़ जाएगी। आदित्यनाथ का तर्क है कि यह भी एक प्रकार की राजनीतिक चाल है, जो समुदायों के मध्य विभाजन का कारण बन सकती है।

मुख्य मंत्री ने कहा कि खड़गे और उनका आक्रोश उन्हीं निज़ामों और रज़ाकारों की तरफ होना चाहिए जिन्होंने उनके गाँव को जलाया और अपने परिवार को नुकसान पहुँचाया, न कि उन्हीं पर जो उनके द्वारा किए गए अन्याय को उजागर कर रहे हैं। यह बयान चुनावों के समय दिया गया है, इसलिए इसे राजनीति के नजरिए से भी देखा जा रहा है।

लेखक के बारे में

स्नेहा वर्मा

स्नेहा वर्मा

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।

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