चुनावी माहौल में उछाला गया विवादास्पद बयान
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में मल्लिकार्जुन खड़गे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महाराष्ट्र के अमरावती में एक चुनावी रैली के दौरान आदित्यनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष को एक पुराने और दर्दनाक इतिहास की याद दिलाते हुए उन पर चुप्पी साधे रहने का आरोप लगाया। आदित्यनाथ का दावा है कि खड़गे के गृहमूल वारवट्टी गाँव को रज़ाकारों द्वारा जलाया गया था और इस दिन उनके परिवार के कई सदस्य हमले का शिकार हुए थे। इस पर खड़गे की चुप्पी का कारण आदित्यनाथ ने मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति बताया है।
रज़ाकार हमले का दर्दनाक इतिहास
आदित्यनाथ ने अपने भाषण में खड़गे के उस व्यक्तिगत त्रासदी का उल्लेख किया जिसमें उनके परिवार के सदस्यों की मौत हुई थी। उन्होंने कहा कि रज़ाकारों की हिंसा में खड़गे की माँ, बुआ, और बहन की मौत हुई थी। यह हमला उस समय हुआ था जब हैदराबाद का निज़ाम राज्य का स्वतंत्र अस्तित्व बनाए रखने के लिए आंदोलन कर रहा था। आदित्यनाथ के अनुसार, जब निज़ाम ने महसूस किया कि राज्य को स्वतंत्र रखना संभव नहीं है, तो हिंदुओं पर हमले किए जाने लगे। इसी समय, डॉ. बी.आर. आंबेडकर ने हिंदुओं और अनुसूचित जातियों को महाराष्ट्र में सुरक्षित स्थानांतरण की सलाह दी थी।
वोट बैंक की राजनीति पर गंभीर आरोप
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर इतिहास दबाने और इसे केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए उपयोग करने का आरोप लगाया है। उनके अनुसार, कांग्रेस ने 1946 में मुस्लिम लीग के साथ समझौता किया, जिसके परिणामस्वरूप भारत का विभाजन हुआ और हिंदुओं के खिलाफ हिंसा हुई। खड़गे और उनकी पार्टी पर उन्होंने इसी कारण से चुप्पी साधने और इन घटनाओं पर चर्चा से बचने का आरोप लगाया। आदित्यनाथ का कहना है कि ये घटनाएँ इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिसे राजनीतिक फायदा उठाने के कारण दबाया जा रहा है।
मौजूदा स्थिति और विभाजन की चेतावनी
योगी आदित्यनाथ ने वर्तमान समय की स्थिति को भी इसी इतिहास से जोड़ते हुए कहा कि राष्ट्र में विभाजन को बढ़ावा दिया जा रहा है। ‘लव जिहाद’ और ‘लैंड जिहाद’ जैसे मुद्दों का उल्लेख करते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हिंदू विभाजित होते हैं, तो उनकी बेटियों की सुरक्षा, मंदिरों की सुरक्षा और समुदायों की एकता खतरे में पड़ जाएगी। आदित्यनाथ का तर्क है कि यह भी एक प्रकार की राजनीतिक चाल है, जो समुदायों के मध्य विभाजन का कारण बन सकती है।
मुख्य मंत्री ने कहा कि खड़गे और उनका आक्रोश उन्हीं निज़ामों और रज़ाकारों की तरफ होना चाहिए जिन्होंने उनके गाँव को जलाया और अपने परिवार को नुकसान पहुँचाया, न कि उन्हीं पर जो उनके द्वारा किए गए अन्याय को उजागर कर रहे हैं। यह बयान चुनावों के समय दिया गया है, इसलिए इसे राजनीति के नजरिए से भी देखा जा रहा है।
15 टिप्पणि
Sumit singh
नवंबर 15, 2024 AT 12:47ये सब बकवास चुनावी चिल्लाहट है। इतिहास को राजनीति के लिए उपयोग करना तो बहुत पुराना ट्रिक है। आदित्यनाथ जी के बयान में कोई नए तथ्य नहीं हैं, बस भावनाओं को जला रहे हैं। इतिहास को सच्चाई से दूर रखने की कोशिश है।
fathima muskan
नवंबर 17, 2024 AT 02:35अरे भाई, रज़ाकारों का इतिहास तो हर कोई जानता है... पर अब ये वोट बैंक की बात करने लगे? 😏 अगर खड़गे ने चुप रहा तो शायद उसका दिल तोड़ देने के बजाय, उसकी आत्मा को बचाना चाहता है। अब ये सब भावनात्मक ट्रेडिंग है, बस।
Devi Trias
नवंबर 17, 2024 AT 12:04महोदय, रज़ाकारों के खिलाफ हिंदू समुदाय के खिलाफ हुए अत्याचारों का इतिहास वास्तविक और दर्दनाक है। लेकिन इसे एक व्यक्ति के व्यक्तिगत दुख के साथ जोड़कर राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग करना, इतिहास के प्रति असम्मान है। खड़गे के परिवार के लिए दुख की गहराई को समझना चाहिए, न कि इसे एक अवसर बनाना चाहिए।
Kiran Meher
नवंबर 18, 2024 AT 19:13भाई ये बात तो सच है जो योगी जी कह रहे हैं। इतिहास को दबाना बर्बरता है। हमें सबको याद रखना चाहिए। जिसने आपकी माँ को ले लिया, उसके नाम को भूलना गलत है। जिंदगी में बहुत कुछ होता है लेकिन इतिहास तो बदल नहीं सकता। हमें सामना करना होगा।
Tejas Bhosale
नवंबर 19, 2024 AT 12:34राजनीतिक अर्थशास्त्र में इतिहास का निर्माण एक डिस्कोर्डेंट रिफ्रेमिंग टेक्निक है। योगी आदित्यनाथ का एक्ट एक निर्माणात्मक नैरेटिव इंजीनियरिंग है। खड़गे की चुप्पी एक एक्सिस ऑफ़ एवॉइडेंस है। वोट बैंक एक डायनामिक डिस्ट्रिब्यूशन मॉडल है।
Asish Barman
नवंबर 20, 2024 AT 17:13ये सब बकवास है। रज़ाकारों के बारे में क्या हुआ था वो तो इतिहासकार बताएंगे। लेकिन योगी जी ने खड़गे को टारगेट क्यों किया? क्योंकि वो एक अलग राज्य से हैं। अगर ये सब असली होता तो आज के दिन भी कोई न कोई बोल रहा होता। ये तो बस चुनाव का खेल है।
Abhishek Sarkar
नवंबर 20, 2024 AT 23:20ये जो आदित्यनाथ बोल रहे हैं वो सब एक बड़ी साजिश है। ये जानते हैं कि अगर हम इतिहास को जागृत कर दें तो लोग याद कर लेंगे कि कांग्रेस ने 1946 में मुस्लिम लीग के साथ गुप्त समझौता किया था। ये बात किसी को नहीं बताई जाती। ये लोग चाहते हैं कि हम भूल जाएं कि हिंदुओं के खिलाफ कितनी बर्बरताएं हुईं। और अब खड़गे की चुप्पी उनकी गुनाह है? नहीं भाई, ये सब एक बड़ा नेटवर्क है।
Niharika Malhotra
नवंबर 22, 2024 AT 23:10हर इतिहास में दर्द होता है। खड़गे के परिवार का दर्द भी वैसा ही है। लेकिन इसे राजनीति के लिए उपयोग करना गलत है। बल्कि इसे समझना चाहिए। हम सब मिलकर इस दर्द को समाप्त कर सकते हैं। अगर हम एकता की ओर बढ़ेंगे तो इतिहास का दर्द भी कम हो जाएगा। आदित्यनाथ जी, आप एक नेता हैं। आप इस दर्द को जोड़ने की बजाय, इसे भुलाने की बजाय, इसे समाधान की ओर ले जाएं।
Baldev Patwari
नवंबर 23, 2024 AT 23:27ये सब फेक न्यूज़ है। रज़ाकारों का इतिहास? बस एक बात बताओ, खड़गे के परिवार के बारे में किसने लिखा? किसने दस्तावेज़ दिए? इस बात को लेकर कोई डॉक्यूमेंटेशन नहीं है। ये तो बस एक बड़ा झूठ है। आदित्यनाथ के टीम का एक और ब्रेनस्टॉर्मिंग सेशन।
harshita kumari
नवंबर 25, 2024 AT 04:45ये सब एक बड़ी षड्यंत्र है। योगी आदित्यनाथ को किसने बताया कि खड़गे के गाँव को रज़ाकारों ने जलाया? शायद किसी ने उन्हें बताया कि अगर ये बात करेंगे तो लोग वोट देंगे। और खड़गे की चुप्पी? शायद वो जानते हैं कि अगर वो बोलेंगे तो और ज्यादा खून बहेगा। ये सब एक बड़ा खेल है।
SIVA K P
नवंबर 26, 2024 AT 03:05अरे ये तो बस बेवकूफ़ बना रहे हैं। खड़गे के परिवार के बारे में क्या हुआ? ये सब तो बस एक गाँव का नाम बताया है। क्या तुम्हें पता है कि उस गाँव में कितने लोग रहते हैं? ये बातें बनाने के लिए तो कोई भी बना सकता है। अगर ये सच होता तो तुम आज तक इसकी खबर देख चुके होते।
Neelam Khan
नवंबर 26, 2024 AT 18:37हर किसी के इतिहास में दर्द होता है। खड़गे के परिवार का दर्द भी वैसा ही है। लेकिन इसे राजनीति के लिए उपयोग करना गलत है। हमें सबको एक साथ रहना सीखना होगा। योगी जी, आप एक नेता हैं। आप इस दर्द को जोड़ने की बजाय, इसे भुलाने की बजाय, इसे समाधान की ओर ले जाएं।
Jitender j Jitender
नवंबर 28, 2024 AT 00:08राजनीतिक नैरेटिव और ऐतिहासिक वास्तविकता के बीच एक डायनामिक डिस्क्रेपेंसी है। आदित्यनाथ का एक्ट एक सामाजिक इंजीनियरिंग टूल है। खड़गे की चुप्पी एक एवॉइडेंस स्ट्रेटेजी है। वोट बैंक एक डायनामिक डिस्ट्रिब्यूशन मॉडल है। ये सब एक बड़ा सिस्टम है।
Jitendra Singh
नवंबर 29, 2024 AT 23:00ये बयान एक भावनात्मक विषय है। इतिहास को जागृत करना अच्छा है, लेकिन इसे राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग करना असह्य है। खड़गे की चुप्पी का कारण शायद यही है कि वो जानते हैं कि ये बातें बहुत गहरी हैं। और अगर आप इसे छूते हैं तो वो खून बह जाएगा। ये तो बस एक बड़ा खेल है।
VENKATESAN.J VENKAT
नवंबर 30, 2024 AT 12:50इतिहास को बदलने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। खड़गे के परिवार का दर्द वास्तविक है। लेकिन आदित्यनाथ जी का ये बयान बस एक चुनावी चाल है। ये लोग जानते हैं कि अगर वो इस बात को बढ़ावा देंगे तो लोग वोट देंगे। लेकिन ये बात असली नहीं है। ये तो बस एक बड़ा झूठ है।