जब हम IMD, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का संक्षिप्त रूप, जो मौसम, जलवायु और वायुमंडलीय विज्ञान पर राष्ट्रीय स्तर पर डेटा, पूर्वानुमान और चेतावनी जारी करता है. इसे अक्सर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग कहा जाता है, क्योंकि यह देश के हर कोने में मौसम की सटीक खबरें लाता है। IMD का काम सिर्फ रोज़ाना तापमान बताना नहीं, बल्कि बाढ़, तूफ़ान, वृष्टि‑स्ट्रोक और अत्यधिक तापमान जैसी आपदाओं की देरनज़र चेतावनी देना भी है। इस कारण किसान, पर्यटनकर्मी, ऊर्जा प्रदाता और आम नागरिक सभी IMD पर भरोसा करते हैं।
IMD के काम को समझने के लिए तीन प्रमुख मौसम, वर्तमान वायुमंडलीय स्थितियों जैसे तापमान, नमी, हवा की गति आदि को जानना जरूरी है। यह मौसम विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा जो वायुमंडल के व्यवहार और परिवर्तन का अध्ययन करती है पर आधारित है। जब मौसम की जानकारी आती है, तो IMD जलवायु परिवर्तन, दीर्घकालिक वायुमंडलीय पैटर्न में हो रहे बड़े बदलाव के बारे में भी डेटा इकट्ठा करता है, जिससे नीति‑निर्धारकों को सतत विकास के लिए मार्गदर्शन मिलता है। इन तीनों के बीच का संबंध बहुत सीधा है: जलवायु परिवर्तन मौसम के पैटर्न को बदलता है, मौसम विज्ञान इसे पढ़ता है, और IMD इन सबको जनता तक पहुंचाता है।
इसी पृष्ठ पर आपको IMD से जुड़े कई विषयों के लेख मिलेंगे: दैनिक मौसम पूर्वानुमान से लेकर कृषि‑संबंधी मौसम सलाह, पर्यटन‑सजग मौसम टिप्स, ऊर्जा‑क्षेत्र में तापमान‑वॉटर‑डिमांड का प्रभाव और आपदा‑प्रबंधन में त्वरित चेतावनियों की भूमिका। हर लेख में हम बताते हैं कि कैसे एक छोटे‑से आंकड़े ने बड़े स्तर पर निर्णय बदले, जैसे कि अक्टूबर में हाई‑ड्रैफ़्ट रेनफॉरेस्ट के लिए टॉपिक‑प्रॉम्प्ट। इसलिए आप यहां पढ़ते ही अपने रोज़मर्रा के फैसलों में मौसम की समझ को जोड़ सकते हैं।
अब आप जानते हैं कि IMD सिर्फ एक संक्षिप्त नाम नहीं, बल्कि मौसम, विज्ञान और जलवायु के बीच की कड़ी है। नीचे दिए गए लेखों में हम इस कड़ी को विभिन्न परिप्रेक्ष्य से तोड़‑मरोड़ कर पेश करेंगे, जिससे आपके लिए उपयोगी जानकारी का खज़ाना तैयार होगा।
IMD ने मुंबई में लाल‑संतरी अलर्ट जारी किया, कई क्षेत्रों में 100 mm से अधिक बारिश हुई, स्कूल बंद और सरकारी ने 24‑घंटे नियंत्रण केंद्र चलाने का आदेश दिया।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने राजस्थान के कई जिलों में 3 अक्टूबर तक जारी रहने वाले अंतिम मॉनसून बरसात के लिए रैन अलर्ट जारी किया है। बंगाल की खाड़ी से उठी वायुमंडलीय सायक्लोन ने पूर्व, दक्षिण‑पूर्व और दक्षिणी हिस्सों में तेज़ बारिश, गरज‑बिजली और तेज़ हवाएँ लाई हैं। जयपुर में अधिकतम तापमान 31 °C, जोड़पुर 27.8 °C, उदयपुर 25.6 °C और कोटा 29.4 °C अनुमानित है। इस साल बारिश की मात्रा 125 साल में केवल दो बार 65 % से अधिक औसत से ऊपर रही है, जिससे यह सीजन विशेष महत्व का बन गया है।
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