मॉनसून का अंतिम चरण और नई बारिश
इंडिया मीटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (IMD) ने आज के बाद के कई घंटों में राजस्थान में एक विस्तृत रैन अलर्ट जारी किया, जिसमें बताया गया है कि मौनसन का आखिरी झटका 3 अक्टूबर 2025 तक बरकरार रहेगा। बाद में बंगाल की खाड़ी के पास म्यांमार की सीमा पर बन रहे सर्कुलेशन सिस्टम ने हवा की दिशा बदल दी, जिससे पूर्वी, दक्षिण‑पूर्वी और दक्षिणी जिलों में अचानक तेज‑बारिश, गरज‑बिजली और तेज़ हवाओं की संभावना बढ़ गई।
IMD के अनुसार, यह सर्कुलेशन सिस्टम कोरियन और प्रशांत महासागर से आ रही गहरी वायुमंडलीय प्रवाह के साथ मिलकर प्रदेश में नई नमी लेकर आया है। इस तरह का मॉनसून‑क्लोज़र पैटर्न पिछले पाँच सालों में दो बार देखा गया है, लेकिन इस बार की तीव्रता और अवधि में विशेषता स्पष्ट है।

प्रभावित जिलों में स्थितियां और सावधानियां
जिला स्तर पर IMD ने पीले रंग के अलर्ट जारी किए हैं, जिनमें झालावाड़, प्रतापगढ़, डुंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़ा और सलम्बर प्रमुख हैं। उदयपुर विभाग तथा उसके आस‑पास के क्षेत्रों को विशेष रूप से गरज‑बिजली और तेज़ हवाओं की चेतावनी दी गयी है। इन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, लेकिन संभावित हवाओं की गति 30‑45 किमी/घं तक पहुँच सकती है।
मुख्य शहरों के तापमान में हल्की गिरावट देखी जा रही है। राजधानी जयपुर में अधिकतम तापमान 31 °C रहेंगे, जो पिछले हफ्ते के 35 °C से कई डिग्री कम है। जोधपुर में 27.8 °C, उदयपुर में 25.6 °C और कोटा में 29.4 °C अधिकतम तापमान का अनुमान है। इस मध्यम तापमान के साथ नमी की बढ़ोतरी से फसल की फसल में जलभरण का जोखिम भी बढ़ सकता है।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस आखिरी बारिश से खेतों में फसल की वृद्धि पर सकारात्मक असर पड़ेगा, विशेषकर बांसवाड़ा और डुंगरपुर जैसे अल्पवृष्टि वाले क्षेत्रों में। लेकिन साथ ही, अत्यधिक बारिश से जलभराव, फसल रोग और कीटों की तीव्र वृद्धि का भी खतरा रहेगा। किसानों को पानी के निकास के लिए नालियों की सफाई और खेतों में निचोड़ की व्यवस्था पर ध्यान देने की सलाह दी गई है।
शहरी क्षेत्रों में भी कई जगहों पर जलभराव की रिपोर्टें मिल रही हैं। स्थानीय प्राधिकरणों ने जल निकासी की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए तुरंत कार्यवाही का निर्देश दिया है। सड़क पर खड़ी पानी की वजह से वाहन चालकों को सावधानी बरतने और दुर्घटनाओं से बचने की अपील की गई है।
अग्रिम चेतावनियों के अलावा, IMD ने नागरिकों को गरज‑बिजली के दौरान खुले स्थानों से दूर रहने, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करने और बीजिंग से जुड़े हुए उपकरणों को अनप्लग करने का निर्देश दिया है। तेज़ हवाओं के कारण टहलते समय ठोकने वाले वस्तुओं से बचना और पेड़ के पास न खड़ा होना भी सलाहकार उपाय हैं।
देश के अन्य हिस्सों में मॉनसून पहले ही पूरी तरह से खिसका है, जैसे दिल्ली में बारिश की घटनाएँ बंद हो चुकी हैं। लेकिन राजस्थान में यह आखिरी बारिश का दौर अभी जारी है, जिससे राज्य के वार्षिक वर्षा आँकड़ों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। IMD ने अतिरिक्त 48 घंटे में स्थिति की फिर से समीक्षा करने और आवश्यकतानुसार अलर्ट को अपग्रेड करने का वादा किया है।