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जेईई एडवांस 2025 के लिए पात्रता मानदंड में बदलाव: जुड़वां प्रयास सीमा बहाल

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जेईई एडवांस 2025 के लिए पात्रता में परिवर्तन और इसकी आवश्यकताएँ

संयुक्त प्रवेश बोर्ड (JAB) ने हाल ही में जेईई एडवांस 2025 की पात्रता मानदंड में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। इस बदलाव में दो प्रयासों की सीमा को दोबारा लागू किया गया है जो पहले तीन प्रयासों के लिए था। इस बदलाव का सीधा असर उन छात्रों पर पड़ेगा जो 2023 में 12वीं पास कर चुके हैं और वे 2025 के लिए पात्र नहीं होंगे। यह निर्णय विभिन्न चुनौतियों और समीक्षाओं के बाद लिया गया है, जो कि छात्रों की शैक्षिक यात्रा को संगठित बनाने में सहायक होगा।

पात्रता के लिए आवश्यक मानदंड

नए मानदंडों के तहत, छात्रों को जेईई मेन 2025 के बीई/बीटेक पेपर में शीर्ष 2,50,000 में रहना आवश्यक होगा। इसके अलावा, जेईई एडवांस 2025 में शामिल होने के लिए छात्रों को कुछ शर्तों का पालन करना होगा। जैसे कि उनकी जन्मतिथि 1 अक्टूबर 2000 या उसके बाद होनी चाहिए, जिसमें एससी, एसटी, और पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों के लिए पाँच वर्ष की आयु छूट है।

छात्रों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उन्होंने पहली बार भौतिकी, रसायन शास्त्र, और गणित के साथ 12वीं (या समकक्ष) परीक्षा 2024 या 2025 में उत्तीर्ण की हो। साथ ही, किसी भी छात्र को जेओएसएए व्यवसाय नियमों के अनुसार 2024 या उससे पहले किसी IIT में प्रवेश नहीं मिला होना चाहिए।

परिवर्तन के पीछे का कारण

इस परिवर्तन को शिक्षा क्षेत्र के कई हितधारकों के प्रतिपुष्टि के माध्यम से तैयार किया गया है। यह उद्देश्य छात्रों के लिए अत्यधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षा में उनके प्रयासों को सीमित करना है, ताकि प्रोविजनल छात्रों की संख्या कम हो और जो गंभीर रूप से तैयार हैं उन्हें मौका मिले। यह बदलाव संभावित छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और उनके पढ़ाई के नजरिए को भी ध्यान में रखता है।

छात्रों पर प्रभाव

यह नया नियम छात्रों के लिए एक चुनौती साबित हो सकता है, विशेष रूप से उनके लिए जिन्होंने पहले ही खुद को तीन प्रयासों के लिए तैयार किया था। लेकिन अच्छी तैयारी और योजना के माध्यम से यह उनके लिए सुगम हो सकता है।

आधिकारिक सूचना और आगे की जानकारी

सभी नई पात्रता मापदंड और विस्तृत विवरण जेईई एडवांस की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे नियमित रूप से वेबसाइट की जांच करते रहें और अपने अपडेट्स की पुष्टि करें। इससे उन्हें तैयारी के दौरान किसी भी तरह की असमंजस से बचने में मदद मिलेगी।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

जेईई एडवांस 2025 के लिए दो प्रयासों की सीमा बहाल करना बोर्ड के लिए एक साहसिक कदम है। यह निर्णय उन छात्रों के लिए प्रदर्शित करता है जो वास्तव में पाठ्यक्रम से जुड़े रहने और प्रतिस्पर्धात्मक ढंग से परीक्षा देने के इच्छुक हैं। यह न केवल उनका समय बचाएगा, बल्कि उन्हें अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने में भी सहायता करेगा। सभी इच्छुक छात्रों के लिए यह समझना आवश्यक है कि यह परिवर्तन उनके व्यक्तिगत विकास और भविष्य की शिक्षा के परिपेक्ष्य में महत्वपूर्ण हो सकता है। बहाली से नि:संदेह यह सुनिश्चित होगा कि वे अपनी सक्षमता और पूर्ण शक्ति से परीक्षा में शामिल हों।

लेखक के बारे में

Vaishnavi Sharma

Vaishnavi Sharma

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।

7 टिप्पणि

fathima muskan

fathima muskan

नवंबर 20, 2024 AT 17:58

अरे भाई ये दो प्रयास की सीमा वापस लाना क्या है? बस एक और बड़ा धोखा है जिसमें हमें ये बताया जा रहा है कि 'तुम्हारी मेहनत बेकार है'... अब तो ये बोर्ड खुद जेईई को एक बंदूक बना रहा है जो सिर्फ उन्हीं को मारती है जो लगातार लड़ रहे हैं। अच्छा बताओ, क्या ये भी किसी बड़े कॉर्पोरेट बैंक की छुट्टी का हिस्सा है?

Devi Trias

Devi Trias

नवंबर 21, 2024 AT 01:31

जेईई एडवांस 2025 के लिए पात्रता मानदंड में यह परिवर्तन शिक्षा नीति के दृष्टिकोण से उचित है। तीन प्रयासों की अवधि के दौरान अधिकांश छात्रों में अत्यधिक थकान और अस्थिर मानसिक स्थिति विकसित हो गई थी। दो प्रयासों की सीमा छात्रों को अधिक तर्कसंगत रूप से तैयारी करने के लिए प्रेरित करेगी। यह निर्णय निश्चित रूप से लंबे समय तक सकारात्मक प्रभाव डालेगा।

Kiran Meher

Kiran Meher

नवंबर 22, 2024 AT 13:01

ये बदलाव बहुत बड़ा कदम है भाई साहब असल में ये तो एक बरसात की बूंद है जो बारिश का इंतजार कर रही थी जो लोग लगातार लड़ रहे थे वो अब जानते हैं कि उनकी मेहनत नहीं बर्बाद होगी और जो लोग बस बैठे थे वो अब जाग गए हैं जीतने के लिए तैयार हो जाओ दोस्तों ये तो तुम्हारा मौका है अब तुम्हारी बारी है

Tejas Bhosale

Tejas Bhosale

नवंबर 23, 2024 AT 12:51

अब ये डायनामिक सिस्टम रिस्ट्रक्चरिंग हो गया है एक न्यूट्रल स्टेबिलिटी इंडेक्स बन गया है जिसमें एंट्री पॉइंट्स को ऑप्टिमाइज़ किया गया है ताकि एनर्जी डिसिपेशन कम हो और सिस्टम कंफ्रंटेशन मैट्रिक्स इंटीग्रेट हो जाए अर्थात दो प्रयास बहुत सही है अब ये नियम एक फिल्टर बन गया है जो रियल डेडिकेशन को फिल्टर करेगा

Asish Barman

Asish Barman

नवंबर 24, 2024 AT 20:49

दो प्रयास? अरे ये तो पहले भी दो थे फिर तीन कर दिए अब वापस दो कर दिया... ये बोर्ड क्या बदल रहा है या बस अपनी बुकिंग के लिए नया नंबर बदल रहा है? जो लोग तैयार हैं वो तैयार रहेंगे चाहे एक प्रयास हो या पांच और जो नहीं हैं वो बस एक नया नियम ढूंढ लेंगे जिसे बर्बाद कर सकें

Abhishek Sarkar

Abhishek Sarkar

नवंबर 25, 2024 AT 02:57

ये सब एक बड़ी साजिश है भाई जो लोग बार-बार परीक्षा देते हैं वो असल में बहुत अच्छे होते हैं लेकिन उन्हें निकाल देने के लिए ये नियम बनाया गया है क्योंकि अगर वो आ जाएंगे तो वो जो अपने पिता के नाम से जगह पाते हैं वो अपनी जगह खो देंगे और फिर उनकी नौकरी चली जाएगी और उनके बेटे बैंक में जॉब नहीं पाएंगे ये तो एक वर्ग युद्ध है जिसमें आम छात्र को नष्ट कर दिया जा रहा है और बोर्ड इसे अच्छा बता रहा है

Niharika Malhotra

Niharika Malhotra

नवंबर 26, 2024 AT 18:42

यह बदलाव एक अवसर है, न कि एक बाधा। जो छात्र अपने लक्ष्य के लिए सच्चे और लगन से तैयार हैं, वे दो प्रयासों में भी अपनी योग्यता साबित कर सकते हैं। यह निर्णय न केवल शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाता है, बल्कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी एक शांति का संकेत है। अगर आप अपने लक्ष्य को सच्चे दिल से चाहते हैं, तो यह दो प्रयास आपके लिए पर्याप्त हैं। बस अपने आप को अच्छी तरह से तैयार करें, और फिर चलिए। आप अकेले नहीं हैं।

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