प्रधानमंत्री मोदी: भारत-ऑस्ट्रिया मैत्री मजबूत, भविष्य में और प्रगाढ़ होगी

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10

जुल॰

2024

भारत-ऑस्ट्रिया संबंध: एक नई दिशा की ओर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रियाई चांसलर के बीच हुई विशेष बैठक ने दोनों देशों के बीच रिश्तों को नई मजबूती दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि भारत और ऑस्ट्रिया के बीच का मित्रता संबंध न केवल व्यापक है बल्कि भविष्य में और प्रगाढ़ होने वाला है। इस मुलाकात का प्रमुख उद्देश्य साझा मूल्यों के आधार पर द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देना था। मोदी ने अपनी टिप्पणी में दोनों देशों की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं, स्वतंत्रता और कानून के शासन के महत्व का भी उल्लेख किया।

द्विपक्षीय संबंधों का भविष्य

द्विपक्षीय संबंधों का भविष्य

दोनों नेताओं ने इस बैठक के दौरान विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा की। इन चर्चाओं में आर्थिक सहयोग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में साझेदारी, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल थे। मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत और ऑस्ट्रिया के बीच सहयोग के कई संभावित क्षेत्र हैं, जिनमें दोनों देश मिलकर काम कर सकते हैं।

साझी संवेदनशीलताएँ और मूल्‍य

भारत और ऑस्ट्रिया दोनों ही देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि उनके बीच के संबंध साझा संवेदनशीलताओं और मूल्यों पर आधारित हैं। यह बैठक इस दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थी कि दोनों देशों ने अपने लोकतांत्रिक सिद्धांतों और स्वतंत्रता के प्रति शिल्पित प्रतिबद्धता को पुनः पुष्टि की।

अर्थव्यवस्था और व्यापारिक सहयोग

इस बैठक में आर्थिक और व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया। दोनों देशों ने विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में एक दूसरे के साथ सहयोग करने की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। इसका उद्देश्य था कि दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में नई जान फूंकी जाए और नए निवेश के अवसरों की तलाश की जाए। मोदी ने इस संदर्भ में भारतीय व्यापारियों और उद्योगपतियों के लिए ऑस्ट्रिया में संभावनाओं की खोज को भी महत्वपूर्ण बताया।

वैज्ञानिक और तकनीकी भागीदारी

भारत और ऑस्ट्रिया के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी सहयोग को प्रोत्साहित किया गया। दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में आपसी सहयोग से दोनों को लाभ होगा। इस बैठक में विशेष रूप से भारतीय वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के लिए नए कार्यक्रमों और परियोजनाओं पर चर्चा की गई।

संस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यटन

सांस्कृतिक आदान-प्रदान और पर्यटन के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के प्रयास किए गए। भारत और ऑस्ट्रिया ने सांस्कृतिक धरोहरों और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संयुक्त कार्यक्रमों की योजना बनाई। मोदी ने इसके महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और आपसी समझ को बढ़ावा देने के लिए यह महत्वपूर्ण है।

जलवायु परिवर्तन

बैठक के दौरान जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण पर भी गहराई से चर्चा की गई। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें भारत और ऑस्ट्रिया को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। मोदी ने अपने अभियान 'स्वच्छ भारत' और 'हरित ऊर्जा' के महत्व पर जोर देते हुए ऑस्ट्रिया को इन अभियानों में शामिल होने का आह्वान किया।

अंततः, यह बैठक इस बात का प्रमाण है कि भारत और ऑस्ट्रिया के बीच संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए दोनों देश प्रतिबद्ध हैं। मोदी ने अपने बयान में इस भावना को अभिव्यक्त किया और विश्वास जताया कि आने वाले समय में भारत और ऑस्ट्रिया के संबंध और अधिक प्रगाढ़ होंगे। यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी और दोनों देशों के बीच सहयोग के नए द्वार खोलेगी।

लेखक के बारे में

स्नेहा वर्मा

स्नेहा वर्मा

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।

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