क्या आपने कभी सोचा है कि भारत और ऑस्ट्रिया के बीच कितनी बातें जुड़ी हुई हैं? कई लोग सोचते हैं कि ये दो देश सिर्फ़ यूरोपीय और एशियाई बॉर्डर पर ही होते हैं, लेकिन असल में उनका व्यापार, संस्कृति और खेल‑सम्बंध लगातार बढ़ रहा है। इस लेख में हम देखेंगे कि किन क्षेत्रों में दोनों देशों ने हाल‑ही में कदम रखे हैं और आप इन बदलावों से कैसे लाभ उठा सकते हैं।
पिछले पाँच सालों में भारत‑ऑस्ट्रिया व्यापार लगभग 30 प्रतिशत बढ़ा है। ऑस्ट्रिया अब भारत का प्रमुख यूरोपीय निवेशक बन चुका है, खासकर औषधि, मशीनरी और बायोटेक्नोलॉजी सेक्टर में। दूसरी ओर, भारतीय कंपनियां ऑस्ट्रिया के हाई‑टेक उद्योग, सॉफ्टवेयर आउटसोर्सिंग और पर्यटन सेवाओं को लक्ष्य बना रही हैं। अगर आप किसी स्टार्ट‑अप या छोटे उद्यमी हैं, तो इस दो‑तरफ़ा व्यापार मंचों पर भाग लेना आपको नए बाजार खोल सकता है।
एक प्रमुख पहल के तहत 2024 में ‘इंडिया‑ऑस्ट्रिया फ्री ट्रेड एग्रीमेंट’ की रूपरेखा तैयार हुई थी। जबकि यह अभी पूरी तरह से लागू नहीं हुआ, दोनों देशों ने कस्टम ड्यूटी में कटौती और मानकीकृत नियामक प्रक्रियाओं पर काम शुरू कर दिया है। इसका मतलब है कि आने वाले सालों में आयात‑निर्यात प्रक्रिया तेज़ होगी और लागत कम होगी।
संगीत, कला और शैक्षणिक आदान-प्रदान भी तेजी से बढ़ रहा है। हर साल वीयना में ‘इंडियन कल्चर फेस्टिवल’ आयोजित होता है, जहाँ भारतीय नृत्य, संगीत और फिल्में दर्शकों को आकर्षित करती हैं। इसी तरह, भारत में ऑस्ट्रिया के विश्वविद्यालयों की साझेदारी कार्यक्रम चल रहे हैं – छात्रवृत्ति, शोध सहयोग और इंटर्नशिप के अवसर बढ़े हैं। यदि आप पढ़ाई या रिसर्च करना चाहते हैं, तो इन स्कीमों पर नज़र रखें; कई बार फॉर्म भरते ही पूर्ण वित्तीय सहायता मिलती है।
खेल में भी दो देशों का साथ मजबूत हो रहा है। क्रिकेट की तुलना में फुटबॉल और एथलेटिक्स में ऑस्ट्रिया बेहतर माना जाता है, लेकिन भारत‑ऑस्ट्रिया महिला हॉकी टॉर्नामेंट ने दोनों टीमों को नई रणनीति आज़माने का मंच दिया। इन इवेंट्स के दौरान खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव मिलता है और दर्शकों को विविध खेल शैली देखनी मिलती है। अगर आप एक खेल प्रेमी हैं, तो इस तरह की टूर्नामेंट में भाग लेना या ऑनलाइन फॉलो करना आपके ज्ञान को बढ़ा सकता है।
पर्यटन भी इस रिश्ते का अहम हिस्सा बन रहा है। ऑस्ट्रिया के अल्पाइन रिसॉर्ट्स ने भारत से आने वाले यात्रियों को विशेष वीज़ा सुविधा और सस्ते पैकेज की पेशकश शुरू कर दी है। इसी तरह, भारतीय पर्यटन बोर्ड ने यूरोपीय यात्रियों को राजस्थान, गोवा और कश्मीर जैसे स्थलों पर प्रमोशन किया है। यात्रा एजेंटों के अनुसार, दो‑तरफ़ा टूरिज़्म में पिछले वर्ष 12 प्रतिशत वृद्धि देखी गई। अगर आप यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इन नई सुविधाओं का फायदा उठाकर कम खर्च में एक बेहतरीन ट्रिप बुक कर सकते हैं।
समग्र रूप से देखें तो भारत‑ऑस्ट्रिया संबंध सिर्फ़ कूटनीति नहीं, बल्कि रोज‑मर्रा के लोगों को जोड़ने वाला पुल बन रहा है। चाहे आप व्यापारी हों, छात्र, कलाकार या खेल प्रेमी – इस बढ़ते सहयोग का हिस्सा बनना अब आसान हो गया है। भविष्य में और भी नई पहलें आने की संभावना है, इसलिए अपडेटेड रहें और इन अवसरों को न चूकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रियाई चांसलर से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच भविष्य में संबंधों को और मजबूत बनाने के प्रति विश्वास व्यक्त किया। मोदी ने साझा मूल्यों, लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन पर बल दिया। बैठक ने द्विपक्षीय सहयोग के नए रास्ते तलाशने और रिश्तों को प्रगाढ़ करने का संकल्प प्रकट किया।
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