बाजार की दिन-प्रतिदिन स्थिति
स्थानिक निवेशकों और संस्थागत खरीददारों दोनों ने 24 सितंबर को शेयरों की बेचविक्री तेज़ी से की। प्रमुख सूचकांक
Sensex 38,200 अंक पर बंद हुआ, जिससे पिछले ट्रेडिंग दिन से 380 अंक से अधिक की गिरावट दर्ज हुई। वहीं, निफ्टी 50 25,080 अंक पर समाप्त हुआ, जो 25,100 के समर्थन स्तर को नीचे धकेल गया। वित्तीय, आईटी और औद्योगिक क्षेत्रों ने सबसे अधिक नुकसान झेला, जबकि यूटीआई, रिन्यूएबल एनर्जी और स्वास्थ्य‑सेवा ने मामूली रिवर्सल दिखाया।
वॉल्यूम डेटा से पता चलता है कि कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम पिछले सप्ताह के औसत से 12% अधिक रहा, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बाजार में तेज़ी से पोज़िशन बदल रहे थे। नियामक रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस सत्र में लगभग 5 अरब रुपये की शुद्ध बिक्री की, जो कीमतों में गिरावट का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है।

टेक्निकल संकेत और आगे की संभावनाएँ
तकनीकी विशेषज्ञों ने बताया कि 23 सितंबर को दोपहर 12:15 बजे के आसपास एक शॉर्ट‑टर्म लो पैटर्न उत्पन्न हुआ था, जिससे बाजार ने 180 अंक की तेजी से गिरावट देखी। इस प्रतिगमन के बाद फिर से एक छोटे‑से बुलिश सिग्नल की आशा की गई, लेकिन कीमतें निरंतर निम्न प्रवृत्ति में चलीं। अगले संभावित साइकिल के लिए 25 सितंबर को सुबह 10:30 बजे की टाइम‑फ्रेम को प्रमुख बिंदु माना गया है। इस समय‑स्लॉट पर कई ट्रेडर्स को खरीदारी के अवसर मिल सकते हैं, बशर्ते जोखिम प्रबंधन के उपाय ठीक से लागू हों।
- फॉरेक्स बाजार में USD/INR के मूल्य में हल्की गिरावट, जो इक्विटी की नकदी प्रवाह को प्रभावित कर सकता है।
- अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की मौद्रिक नीति में हल्की ढील की अपेक्षा, जो वैश्विक जोखिम जुड़ाव को सीमित कर सकती है।
- तेल की कीमतों में 2% की गिरावट, जिससे ऊर्जा‑सेक्टर में बड़ी वॉल्यूम के साथ सुधार के संकेत मिले।
विश्लेषकों का मानना है कि निवेशकों को इस अवधि में छोटे‑छोटे लाभ‑आधारित ट्रेडिंग की ओर झुकाव रखना चाहिए, साथ ही पोर्टफोलियो में विविधता बनाए रखनी चाहिए। प्रमुख स्टॉक्स में सपोर्ट लेवल के आसपास स्ट्राइक‑प्राइस सेट कर, स्टॉप‑लॉस को सख्ती से लागू करके संभावित नुकसान को सीमित किया जा सकता है। कुल मिलाकर, बाजार में मौजूदा अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए, सावधानीपूर्वक कदम उठाना ही समझदारी होगी।