2
जून
2024
पंजाब एग्जिट पोल 2024: संभावित राजनीतिक परिदृश्य
पंजाब लोकसभा चुनाव 2024 के एग्जिट पोल की घोषणा के बाद राज्य की राजनीति में नई हलचल मच गई है। शनिवार को जारी हुए पोल ने आम आदमी पार्टी (आप) को 3-6 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की है, जबकि शिरोमणि अकाली दल (साद) को 1-4, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 0-2 और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) को 0-3 सीटें मिलने का संकेत दिया है।
चुनाव का कार्यक्रम और प्रमुख उम्मीदवार
1 जून को सम्पन्न हुए पंजाब के 13 लोकसभा क्षेत्रों में एक ही चरण में मतदान हुआ था, इसके बाद वोटों की गिनती 4 जून को होनी है। इस चुनाव में इन्डिया ब्लॉक के सहयोगी दल कांग्रेस और आप अलग-अलग चुनावी मैदान में हैं, जबकि साद और भाजपा भी अलग-अलग क्रमशः अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रमुख उम्मीदवारों में चार बार के सांसद प्रनीत कौर, पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, तीन बार की सांसद हरसिमरत कौर बादल और रवीनीत सिंह बिट्टू शामिल हैं।
भाजपा और साद का पहली बार अलग चुनाव लड़ना
यह पहला अवसर है जब भाजपा और साद ने 1996 के बाद लोकसभा चुनावों में अलग-अलग लड़ने का निर्णय लिया है। 2020 में किसान कानूनों के चलते साद ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अलग होने का फैसला लिया था। इस चुनाव में, दोनों दलों के लिए यह एक नई चुनौती है क्योंकि वे पहली बार अलग-अलग सत्ता के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
पिछले चुनाव का परिदृश्य
2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 40.12% वोट शेयर के साथ 8 सीटों पर विजय प्राप्त की थी, जबकि साद और भाजपा ने 9.63% और 27.76% वोट शेयर के साथ 2-2 सीटें जीती थीं। आम आदमी पार्टी केवल संगरूर सीट पर लगभग 7.38% वोट शेयर के साथ जीत दर्ज कर पाई थी।
पंजाब की 13 लोकसभा सीटें
पंजाब में कुल 13 लोकसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ था जिनमें से प्रमुख सीटें हैं: गुरदासपुर, अमृतसर, खडूर साहिब, जालंधर, होशियारपुर, आनंदपुर साहिब, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब, फरीदकोट, फिरोज़पुर, बठिंडा, संगरूर, और पटियाला। हर चुनाव क्षेत्र अपनी विशिष्ट चुनावी गतिशीलता और सामाजिक ताने-बाने के साथ अनुसूचित है, जो कि प्रमुख राजनीतिक दलों के लिए रणनीतिक प्रमुखता रखता है।
प्रचार और प्रचार अभियान
चुनाव में प्रमुख दलों ने अपने-अपने प्रचार अभियान के दौरान विभिन्न मुद्दों को उठाया। कर्ज माफी, किसानों की समस्या, बेरोज़गारी, और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर जोर दिया गया। आप ने अपने दिल्ली मॉडल को प्रमुख मुद्दा बनाते हुए प्रचार किया, जबकि साद ने अपने पारंपरिक वोट बैंक को संजीवनी देने की कोशिश की। भाजपा ने राष्ट्रीय मुद्दों और केन्द्र सरकार की नीतियों को प्रमुखता दी, जबकि कांग्रेस ने राज्य के विकास और सामाजिक सुधारों को ध्यान में रखते हुए प्रचार किया।
संभावित परिणाम और इसकी परिस्थिति
एग्जिट पोल के अनुसार, भाजपा के लिए एक बार फिर निराशाजनक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। इसका मुख्य कारण साद से अलग चुनाव लड़ना और राज्य में गंभीर रूप से किसानों के प्रति लिया गया रुख बताया जा रहा है। आप के लिए यह परिणाम उनकी बढ़ती राजनीतिक पकड़ को दर्शा सकता है, जबकि कांग्रेस और साद के लिए यह चुनाव उनकी लोकप्रियता और विश्वास का मापक साबित होगा।
वोटों की गिनती और आगे की रणनीति
वोटो की गिनती 4 जून को होनी है जिससे स्पष्ट हो जाएगा कि कौन सा दल पंजाब की चुनावी दौड़ में आगे निकलता है। एग्जिट पोल को लेकर राज्यों में राजनीतिक दलों की धड़कने भी तेज हैं और वे अपने-अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए रणनीति बना रहे हैं। यह देखना रोचक होगा कि इन परिणामों के बाद किस तरह की गठबंधन राजनीति उभरती है और कौन सा दल किसके समर्थन में आता है।
एक टिप्पणी लिखें