जब राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) ने 16 अप्रैल 2025 को जारी किए गए सूचना बुलेटिन में UGC NET जून 2025 परीक्षाविभिन्न परीक्षा केंद्र का पैटर्न बताया, तो यह स्पष्ट हो गया कि उम्मीदवारों को दो पेपर एक साथ, कुल 180 मिनट में पूरा करना होगा। यह परीक्षा असिस्टेंट प्रोफेसर और जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) के लिये पात्रता तय करती है, और हर साल भारत के लगभग एक लाख युवा इसे लिखते हैं।
परीक्षा का कुल संरचना और समयसारिणी
UGC NET एक ही सत्र में दो पेपर रखता है, जिसमें कोई ब्रेक नहीं होता। पहला शिफ्ट 09:00 वजे से 12:00 वजे तक और दूसरा शिफ्ट दोपहर 15:00 वजे से 18:00 वजे तक आयोजित होता है। सभी प्रश्न कंप्यूटर‑आधारित टेस्ट (CBT) प्लेटफ़ॉर्म पर पेश किए जाते हैं, और उम्मीदवार को अपने एडे़मिट कार्ड पर निर्धारित केंद्र, तिथि और शिफ्ट का पालन करना होता है। मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है, जहाँ नई दिल्ली से सभी परीक्षा‑संबंधी निर्देश जारी होते हैं।
पेपर 1 – सामान्य पेपर (शिक्षण व रिसर्च अप्टिट्यूड)
Paper 1 को आधिकारिक रूप से "Teaching and Research Aptitude" कहा जाता है। इसमें ठीक 50 बहु‑विकल्पीय प्रश्न होते हैं, प्रत्येक दो अंक के, कुल 100 अंक। प्रश्नों को आठ समान वज़न वाले खंडों में बाँटा गया है:
- शिक्षण क्षमता – शिक्षण विधियाँ, संवाद कौशल, छात्र व्यवहार
- रिसर्च क्षमता – शोध विधि, नैतिकता, डिज़ाइन
- डेटा इंटरप्रिटेशन – ग्राफ, टेबल, डेटा विश्लेषण
- लॉजिकल रीजनिंग – शब्द एवं गैर‑शब्द तर्क, पैटर्न पहचान
- कम्यूनिकेशन – मूलभूत संचार सिद्धान्त
- आईसीटी – कंप्यूटर, इंटरनेट, बुनियादी सॉफ्टवेयर
- पीपल एंड एनवायरनमेंट – पर्यावरण मुद्दे, स्थिरता
- उच्च शिक्षा प्रणाली – भारतीय उच्च शिक्षा की संरचना व नीतियाँ
सभी प्रश्न अनिवार्य हैं और उत्तर देने में कोई नकारात्मक अंक नहीं है।
पेपर 2 – विषय‑विशिष्ट पेपर
यह पेपर उम्मीदवार द्वारा चुने गए 85 में से एक विषय पर आधारित होता है। इसमें 100 प्रश्न होते हैं, प्रत्येक दो अंक के, कुल 200 अंक। विषयों में वाणिज्य, प्रबंधन, राजनीतिक विज्ञान, इतिहास, शिक्षा, कंप्यूटर विज्ञान, अंग्रेज़ी आदि शामिल हैं। चयनित विषय के लिए सिलेबस विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा प्रकाशित आधिकारिक दस्तावेज़ में विस्तृत है। जैसे ही उम्मीदवार ने अपना विषय चुना, पेपर 2 उसी के अनुसार तैयार किया जाता है।
मार्किंग स्कीम और प्रश्नों की प्रकृति
उम्मीदवार को प्रत्येक सही उत्तर पर +2 अंक मिलते हैं, जबकि गलत उत्तर पर कोई कटौती नहीं होती। अनुत्तरित या ‘मार्क फॉर रिव्यू’ किए गए प्रश्नों को शून्य अंक माना जाता है। यह नीति सभी आधिकारिक स्रोतों – जैसे कैरियर पावर, टेस्टबुक और शिख़्सा – में समान रूप से उल्लेखित है। कभी‑कभी कोई प्रश्न असपष्ट या त्रुटिपूर्ण पाया जाता है; ऐसे मामलों में उत्तर देने वाले उम्मीदवार को वही अंक मिलते हैं, और यदि प्रश्न हटाया जाता है तो सभी को समान अंक आवंटित किए जाते हैं।
उम्मीदवारों के लिये प्रमुख टिप्स
1. समय प्रबंधन – 180 मिनट में 150 प्रश्न उठाए जाने हैं, इसलिए प्रति प्रश्न लगभग 1.2 मिनट का हिसाब रखें।
2. भाषा चयन – पेपर दोनों अंग्रेज़ी और हिंदी में उपलब्ध हैं; अपनी मजबूत भाषा में उत्तर दें।
3. पेपर 1 के वजन को समझें – यद्यपि पेपर 2 के अंक दो गुना हैं, लेकिन पेपर 1 की तैयारी अनिवार्य है, क्योंकि यह कुल स्कोर में 33% योगदान देता है।
4. मॉक टेस्ट – NTA द्वारा जारी सैंपल प्रश्नपत्र और पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों का उपयोग करके समय‑सीमित अभ्यास करें।
5. आधिकारिक बुलेटिन पढ़ें – प्रत्येक वर्ष के सूचना बुलेटिन में बदलाव और अतिरिक्त निर्देश स्पष्ट रूप से दिखाए जाते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
UGC NET जून 2025 परीक्षा में कुल कितने प्रश्न होते हैं?
पैपर 1 में 50 प्रश्न और पेपर 2 में 100 प्रश्न होते हैं, जिससे कुल 150 प्रश्न बनते हैं। दोनों पेपर एक साथ 180 मिनट में लिखे जाते हैं।
क्या गलत उत्तर देने पर कोई निशान घटता है?
नहीं, UGC NET 2025 में नकारात्मक अंक नहीं है। प्रत्येक सही उत्तर पर +2 अंक मिलते हैं, जबकि गलत या अनुत्तरित प्रश्न को शून्य अंक माना जाता है।
पेपर 2 में कौन‑से विषय उपलब्ध हैं?
पेपर 2 में 85 विषयों में से किसी एक को चुना जा सकता है, जैसे वाणिज्य, प्रबंधन, राजनीति विज्ञान, इतिहास, शिक्षा, कंप्यूटर विज्ञान, अंग्रेज़ी आदि। चयनित विषय का सिलेबस UGC द्वारा प्रकाशित आधिकारिक दस्तावेज़ में विस्तृत है।
परीक्षा का भाषा विकल्प क्या है?
प्रश्नपत्र केवल अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों में उपलब्ध है। उम्मीदवार अपनी सुविधा के अनुसार किसी एक भाषा में उत्तर दे सकते हैं, लेकिन दोनों पेपर एक ही भाषा में ही लिखने होते हैं।
समय‑सत्र कैसे विभाजित है?
दैनिक दो शिफ्ट निर्धारित हैं: पहला शिफ्ट सुबह 09:00 से 12:00 तक और दूसरा शिफ्ट दोपहर 15:00 से 18:00 तक। उम्मीदवार को अपने एडमिट कार्ड पर दर्शाए गए शिफ्ट में उपस्थित होना अनिवार्य है।
1 टिप्पणि
Abhishek maurya
अक्तूबर 25, 2025 AT 20:55नया UGC NET जून 2025 पैटर्न दर्शाता है कि संस्थाएँ अब अधिक कठोरता से चयन प्रक्रिया को डिज़ाइन कर रही हैं; दो पेपर को एक साथ 180 मिनट में लिखना न केवल समय प्रबंधन की चुनौती है बल्कि मानसिक स्थिरता की भी परीक्षा है। पहला पेपर, जो शिक्षण व रिसर्च अप्टिट्यूड को कवर करता है, इसमें आठ समान वज़न वाले खंड हैं, जिससे उम्मीदवार को सभी क्षेत्रों में संतुलित ज्ञान होना आवश्यक है। दूसरा पेपर, विषय‑विशिष्ट, उम्मीदवार को अपने चुने हुए विषय में गहराई तक जाना पड़ता है, और 85 विकल्पों में से चयन की प्रक्रिया स्वयं में एक रणनीतिक निर्णय बन जाता है। इस व्यवस्था का एक नकारात्मक पहलू यह है कि उम्मीदवारों को दो शिफ्ट में बिना कोई ब्रेक के लगातार काम करना पड़ता है, जो थकान को बढ़ावा दे सकता है। मार्किंग स्कीम में नकारात्मक अंक नहीं हैं, यह एक सकारात्मक पहल है, परंतु यह सिद्ध नहीं करता कि सभी प्रश्न समान कठिनाई के हैं। समय प्रबंधन के लिए प्रति प्रश्न लगभग 1.2 मिनट का औसत रखा गया है, जो वास्तविक परीक्षा में अक्सर पर्याप्त नहीं होता, क्योंकि कुछ प्रश्नों में विस्तृत गणना या विवेचना की आवश्यकता होती है। भाषा विकल्प के रूप में हिंदी को भी शामिल किया गया है, जो कई उम्मीदवारों को लाभ पहुंचा सकता है, परंतु अंग्रेज़ी में अधिक संसाधन उपलब्ध होने के कारण कई लोग वही चुनते हैं। परीक्षा की संरचना को देखते हुए, एक उम्मीदवार को दोनों पेपर की तैयारी समान रूप से करनी चाहिए; नहीं तो उच्च कुल अंक वाले पेपर 2 में उत्कृष्ट प्रदर्शन के बावजूद कुल स्कोर में कमी आ सकती है। इस प्रकार, विद्यार्थियों को मोकी टेस्ट के माध्यम से समय-समीक्षित अभ्यास करना अनिवार्य है, ताकि वास्तविक परीक्षा में तनाव कम हो। निस्संदेह, NTA द्वारा जारी सैंपल पेपर और पूर्ववर्षी प्रश्नपत्रों का अध्ययन करना आवश्यक है, क्योंकि यह पैटर्न समझने में मदद करता है। अंत में, यह कहा जा सकता है कि नई परीक्षा प्रणाली ने चयन प्रक्रिया को अधिक प्रतिस्पर्धी बना दिया है, और केवल सतही तैयारी से सफल होना कठिन होगा।