भूमि पर चक्रवात फेंगल का प्रवेश
चक्रवात फेंगल, जिसे 'फेंजल' के रूप में उच्चारित किया जाता है, ने पुडुचेरी के पास भूमि पर प्रवेश करने के साथ ही तबाही मचा दी है। इस तूफान की गति 70-80 किमी प्रति घंटा और इसकी गति अगले कुछ घंटों में 90 किमी प्रति घंटा तक जाने की आशंका है। मौसम विभाग के अनुसार, यह चक्रवात बंगाल की खाड़ी में भारी नमी लेकर आया है, जिसके कारण तमिलनाडु और पुडुचेरी में बड़ा नुकसान होने की संभावना है।
तमिलनाडु के चेन्नई और उत्तरी जिलों में भारी बारिश की चेतावनी देते हुए रेड अलर्ट जारी किया गया है। चेन्नई, तिरुवल्लुर, कांचीपुरम, कल्लाकुरिचि, कुड्डालोर जिलों और पुडुचेरी में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना जताई गई है।
प्राकृतिक आपदा से निपटने की तैयारी
तमिलनाडु सरकार ने तेजी से आपदा प्रबंधन के तहत 2,000 से अधिक राहत शिविर तैयार किए हैं और संवेदनशील क्षेत्रों से 500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। समुद्री मछुआरों को चेतावनी जारी की गई है और 4,100 से अधिक मछली पकड़ने वाली नौकाएं तट पर लौटी हैं। चेन्नई हवाई अड्डे ने दोपहर से रात सात बजे तक अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं, जिसके कारण कई उड़ाने रद्द और विलंबित हुई हैं।
मुख्यमंत्री का नेतृत्व और आपातकालीन सेवाएँ
राज्य के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन स्वयं आपातकालीन ऑपरेशन्स कंट्रोल सेंटर से राहत कार्यों का पर्यवेक्षण कर रहे हैं। इसमें आपदा प्रतिक्रिया टीमों का समन्वय, राहत शिविरों में भोजन वितरण और पानी निकासी संचालन शामिल हैं। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे घरों के अंदर रहें और तटीय क्षेत्रों से दूरी बनाए रखें।
चक्रवात का व्यापक प्रभाव
चक्रवात के प्रभाव में, चेन्नई के मुख्य क्षेत्र जैसे वडापलानी, चोलई और कोराटूर जलमग्न हो गए। ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन ने 130 से अधिक स्थानों पर जलभराव की सूचना दी है, जिससे छह इलाकों में सबवे बंद कर दिए गए हैं। चेन्नई के काथिवक्कम क्षेत्र में सबसे अधिक 12 सेमी बारिश हुई, जबकि अन्य स्थानों पर 6-9 सेमी बारिश हुई।
तमिलनाडु के अलावा, आंध्र प्रदेश और श्रीलंका भी चक्रवात फेंगल के प्रकोप से प्रभावित हुए हैं, जहां भारी बारिश और बाढ़ के कारण बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। इन जगहों पर भी भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं ने गंभीर हालात पैदा किए हैं। विभाजन और बचाव प्रयासों के साथ, इस समय स्थिति चुनौतीपूर्ण है।
15 टिप्पणि
Kiran Meher
दिसंबर 1, 2024 AT 13:57ये तूफान तो बस शुरू हुआ है भाई सब घर में रहो और बिजली के लिए बैटरी चार्ज कर लो। हम तो तैयार हैं और आप भी तैयार हो जाओ। एक साथ लड़ेंगे इस आपदा के साथ। जय हिंद।
fathima muskan
दिसंबर 3, 2024 AT 02:46अरे ये सब तो सरकार की चाल है जो लोगों को डरा कर अपने बजट बढ़ा रही है। चक्रवात? हाँ हाँ बिल्कुल। पर वो जो 10 साल पहले वाला टेलीस्कोप वाला डेटा चल रहा है वो कहाँ है? बारिश तो हर साल होती है बस अब ट्रेंड बन गया है। 😏
Devi Trias
दिसंबर 4, 2024 AT 04:33मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, चक्रवात फेंगल की अधिकतम गति 85 किमी/घंटा थी, जो उच्च तीव्रता वाले चक्रवात की श्रेणी में आती है। तटीय क्षेत्रों में जलमग्नता का आंकलन लगभग 12 सेमी तक पहुँच गया है, जो आमतौर पर बाढ़ के लिए चेतावनी स्तर के ऊपर है। अतः सरकार की राहत शिविरों की व्यवस्था और मछुआरों को तट से हटाने का निर्णय बहुत उचित था।
Tejas Bhosale
दिसंबर 4, 2024 AT 09:06ये सब एक सिस्टम फेल्योर है भाई। नेटवर्किंग फेल हुआ तो एल्गोरिदम ने अपने डेटा सेट को री-ट्रेन नहीं किया। इंफ्रास्ट्रक्चर डिग्रेड हो गया। अब लोग राहत शिविर में बैठे हैं लेकिन डिस्ट्रीब्यूशन लॉजिस्टिक्स अनएक्टिव है। ट्रांसफॉर्मेशन नहीं हो रहा।
Asish Barman
दिसंबर 5, 2024 AT 08:38रेड अलर्ट? बस इतना ही? मैंने तो 2018 में एक चक्रवात देखा था जहाँ पानी दो मंजिला घरों तक आ गया था। अब तो बस एक छोटा सा बादल देखकर रेड अलर्ट लगाने लगे हैं। ये चेतावनी बाजार है ना?
Abhishek Sarkar
दिसंबर 7, 2024 AT 06:11इस चक्रवात के पीछे एक बड़ा षड्यंत्र है। वैश्विक शक्तियाँ जानबूझकर बारिश को बढ़ा रही हैं ताकि भारत के तटीय इलाकों में अस्थिरता फैल सके। ये सब एक बड़े व्यापारिक नियोजन का हिस्सा है। अगर तुम लोग नहीं जानते तो मैं बता दूँ - ये वो जगह है जहाँ नए टेलीकॉम सैटेलाइट लांच होने वाले हैं। बारिश तो बस ढकने के लिए है।
Niharika Malhotra
दिसंबर 7, 2024 AT 12:03हम सब एक दूसरे के लिए जिम्मेदार हैं। अगर आपके पास बिजली है, तो अपने फोन को चार्ज करके दूसरों को भी चार्ज करने में मदद करें। अगर आपके पास खाना है, तो एक थैला दें। इस तरह से हम आपदा को नहीं, बल्कि मानवता को जीतेंगे। आप अकेले नहीं हैं।
Baldev Patwari
दिसंबर 9, 2024 AT 05:54इस सबको देखकर लगता है जैसे सरकार ने एक फिल्म बनाने के लिए एक्टर्स को बुलाया है। राहत शिविर? बस फोटो शूट के लिए। मुख्यमंत्री जी ने बस एक बार घूमकर फिर लौट गए। जलभराव? फिर भी कोई ड्रेनेज नहीं। ये सब नाटक है।
harshita kumari
दिसंबर 9, 2024 AT 07:16ये चक्रवात बाहरी शक्तियों का बनाया हुआ है जो हमारे जमीन के नीचे बिजली और पानी के लिए ट्रांसमिशन लाइन्स डाल रहे हैं। वो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स से हवा की दिशा बदल रहे हैं। तुम लोग नहीं जानते कि एनएसए ने इसे टेस्ट किया है। ये बारिश नहीं बल्कि एक टेक्नोलॉजी है।
SIVA K P
दिसंबर 9, 2024 AT 13:56तुम सब घर में बैठे हो और बारिश के बारे में बात कर रहे हो? मैं तो बाहर हूँ और मेरा घर तो तीन फीट पानी में डूब गया। अब तुम लोग सरकार के बारे में बात कर रहे हो? जाओ और अपने घर के बाहर खड़े होकर देखो कि बारिश क्या कर रही है।
Neelam Khan
दिसंबर 9, 2024 AT 18:07मैं तो अपने बगीचे में एक छोटा सा बर्तन भरकर रख दिया है जिसमें बारिश का पानी जमा हो रहा है। अगर किसी को जरूरत हो तो आजादी से ले लें। ये छोटी बातें बड़े बदलाव लाती हैं। हम एक दूसरे के लिए खड़े हो सकते हैं।
Jitender j Jitender
दिसंबर 9, 2024 AT 22:39एक सिस्टम इंटीग्रेशन फेल्योर के रूप में ये आपदा देखी जा सकती है। इंफ्रास्ट्रक्चर लेयर, कम्युनिकेशन लेयर, डिस्ट्रीब्यूशन लेयर - सभी एक दूसरे से डिकप्लिंग हो गए हैं। अब रिसिलिएंस इंजीनियरिंग की जरूरत है। ये बस एक इवेंट नहीं बल्कि एक ट्रेंड है।
Jitendra Singh
दिसंबर 10, 2024 AT 14:31तुम सब इतने निराश हो क्यों? इस दुनिया में जो भी बात होती है वो एक टेस्ट है। इस चक्रवात ने तुम्हें दिखाया कि तुम कितने नाजुक हो। अब जब तुमने ये देख लिया, तो तुम्हें अपने आप को रिसेट करना होगा। असली ताकत तो अंदर होती है।
Sumit singh
दिसंबर 12, 2024 AT 09:41मुझे लगता है कि इस चक्रवात को देखकर तुम्हें अपने जीवन के बारे में सोचना चाहिए। तुम कितने अहंकारी हो? कितने लापरवाह? इस तूफान ने तुम्हें याद दिलाया कि तुम बस एक छोटा सा बिंदु हो। तुम्हारा घर, तुम्हारा बिजली का बिल, तुम्हारी शादी की तारीख - ये सब कुछ बेकार है जब तक तुम अपने आप को असली जीवन के लिए तैयार नहीं करते।
VENKATESAN.J VENKAT
दिसंबर 13, 2024 AT 14:33ये जो लोग राहत शिविरों में बैठे हैं, उन्हें ये समझना चाहिए कि ये आपदा उनके पापों का परिणाम है। अगर तुम घर में बैठकर बारिश के बारे में बात कर रहे हो तो अपने बारे में सोचो। तुम्हारे पास जो भी है वो तुम्हारे बुरे कर्मों का फल है। अब तुम्हें तपस्या करनी होगी।