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नारायण जगदेवसन का 197 रन, ड्यूप ट्रॉफी सेमीफाइनल में दोहरा शतक चूका

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सेमीफाइनल की कहानी

बेंगलुरु के बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में 5 सितंबर 2025 को खेले गए ड्यूप ट्रॉफी सेमीफाइनल में दक्षिण जोन ने विषुवत् 536/9 का बड़ा स्कोर जमा किया। इस बेताब बोला में नारायण जगदेवसन ने 197 रनों की बेहतरीन पारी खेली, जिसमें 352 गेंदें, 16 चौके और तीन छक्के शामिल थे। यह पारी उनके पहले‑क्लास करियर में अब तक की तीसरी डबल सैंक्चर संभावनाओं में से एक थी, क्योंकि उन्होंने पहले 245* और 321* जैसे बड़े इनिंग्स भी खेली हैं।

जगदेवसन ने शुरुआत में तनमेय अग्रवाल के साथ 100‑रन की साझेदारी बनाई, जिसके बाद देवदत्त पडिक्कल के साथ भी समान साझेदारी स्थापित की। पाँचवें विकेट पर रिक्सी भुई के साथ उनका 87‑रन का सहयोग 194 गेंदों पर बना, पर दोनों को गति नहीं बढ़ाने की आलोचना मिली।

दुर्भाग्य से, दोपहर के लगभग छह मिनट बचे थे जब वह दोहरा शतक की मील के पत्थर पर था। रिक्सी भुई ने एक जोखिम भरा सिंगल लेने से इनकार किया, जिससे जगदेवसन को अकेला चलना पड़ा। गेंद को लेकर उत्तर जोन के निशांत संधु ने तेज़ी से फेंकी हुई गेंद पर ड्राइविंग के दौरान तेज़ फ़ील्डिंग के साथ उसे रन आउट कर दिया। तस्वीरें तोड़ने वाले फ़ोटोग्राफ़र भी इस क्षण को कैद करने के लिए तैयार थे, पर अब यह केवल यादों में रह गया।

उत्तर जोन के निशांत संधु ने 5/125 का प्रभावशाली प्रदर्शन किया, जबकि दक्षिण जोन के कप्तान मोहम्मद अझरुद्दीन अपने पहले ओवर में 11 रन पर ही आउट हो गए। इन सबके बीच दक्षिण जोन ने 169.2 ओवर में 536 रन बनाकर एक बड़ी बढ़त बना ली, जिससे उत्तर जोन को 537 रन का लक्ष्य दो दिन में पूरा करना होगा।

जगदेवसन की भविष्य की उम्मीद

जगदेवसन की भविष्य की उम्मीद

यह घटना जगदेवसन के करियर में दोहरा शतक के करीब पहुँचने की कई बार की कोशिश को दर्शाती है। 2020 में उन्होंने 183 पर ही आउट होकर 17 रन के अंतर से चूक गए थे। फिर भी, उनका पहले‑क्लास औसत 47.5 है और वे भारत की पाँचवें टेस्ट टीम में चयनित हुए हैं, जो उनके उभरते ट्रेंड को दिखाता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के बड़े स्कोरों के साथ उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अवसर मिल सकते हैं। उनके कोच ने कहा, “जगदेवसन का तकनीकी बल और धैर्य उन्हें दीर्घकालिक सफलता की ओर ले जाता है। इस रन‑ऑउट से निराशा है, पर यह सीख उनके विकास में मदद करेगी।”

ड्यूप ट्रॉफी का इतिहास हमेशा से घरेलू प्रतिभा को बड़ा मंच प्रदान करता आया है। इस साल के टुर्नामेंट में कई युवा खिलाड़ी अपनी क्षमताओं को सिद्ध कर रहे हैं, और जगदेवसन का ब्रेकथ्रू पारी इस बात का प्रमाण है कि भारत के भविष्य के बल्लेबाज़ इस मंच पर चमक सकते हैं।

अगले दो दिन में उत्तर जोन कैसे प्रतिक्रिया देगा, यह देखना बाकी है। अगर वे 537 रन का लक्ष्य हासिल कर लेते हैं, तो दक्षिण जोन की बड़ी अड़चन टूटेगी, पर यदि नहीं, तो जगदेवसन की पारी और अधिक यादगार बन जाएगी, क्योंकि उनका नाम अब तक के सबसे बड़े घरेलू स्कोर में से एक है।

लेखक के बारे में

Vaishnavi Sharma

Vaishnavi Sharma

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।