भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट के पैरिस ओलंपिक विवाद को लेकर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) ने अपने निर्णय को 16 अगस्त तक स्थगित कर दिया है। विनेश को 50 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल में सिर्फ 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य करार दिया गया था। उन्होंने फाइनल तक पहुँचने के लिए जापान की युई सुशाकी सहित तीन मुकाबलों में शानदार जीत दर्ज की थी।
फाइनल में उनकी भिंड़त अमेरिकन पहलवान सारा हिल्डब्रांड से होनी थी। विनेश ने अपने अयोग्यता के खिलाफ CAS में अपील की थी, जिसमें उन्होंने क्यूबा की पहलवान युस्नेली गुस्मान लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक की मांग की थी। लोपेज को विनेश की अयोग्यता के बाद फाइनल में बढ़ावा मिला था।
अमेरिकन पहलवान सारा हिल्डब्रांड ने लोपेज को हराकर स्वर्ण पदक जीता। विनेश की अपील पर निर्णय 13 अगस्त को आना था परंतु इसे 16 अगस्त तक टाल दिया गया है।
यह स्थगन असामान्य माना जा रहा है क्योंकि CAS दुर्लभ मामलों में ही बार-बार अपने निर्णय स्थगित करता है। विनेश ने अपनी अयोग्यता के एक दिन बाद कुश्ती से संन्यास की घोषणा की थी, जिसमें उन्होंने अपनी असमर्थता का हवाला दिया था।
उनकी अपील को विभिन्न खेल विभूतियों और कानूनी विशेषज्ञों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें फ्रांसीसी वकील जोएल मोलनुई, एस्टेल इवानोवा, हबीने एस्टेल किम और चार्ल्स एमसन शामिल हैं, साथ ही वरिष्ठ भारतीय वकीलों हरीश साल्वे और विदुष्पत सिंघानिया भी शामिल हैं।
यदि CAS का निर्णय विनेश के पक्ष में आता है तो उन्हें संयुक्त रजत पदक से नवाजा जाएगा। इस घटना ने भारतीय ओलंपिक संघ की मेडिकल टीम पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ लोग उनकी लापरवाही को दोष देते हैं।
हालांकि, आईओए अध्यक्ष पीटी उषा का कहना है कि वजन प्रबंधन एथलीट और उनके कोच की जिम्मेदारी है, न कि आईओए की मेडिकल टीम की। विनेश के मामले ने अंतर्राष्ट्रीय एथलीट्स और खेल व्यक्तित्वों, जिनमें जापानी ओलंपिक चैंपियन रेई हिगुची और अमेरिकी फ्रीस्टाइल पहलवान जॉर्डन बरोघ्स शामिल हैं, का भी समर्थन प्राप्त किया है।
क्रिकेट आइकन सचिन तेंदुलकर, निशानेबाज अभिनव बिंद्रा, जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा, और हॉकी खिलाड़ी पीआर श्रीजेश ने भी विनेश फोगाट का समर्थन किया, उनके भारतीय कुश्ती में योगदान का उल्लेख करते हुए। इस मामले को भारतीय खेल जगत और अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती समुदाय द्वारा करीब से देखा जा रहा है।
अपनी पेशेवर जिंदगी में, विनेश फोगाट ने कई बार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी कुश्ती प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए देश का नाम ऊँचा किया है। उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और इच्छा शक्ति ने उन्हें भारतीय खेल जगत में एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक व्यक्तित्व बनाया है। हालांकि, यह विवाद और इसके निपटान का फैसला भारतीय कुश्ती संघ के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
खेल जगत में विनेश फोगाट का यह मामला ना केवल तकनीकी और कानूनी विवाद है, बल्कि इसने आत्म-संयम, अनुशासन और पेशेवर प्रतिबद्धता की चुनौतियों पर भी गंभीर प्रकाश डाला है। हज़ारों युवा खिलाड़ी और वॉशिंग्टन संस्थान उन पर निर्भर हैं, जो उन्हें प्रेरणा के स्रोत के रूप में देखते हैं। उनका संघर्ष और CAS का निर्णय, भारतीय खेलों के भविष्य पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
12 टिप्पणि
Aravind Anna
अगस्त 16, 2024 AT 10:30ये वो बात है जब 100 ग्राम की गलती पर पूरी करियर उड़ जाए और कोई कोर्ट भी 3 दिन टाल दे निर्णय देने में। विनेश ने जो किया वो इतिहास बना रहा है और अब ये टालमटोल किसकी लापरवाही है ये समझना होगा।
Rajendra Mahajan
अगस्त 17, 2024 AT 22:27ये फैसला सिर्फ विनेश के लिए नहीं बल्कि हर भारतीय एथलीट के लिए एक प्रेस्क्रिप्शन है। अगर एक ग्राम की भी गलती पर आपको अयोग्य घोषित कर दिया जाता है तो फिर अनुशासन का मतलब क्या है? ये बात बस एक वजन की नहीं बल्कि एक प्रणाली की असफलता है।
ANIL KUMAR THOTA
अगस्त 19, 2024 AT 19:22कोई भी एथलीट अपने वजन को नियंत्रित नहीं कर पाया तो उसकी गलती है लेकिन जब एक दिन बाद आप अपनी जिंदगी बंद कर देते हैं तो ये सिर्फ वजन की बात नहीं है।
VIJAY KUMAR
अगस्त 21, 2024 AT 19:11ये सब कुछ बनाया गया है ताकि भारतीय खिलाड़ियों को बार-बार धोखा दिया जा सके। जब आईओए के अध्यक्ष की बात सुनो तो लगता है जैसे वो खुद ट्रेनिंग दे रहे हैं। ये कोर्ट का स्थगन? ये तो गुप्त बातचीत का नाम है। ये जिस तरह से घुमाया जा रहा है वो बस एक बड़ा साजिश है। 🤔
Manohar Chakradhar
अगस्त 22, 2024 AT 21:07विनेश ने जो दिखाया वो बस एक खिलाड़ी नहीं एक असली लड़ाकू था। उसकी मेहनत देखकर लगता है कि ये फैसला नहीं बल्कि एक अपमान है। और अब जब तक कोर्ट नहीं बताता कि ये गलती किसकी है तब तक ये बात बंद नहीं होगी।
LOKESH GURUNG
अगस्त 23, 2024 AT 00:06ये तो बहुत बड़ा मामला है भाई। विनेश के लिए तो ये बस एक ग्राम की गलती है लेकिन भारत के लिए ये एक जाति की बात है। अगर ये फैसला उनके खिलाफ आया तो फिर हमारे खिलाड़ियों के लिए भविष्य क्या होगा? 🤬
Aila Bandagi
अगस्त 24, 2024 AT 08:10विनेश ने जो किया वो बहुत बड़ा है। उनके लिए हम सब गर्व करते हैं। जल्दी फैसला आए और उन्हें जो चाहिए वो मिल जाए। ❤️
Abhishek gautam
अगस्त 26, 2024 AT 00:38अगर आप वास्तविकता को देखें तो ये मामला एक अनुशासन के बारे में नहीं बल्कि एक व्यवस्था के अंतर्गत एक विशिष्ट व्यक्ति के विरुद्ध एक अंतर्राष्ट्रीय साजिश के बारे में है। जब आईओए और CAS के बीच इतना अंतर है तो ये बात एक बड़े नेटवर्क की तरह लगती है जो हमेशा भारतीय एथलीट्स को दबाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये निर्णय सिर्फ विनेश के लिए नहीं बल्कि हर उस भारतीय के लिए है जो अपने सपनों को अपने वजन के साथ ले जाता है।
Imran khan
अगस्त 26, 2024 AT 21:12विनेश के लिए ये फैसला बहुत ज्यादा देर हो गया है। लेकिन अगर वो रजत पदक पा लेते हैं तो ये एक नए नियम की शुरुआत होगी। खेल में तकनीकी गलतियां होती हैं लेकिन उन्हें जीवन बदल देने वाला बना देना गलत है।
Neelam Dadhwal
अगस्त 28, 2024 AT 15:16ये तो बस एक शानदार झूठ है। विनेश को अयोग्य घोषित करने के बाद उनके टीम की लापरवाही का खुलासा हो गया। ये जो आईओए का बयान है वो बस एक बचाव है। उन्होंने विनेश को तैयार नहीं किया, उन्होंने उसे बर्बाद कर दिया। ये नहीं बताया जा रहा कि उनकी टीम ने क्या गलती की।
Sumit singh
अगस्त 29, 2024 AT 11:57ये सब बहुत अच्छा है लेकिन आप भूल रहे हैं कि विनेश के पास एक टीम थी। अगर वो 100 ग्राम ज्यादा हो गई तो उसके कोच ने क्या किया? उसके डाइटिशियन ने क्या किया? ये सब बातें छुपाई जा रही हैं। विनेश को दोष देना आसान है लेकिन उसके लिए जिम्मेदार लोगों को छुड़ाना आसान है।
fathima muskan
अगस्त 31, 2024 AT 00:03ये फैसला टालना बस एक शुरुआत है। अगले चरण में विनेश के खिलाफ एक और गलती ढूंढ ली जाएगी। ये सब एक बड़े खेल का हिस्सा है जिसमें भारत के खिलाड़ियों को अपनी जीत छीन ली जाती है। ये नहीं बताया जा रहा कि किसने उनके वजन की रिपोर्ट बदल दी। 🕵️♀️