14
अग॰
2024
भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट के पैरिस ओलंपिक विवाद को लेकर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) ने अपने निर्णय को 16 अगस्त तक स्थगित कर दिया है। विनेश को 50 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल में सिर्फ 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण अयोग्य करार दिया गया था। उन्होंने फाइनल तक पहुँचने के लिए जापान की युई सुशाकी सहित तीन मुकाबलों में शानदार जीत दर्ज की थी।
फाइनल में उनकी भिंड़त अमेरिकन पहलवान सारा हिल्डब्रांड से होनी थी। विनेश ने अपने अयोग्यता के खिलाफ CAS में अपील की थी, जिसमें उन्होंने क्यूबा की पहलवान युस्नेली गुस्मान लोपेज के साथ संयुक्त रजत पदक की मांग की थी। लोपेज को विनेश की अयोग्यता के बाद फाइनल में बढ़ावा मिला था।
अमेरिकन पहलवान सारा हिल्डब्रांड ने लोपेज को हराकर स्वर्ण पदक जीता। विनेश की अपील पर निर्णय 13 अगस्त को आना था परंतु इसे 16 अगस्त तक टाल दिया गया है।
यह स्थगन असामान्य माना जा रहा है क्योंकि CAS दुर्लभ मामलों में ही बार-बार अपने निर्णय स्थगित करता है। विनेश ने अपनी अयोग्यता के एक दिन बाद कुश्ती से संन्यास की घोषणा की थी, जिसमें उन्होंने अपनी असमर्थता का हवाला दिया था।
उनकी अपील को विभिन्न खेल विभूतियों और कानूनी विशेषज्ञों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें फ्रांसीसी वकील जोएल मोलनुई, एस्टेल इवानोवा, हबीने एस्टेल किम और चार्ल्स एमसन शामिल हैं, साथ ही वरिष्ठ भारतीय वकीलों हरीश साल्वे और विदुष्पत सिंघानिया भी शामिल हैं।
यदि CAS का निर्णय विनेश के पक्ष में आता है तो उन्हें संयुक्त रजत पदक से नवाजा जाएगा। इस घटना ने भारतीय ओलंपिक संघ की मेडिकल टीम पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। कुछ लोग उनकी लापरवाही को दोष देते हैं।
हालांकि, आईओए अध्यक्ष पीटी उषा का कहना है कि वजन प्रबंधन एथलीट और उनके कोच की जिम्मेदारी है, न कि आईओए की मेडिकल टीम की। विनेश के मामले ने अंतर्राष्ट्रीय एथलीट्स और खेल व्यक्तित्वों, जिनमें जापानी ओलंपिक चैंपियन रेई हिगुची और अमेरिकी फ्रीस्टाइल पहलवान जॉर्डन बरोघ्स शामिल हैं, का भी समर्थन प्राप्त किया है।
क्रिकेट आइकन सचिन तेंदुलकर, निशानेबाज अभिनव बिंद्रा, जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा, और हॉकी खिलाड़ी पीआर श्रीजेश ने भी विनेश फोगाट का समर्थन किया, उनके भारतीय कुश्ती में योगदान का उल्लेख करते हुए। इस मामले को भारतीय खेल जगत और अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती समुदाय द्वारा करीब से देखा जा रहा है।
अपनी पेशेवर जिंदगी में, विनेश फोगाट ने कई बार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी कुश्ती प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए देश का नाम ऊँचा किया है। उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और इच्छा शक्ति ने उन्हें भारतीय खेल जगत में एक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक व्यक्तित्व बनाया है। हालांकि, यह विवाद और इसके निपटान का फैसला भारतीय कुश्ती संघ के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
खेल जगत में विनेश फोगाट का यह मामला ना केवल तकनीकी और कानूनी विवाद है, बल्कि इसने आत्म-संयम, अनुशासन और पेशेवर प्रतिबद्धता की चुनौतियों पर भी गंभीर प्रकाश डाला है। हज़ारों युवा खिलाड़ी और वॉशिंग्टन संस्थान उन पर निर्भर हैं, जो उन्हें प्रेरणा के स्रोत के रूप में देखते हैं। उनका संघर्ष और CAS का निर्णय, भारतीय खेलों के भविष्य पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
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