देशीआर्ट समाचार

टीम इंडिया की पीएम मोदी से मुलाकात: T20 वर्ल्ड कप की जीत पर अभूतपूर्व सम्मान

शेयर करना

टीम इंडिया की भव्य मुलाकात

टीम इंडिया, जिसने ताजगी से T20 वर्ल्ड कप जीतकर देश का मान बढ़ाया है, हाल ही में नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली। यह मुलाकात भारतीय क्रिकेट के इतिहास का एक महत्वपूर्ण पल था, जिसे सभी खिलाड़ी और प्रशंसक लंबे समय तक याद रखेंगे। टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने पूरी टीम के साथ प्रधानमंत्री मोदी से उनके आवास, लोक कल्याण मार्ग, पर मुलाकात की।

पीएम मोदी का अभिनंदन और प्रेरणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीम को अपने आवास पर नाश्ते के लिए आमंत्रित कर उनका सम्मान किया। उन्होंने टीम के प्रत्येक खिलाड़ी को उनकी अत्यधिक मेहनत और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी। पीएम मोदी ने यह भी अभिव्यक्ति की कि इस जीत ने न केवल देश का मान बढ़ाया बल्कि युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरित किया है। उन्होंने भविष्य में भी इससे बढ़िया प्रदर्शन करने की उम्मीद जताई।

टीम की विशेष जर्सी और अनोखे अनुभव

इस विशेष मुलाकात के दौरान, खिलाड़ियों ने विशेष 'Champions' लिखी हुई जर्सी पहनी हुई थी, जो उनकी उपलब्धियों का प्रतीक थी। पूरी टीम ने अपने अनुभव और विश्व कप कैंपेन के कई कदमों को साझा किया। जसप्रीत बुमराह, सूर्यकुमार यादव, और हार्दिक पांड्या ने अपनी विश्व कप यात्रा के मजेदार और प्रेरणादायक पहलू साझा किए, जो सभी के लिए एक विशेष पल थे।

बीसीसीआई का प्रमुख योगदान

इस बैठक में बीसीसीआई के सचिव जय शाह और अध्यक्ष रोजर बिन्नी भी उपस्थित थे। उन्होंने खिलाड़ियों का आभार व्यक्त किया और टीम की मेहनत और समर्पण की सराहना की। बीसीसीआई ने टीम के आगामी लक्ष्यों और उनकी तैयारियों पर भी चर्चा की, जिससे यह बैठक और भी महत्वपूर्ण हो गई।

मुंबई में जश्न का माहौल

दिल्ली में इस मुलाकात के बाद, टीम सीधा मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम के लिए रवाना हुई, जहां उनका भव्य स्वागत और सम्मान समारोह आयोजित किया गया। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खुले टॉप बस परेड के साथ-साथ, बीसीसीआई सचिव जय शाह ने ट्रॉफी और खिलाड़ियों को 125 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि सौंपी।

भारत की दूसरी T20 वर्ल्ड कप जीत

इस जीत के साथ, भारत ने अपने क्रिकेट इतिहास में दूसरी बार T20 वर्ल्ड कप का ताज जीता। टीम ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान एक भी मैच नहीं हारा और फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को काफी रोमांचक मुकाबले में हराया।

भारत के क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह जीत गर्व का पल है और इसने देश में क्रिकेट के प्रति उत्साह को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है।

लेखक के बारे में

Vaishnavi Sharma

Vaishnavi Sharma

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।

12 टिप्पणि

ANIL KUMAR THOTA

ANIL KUMAR THOTA

जुलाई 5, 2024 AT 23:06

ये जीत सिर्फ क्रिकेट नहीं बल्कि देश के लिए एक अहसास है

VIJAY KUMAR

VIJAY KUMAR

जुलाई 6, 2024 AT 20:11

अरे भाई ये सब नाटक है बस। PM के साथ नाश्ता? बीसीसीआई के पैसे वहीं जा रहे हैं जहाँ हमेशा जाते हैं - पॉकेट में। 🤡 और फिर वो जर्सी वाला ड्रामा… क्या ये टीम इंडिया है या बॉलीवुड की नई फिल्म? 🎬💰

Aila Bandagi

Aila Bandagi

जुलाई 7, 2024 AT 18:45

बहुत अच्छा लगा कि सब खिलाड़ी मिलकर एक जर्सी पहने हुए थे। ये टीमवर्क का असली मतलब है। ❤️

Imran khan

Imran khan

जुलाई 9, 2024 AT 07:17

मैंने फाइनल मैच देखा था। बुमराह का आखिरी ओवर तो दिल को छू गया। वो गेंद जिसने डकवर्थ-लुईस को भी बेकार साबित कर दिया - वो थी जीत की असली बात। और ये बात नहीं कि कितने करोड़ मिले, बल्कि ये कि एक बच्चा अब गेंद फेंकने के लिए तैयार हो रहा है।

Rajendra Mahajan

Rajendra Mahajan

जुलाई 10, 2024 AT 01:16

क्या हम भूल गए कि ये जीत सिर्फ खिलाड़ियों की नहीं, बल्कि कोचिंग स्टाफ, फिजियोथेरेपिस्ट्स, और उन लोगों की है जो रात भर वीडियो एनालिसिस करते रहे? हम बस रोहित और सूर्यकुमार को याद करते हैं, लेकिन जो बैकग्राउंड में खड़े हैं - उनकी भी तो गिनती होनी चाहिए। ये टीम इंडिया नहीं, ये इंडिया का एक अंग है।

और फिर वो 125 करोड़… क्या ये सब के लिए है? या सिर्फ टॉप 5 के लिए? बीसीसीआई के बजट की एक लाइन तो दिखाएं। बच्चे जो गाँव में लकड़ी की बल्ले से खेलते हैं - उनके लिए क्या है?

हम एक बार भी ये नहीं सोचते कि जब बुमराह घुटने टेक रहे हैं, तो कौन उनका दर्द समझ रहा है? जब वो दौड़ रहे हैं, तो कौन उनकी नींद के लिए जिम्मेदार है?

मैं तो सोचता हूँ कि अगर हम इतना पैसा खेल के लिए दे सकते हैं, तो आधा उस बच्चे के लिए दे दो जो स्कूल नहीं जा पा रहा।

क्या हम जीत को बड़ा बना रहे हैं, या बस अपनी भावनाओं को दबाने के लिए एक उपाय बना रहे हैं?

मैं खुश हूँ, लेकिन ये खुशी भी तो एक नशा है। और नशा फिर खत्म हो जाता है।

क्या हम एक बार भी खेल को खेल के रूप में देख सकते हैं, बिना राष्ट्रीय गर्व का बोझ डाले?

मैं ये नहीं कह रहा कि जीत कम मायने रखती है। बल्कि मैं कह रहा हूँ - इस जीत का असली ताकत तब होगी जब हम इसे अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लेंगे, न कि सिर्फ एक ट्रॉफी के लिए।

हमारी भाषा में ये कहते हैं - 'जीत तो बहुत है, लेकिन जीवन तो और भी है।'

Neelam Dadhwal

Neelam Dadhwal

जुलाई 10, 2024 AT 12:51

अरे ये सब तो बस एक धोखा है! बीसीसीआई के लोग जब भी कुछ जीतते हैं तो तुरंत पैसे और प्रशंसा की बारिश होने लगती है। लेकिन जब लड़के बीमार पड़ते हैं तो उनकी चिकित्सा का खर्चा कौन उठाता है? अब तक एक भी खिलाड़ी को टीम से बाहर करने के बाद कोई सहायता नहीं मिली। ये सब बस चुपके से एक बड़ा बाजार है। 🤫

LOKESH GURUNG

LOKESH GURUNG

जुलाई 10, 2024 AT 17:27

ये जीत तो बहुत बड़ी है भाई! लेकिन सुनो - जब तक हम अपने लोकल टीम्स को नहीं बढ़ाएंगे, तब तक ये जीत सिर्फ एक लाइट बल्ब की तरह होगी - चमकेगी तो, लेकिन रात भर नहीं रहेगी 💡🔥

fathima muskan

fathima muskan

जुलाई 11, 2024 AT 05:30

अरे ये नाश्ता तो बस एक फोटो शूट था। क्या तुम्हें नहीं पता? PM के साथ बैठकर फोटो लेने के बाद खिलाड़ियों को एक घंटे में बाहर निकाल दिया गया। और जो जर्सी पहनी थी - उसका ब्रांड वाला लोगो तो बाद में डिलीट कर दिया गया। क्योंकि वो जर्सी तो एक एडवरटाइजिंग टूल थी। 😏

Abhishek gautam

Abhishek gautam

जुलाई 13, 2024 AT 03:12

देखो तो ये सब एक सिस्टम का हिस्सा है - जहाँ खेल को राष्ट्रीय अहंकार का टूल बना दिया गया है। एक बच्चा जो गाँव में गेंद फेंक रहा है, उसके लिए ये जीत क्या बदलती है? कुछ नहीं। लेकिन जब वो बड़ा होकर एक एक्सपर्ट बन जाता है, तो वो बस ये कहता है - 'मैंने भी इसी तरह खेला था।' और फिर वो खुद इसी सिस्टम का हिस्सा बन जाता है। ये चक्र तो बंद नहीं हो रहा। ये तो एक अनंत गोल है।

हम जीत को बड़ा बनाते हैं, लेकिन उसके बाद के जीवन को भूल जाते हैं। जब खिलाड़ी अपना नाम बदल देते हैं, तो वो अपनी पहचान भी बदल देते हैं। और फिर वो अपने बच्चों को भी उसी रास्ते पर भेजते हैं।

हम तो बस खुश हो रहे हैं। लेकिन ये खुशी तो एक बहाना है - जिससे हम अपनी निष्क्रियता को छुपा रहे हैं।

Sumit singh

Sumit singh

जुलाई 14, 2024 AT 05:11

बीसीसीआई के लोगों को तो बस इतना चाहिए - जब जीत हो तो फोटो लेना, जब हार हो तो बच्चों को दोष देना। और ये वानखेड़े का पुरस्कार? बस एक नाटक। क्या तुम्हें लगता है ये पैसे खिलाड़ियों के लिए हैं? नहीं भाई - ये तो उन लोगों के लिए हैं जो बैठकर बाहर से निर्णय लेते हैं। 😒

Manohar Chakradhar

Manohar Chakradhar

जुलाई 14, 2024 AT 15:52

मैंने अपने छोटे भाई को देखा - वो घर पर बल्ला घुमा रहा था और बुमराह के बारे में बात कर रहा था। उसकी आँखों में वो चमक थी जो मैंने कभी नहीं देखी। ये जीत नहीं, ये एक सपना है। और जब एक बच्चा सपना देखता है, तो देश बदल जाता है।

मैं जानता हूँ कि ये सब बहुत बड़ा लगता है - पैसे, ट्रॉफी, नाश्ता, जर्सी। लेकिन असली जीत वो है जब एक बच्चा बोले - 'मैं भी ऐसा खिलाड़ी बनूंगा।'

और जब वो बच्चा बड़ा होगा, तो वो भी किसी और के लिए वही चमक बन जाएगा।

ये टीम इंडिया नहीं, ये इंडिया का एक बीज है।

VIJAY KUMAR

VIJAY KUMAR

जुलाई 15, 2024 AT 12:33

अरे भाई, ये जीत के बाद जो भी बातें हो रही हैं - वो सब बस एक बहाना है। असली जीत तो तब होगी जब कोई खिलाड़ी अपनी टीम से बाहर हो जाए और उसे एक घर मिले। 🤷‍♂️

एक टिप्पणी लिखें