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Sameer Wankhede ने Shah Rukh Khan और Netflix के खिलाफ ₹2 करोड़ की हर्जाना की मांग की

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केस की पृष्ठभूमि और आरोप

पूर्व नशा नियंत्रण ब्यूरो (NCB) अफसर Sameer Wankhede ने हाल ही में एक महत्त्वपूर्ण defamation lawsuit दायर किया, जिसमें उन्होंने Shah Rukh Khan की Red Chillies Entertainment, नेटफ्लिक्स और कुछ अन्य संस्थाओं के खिलाफ ₹2 करोड़ की हर्जाना की मांग की। यह मुकदमा उनके खिलाफ बनाया गया है क्योंकि Aryan Khan, Shah Rukh Khan के बेटे, ने अपने डायरेक्टorial debut के रूप में ‘The Bastards of Bollywood’ नामक वेब‑सीरीज़ रिलीज़ की थी।

Wankhede का कहना है कि इस सीरीज़ में उन्हें एक नकारात्मक और झूठा चित्रण दिया गया है, जिससे उनके पेशेवर सम्मान को चोट लगी है। वे यह भी दलील देते हैं कि श्रृंखला में दिखाए गए कुछ दृश्यों से anti‑drug enforcement agencies की छवि धूमिल होती है, जिससे जनता का न्यायिक संस्थानों पर भरोसा कम हो सकता है। विशेष रूप से, एक सीन में एक किरदार द्वारा ‘सत्यमेव जयते’ कहने के बाद अपमानजनक इशारा दिखाया गया है, जिसे उन्होंने 1971 के Prevention of Insults to National Honour Act के उल्लंघन माना है।

मामले की रोशनी में यह तथ्य भी उजागर होता है कि Wankhede 2021 में Aryan Khan को पेशेवर रूप से हिरासत में ले चुके थे, हालांकि बाद में Aryan को सारे आरोपों से बरी कर दिया गया। इस कारण से वह मानते हैं कि उनके खिलाफ इस प्रकार की मानहानिकारी टिप्पणी का उद्देश्य उनका बदनाम करना है, जबकि उनके और Aryan Khan के बीच चल रहे कोर्ट मामलों में अभी भी कई प्रश्न पूछे जा रहे हैं।

दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला और आगे की कार्रवाई

दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला और आगे की कार्रवाई

दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को Wankhede की दायर की गई मानहानिकारी याचिका को अस्वीकार कर दिया। कोर्ट ने यह बताया कि याचिका दिल्ली में लागू नहीं हो सकती क्योंकि कारण‑स्थापना (cause of action) दिल्ली में स्थापित नहीं हुई है। न्यायाधीश पुरशिंदर कुमार कौरव ने वकील संगीता से पूछा कि दिल्ली में कैसे यह दावा मान्य हो सकता है, जबकि वकील सन्दीप सेठ ने तर्क दिया कि वेब‑सीरीज़ को दिल्ली में भी देखा जाता है, इसलिए वहाँ मानहानिकारी प्रभाव महसूस किया जा सकता है।

हालाँकि, कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि अगर Wankhede ने यह साबित कर दिया होता कि उन्हें विभिन्न स्थानों—जिसमें दिल्ली भी शामिल है—पर सबसे अधिक नुकसान हुआ है, तो केस को आगे बढ़ाया जा सकता था। इसी कारण कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया। इस निर्णय के बाद Wankhede ने ₹2 करोड़ की हर्जाना को Tata Memorial Cancer Hospital में दान करने की इच्छा जताई थी, ताकि कैंसर रोगियों के उपचार में सहयोग मिल सके।

अब सवाल यह है कि क्या Wankhede इस अस्वीकृति के खिलाफ अपील करेंगे या मामला बगल में छोड़ देंगे। अभियोजन पक्ष के वकीलों ने कहा कि उन्होंने सभी कानूनी पहलुओं को पूरी तरह से प्रस्तुत किया है और अब अदालत की रुख को चुनौती देना उनका अगला कदम हो सकता है।

दूसरी ओर, Red Chillies Entertainment और नेटफ्लिक्स ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है। लेकिन यह स्पष्ट है कि इस विवाद ने न केवल भारतीय फिल्म उद्योग में, बल्कि ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स में कंटेंट निर्माण की जिम्मेदारी की भी चर्चा को उभारा है। सोशल मीडिया पर भी इस मामले को लेकर विभिन्न राय सामने आ रही हैं—कुछ लोग Wankhede के समर्थन में हैं, जबकि अन्य उन्हें नियामक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने वाला मानते हैं।

लेखक के बारे में

Vaishnavi Sharma

Vaishnavi Sharma

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।