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रैन अलर्ट – क्या है, कब आएगा और क्यों जरूरी है

जब रैन अलर्ट, वर्षा के खतरों को चेतावनी देने वाला मौसम सूचनापत्र है. Also known as बारिश अलर्ट, it मुख्यतः भारत में भारत मौसम विभाग (IMD) द्वारा जारी किया जाता है और लोगों को सुरक्षित रहने में मदद करता है. यह अलर्ट लाल‑संतरी अलर्ट, एक गंभीर चेतावनी स्तर है, जिसमें 100 mm से अधिक वर्षा की आशंका होती है के साथ जुड़ा हो सकता है.

रैन अलर्ट का लक्ष्य सिर्फ जानकारी देना नहीं, बल्कि समय पर कार्रवाई करने में मदद करना है। जब IMD (India Meteorological Department) आधुनिक रडार सिस्टम, उच्च सटीकता वाले रडार और उपग्रह डेटा का उपयोग करता है, तब वह संभावित भारी वर्षा का अनुमान लगाकर अलर्ट जारी करता है। इस प्रक्रिया में लाल‑संतरी अलर्ट की श्रेणी भी शामिल होती है, इसलिए रैन अलर्ट अक्सर उसी चेतावनी के अंतर्गत आता है। इस कारण, लोगों को पता चलता है कि कब छत्री लाना है, कब घर से बाहर निकलना सुरक्षित नहीं है, और किस क्षेत्र में बाढ़ का जोखिम अधिक है.

रैन अलर्ट के प्रमुख पहलू और उनका असर

भारी बारिश (heavy rain) और बाढ़ (flood) के बीच सीधा संबंध होता है। जब रैन अलर्ट जारी होता है, तो स्थानीय प्रशासन (local authorities) सरोकारियों को सतर्क करता है, स्कूल बंद, रेस्तरां बंद, और आपातकालीन सेवाओं की तैनाती जैसे कदम उठाता है. इसलिए, रैन अलर्ट न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा बल्कि सामुदायिक तैयारी में भी अहम भूमिका निभाता है। पिछले महीनों में मुंबई में लाल‑संतरी अलर्ट के चलते स्कूल बंद होना और कई क्षेत्रों में जलस्तर बढ़ जाना इस बात का जीता जागता उदाहरण है।

रैन अलर्ट की प्रभावशीलता का आंकला कई कारकों से जुड़ा है। पहला, चेतावनी के समय पर पहुँचाना; दूसरा, जनता की चेतावनी को समझना और उसके अनुसार व्यवहार करना। IMD द्वारा जारी रैन अलर्ट में अक्सर टॉप-लेवल कोऑर्डिनेट्स, संभावित वर्षा की मात्रा और संभावित बाढ़ क्षेत्रों की सूची दी जाती है, जिससे लोगों को सटीक निर्णय लेने में मदद मिलती है। साथ ही, मोबाइल ऐप और SMS अलर्ट जैसी तकनीकी इंटरफ़ेस पारदर्शिता बढ़ाते हैं, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सूचना पहुंचता है।

कई बार लोग रैन अलर्ट को हल्का समझते हैं, लेकिन वास्तविक डेटा बताता है कि 2022‑2024 के बीच भारत में रैन अलर्ट के बाद बाढ़ पीड़ितों की संख्या में 30 % की कमी आई है। इसका मतलब है कि सही समय पर चेतावनी मिलने से लोगों की सुरक्षा में बड़ा अंतर आता है। इसलिए, जब भी आप अपने फ़ोन या टीवी पर रैन अलर्ट देखते हैं, तो उसे गंभीरता से लेना चाहिए और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए।

भविष्य में रैन अलर्ट की सटीकता को और बढ़ाने के लिए AI‑आधारित मॉडल और अधिक सेंसर्स लग रहे हैं। यह तकनीक मौसम के पैटर्न को जल्दी पहचानने में मदद करेगी, जिससे अलर्ट कब जारी होगा इसका अनुमान पहले से ही लगाया जा सकेगा। इस विकास से न केवल जीवन बचेंगे बल्कि कृषि, परिवहन और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में नुकसान भी घटेगा।

अब आप इस पेज पर नीचे आने वाले लेखों में विभिन्न रैन अलर्ट के केस स्टडी, दिल्ली‑मुंबई में हुई हालिया बारिश, और IMD की नई चेतावनी प्रणाली के पहलुओं को विस्तार से पढ़ पाएँगे। प्रत्येक लेख आपको यह समझाएगा कि रैन अलर्ट कैसे काम करता है, किन परिस्थितियों में लाल‑संतरी अलर्ट जारी किया जाता है, और आप कैसे तैयार रह सकते हैं। ये जानकारी आपके दैनिक जीवन में मौसम के साथ बेहतर तालमेल बनाने में मदद करेगी।

28

सित॰

2025

IMD ने जारी किया राजस्थान में मॉनसून का अंतिम बरसात अलर्ट: 3 अक्टूबर तक जारी

IMD ने जारी किया राजस्थान में मॉनसून का अंतिम बरसात अलर्ट: 3 अक्टूबर तक जारी

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने राजस्थान के कई जिलों में 3 अक्टूबर तक जारी रहने वाले अंतिम मॉनसून बरसात के लिए रैन अलर्ट जारी किया है। बंगाल की खाड़ी से उठी वायुमंडलीय सायक्लोन ने पूर्व, दक्षिण‑पूर्व और दक्षिणी हिस्सों में तेज़ बारिश, गरज‑बिजली और तेज़ हवाएँ लाई हैं। जयपुर में अधिकतम तापमान 31 °C, जोड़पुर 27.8 °C, उदयपुर 25.6 °C और कोटा 29.4 °C अनुमानित है। इस साल बारिश की मात्रा 125 साल में केवल दो बार 65 % से अधिक औसत से ऊपर रही है, जिससे यह सीजन विशेष महत्व का बन गया है।