अगर आप टेक जगत की बात करते हैं तो NASSCOM का नाम ज़रूर सुनते होंगे। यह सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि भारत के आईटी सेक्टर को आगे बढ़ाने वाला मंच है। यहाँ पर हम आपके लिए सबसे ताज़ा अपडेट लाते हैं, चाहे वह नई नीति हो या उद्योग में बड़ा बदलाव।
NASSCOM यानी नेशनल असोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज़ कंपनियों का संक्षिप्त रूप। इसका काम आईटी और टेक कंपनियों को एक साथ लाना, नई तकनीकों पर चर्चा करवाना और सरकार के साथ मिलकर नियम बनाना है। अगर कोई नई स्किल या डिजिटल पहल आती है तो अक्सर NASSCOM से ही शुरूआत होती है।
कंपनियां यहाँ पर अपने समस्याएं रखती हैं और समाधान ढूँढ़ती हैं। इस वजह से भारत में सॉफ्टवेयर निर्यात बढ़ा, नौकरी के मौके बने और स्टार्टअप इकोसिस्टम पक्का हुआ। इसलिए जब भी NASSCOM की कोई घोषणा आती है तो इसका असर पूरे उद्योग में महसूस होता है।
पिछले कुछ हफ़्तों में NASSCOM ने कई अहम कदम उठाए हैं। सबसे बड़ी खबर थी डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने की पहल, जहाँ उन्होंने 10 लाख युवा को नई तकनीकी स्किल्स से लैस करने का वादा किया। इस प्रोग्राम के तहत ऑनलाइन ट्रेनिंग मॉड्यूल और स्थानीय इंटर्नशिप प्लेसमेंट भी होगा।
दूसरी बड़ी खबर थी क्लाउड सेवाओं में नया नियम। NASSCOM ने सरकार को सुझाव दिया कि छोटे व्यवसायों को क्लाउड अपनाने में टैक्स रियायत मिले। इससे छोटे उद्यमियों के लिए खर्च घटेगा और डिजिटल ट्रांसफ़ॉर्मेशन तेज़ होगा।
एक और दिलचस्प अपडेट आया जब NASSCOM ने बड़े डेटा और AI स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग स्कीम लॉन्च की। इस योजना में शुरुआती चरण के स्टार्टअप को 5 करोड़ तक का निवेश मिल सकता है, बशर्ते वे भारतीय बाजार में रोजगार पैदा करें। इससे कई युवा उद्यमियों ने अपना प्रोजेक्ट आगे बढ़ाने का इरादा जताया है।
इन खबरों के अलावा NASSCOM अक्सर उद्योग सम्मेलनों और वर्कशॉप्स की घोषणा करता रहता है। अगर आप टेक इवेंट्स में भाग लेना चाहते हैं तो देशीआर्ट समाचार पर नज़र रखें, यहाँ हर कार्यक्रम का सारांश मिल जाएगा।
तो संक्षेप में, NASSCOM सिर्फ एक एसोसिएशन नहीं, बल्कि भारत के तकनीकी भविष्य का दिशा-निर्देशक है। इसके निर्णय सीधे आपके करियर, कंपनी या स्टार्टअप को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए जब भी कोई नई नीति या प्रोग्राम आए, आप यहाँ पर तुरंत पढ़ें और समझें कि इससे आपका क्या फायदा होगा।
NASSCOM ने कर्नाटक राज्य स्थानीय उम्मीदवारों को उद्योगों, फैक्ट्रियों और अन्य संस्थानों में रोजगार विधेयक, 2024 पर गहरी चिंता व्यक्त की है। इस विधेयक के तहत कर्नाटक में निजी कंपनियों को ग्रुप सी और डी श्रेणी के कर्मचारियों के लिए स्थानीय नियुक्तियाँ करनी होंगी। इससे उद्योग विकास, रोजगार पर प्रभाव और कंपनियों के स्थानांतरण का खतरा है।
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