जब समुद्र में गर्म पानी हवा को खींचता है, तो बड़ी‑बड़ी बादल बनते हैं। अगर ये बादल तेज़ हवाओं और भारी वर्षा के साथ घूमना शुरू कर दें, तो उसे चक्रवात कहा जाता है। भारत की तटरेखा पर खासकर अक्टूबर‑नवंबर में इनका प्रकोप देखी जाती है।
चक्रवात का मुख्य कारण समुद्री सतह का तापमान 26 °C से ऊपर होना है। गर्म पानी वाष्प को उठाता है, फिर वह ठंडा होकर बादल बनाते हैं और हवा के दबाव में अंतर पैदा करता है। यही अंतर तेज़ हवाओं को उत्पन्न करता है, जो बाढ़ और तूफ़ान लाती है।
सबसे पहले आप स्थानीय मौसम विभाग की चेतावनी सुनेंगे – ‘सुपर सायकोन’ या ‘ट्रॉपिकल स्टॉर्म वॉर्निंग’। इसके बाद समुद्री तटरक्षक के अलर्ट में तेज़ हवाओं, लगातार भारी बारिश और लहरों की ऊँचाई बढ़ते देखेंगे। अगर बुनियादी ढाँचा जैसे बिजली कटना, पेड़ गिरना शुरू हो जाए तो तुरंत तैयारी करनी चाहिए।
स्मार्टफोन पर ‘इमरजेंसी अलर्ट’ फ़ीचर चालू रखें। कई बार ग्रामीण इलाकों में रडार नहीं पहुँचता, इसलिए स्थानीय रेडियो या गाँव के मुखिया से अपडेट लेनें की आदत डालें। ये छोटे‑छोटे कदम आपको देर से चौंकाए बिना जानकारी दे सकते हैं।
सबसे पहले अपने घर के आस-पास का ड्रेन साफ़ करें, ताकि बरसात में जल जमाव न हो। अगर आपके पास छत पर टार्प या पम्प है तो उसे काम में लाएँ। फर्नीचर को खिड़की से दूर रखें और भारी वस्तुओं को जमीन पर स्थिर कर दें।
आपातकालीन किट तैयार रखें – पानी, दवा, बत्तियां, बैटरी और कुछ नकद। बच्चे और बुजुर्गों के लिए प्राथमिक उपचार की जानकारी भी लिख लें। चक्रवात आने से पहले पड़ोसी से मिलकर एक सामुदायिक योजना बनाना बहुत मददगार होता है।
यदि चेतावनी ‘सुरक्षित स्थान में जाएँ’ कहती है, तो अपने घर के सबसे मजबूत कमरे (जैसे बाथरूम या बेसमेंट) को चुनें। खिड़की बंद रखें और टेबल पर कुछ भारी वस्तु रख कर दरवाजे को सुरक्षित करें।
चक्रवात के बाद भी सावधानी बरतें। पानी का स्तर घटने तक घर में न जाएँ, क्योंकि बाढ़ के बाद की जमीन फिसलन भरी हो सकती है। बिजली टूटे हुए तार या गिरे पेड़ से बचें और तुरंत स्थानीय प्राधिकरण को रिपोर्ट करें।
इन सरल कदमों से आप चक्रवात के असर को कम कर सकते हैं और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। याद रखें, तैयार रहना ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।
चक्रवात फेंगल ने पुडुचेरी के पास भूमि पर दस्तक दे दी है, जिससे तमिलनाडु और पुडुचेरी में बाढ़ और भारी बारिश का खतरा बढ़ गया है। भारत मौसम विभाग ने चेन्नई समेत कई जिलों को रेड अलर्ट पर रखा है। आपातकालीन सेवाओं और राहत शिविरों के संचालन पर ध्यान केंद्रीत है। लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है।
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