पैसे की कमी अचानक नहीं आती; अक्सर खर्चों का बढ़ना या आय में गिरावट से शुरू होती है। जब आर्थिक तंगी महसूस हो, तो घबराने के बजाय ठंडे दिमाग से योजना बनानी चाहिए। इस लेख में हम आसान‑आसानों उपाय बताएंगे जो रोज़मर्रा की जिंदगी में लागू हों।
सबसे पहले अपने महीने का बजट लिखें – घर के सभी आय और खर्चों को कागज़ या मोबाइल पर नोट करें। फिर उन चीज़ों को पहचानें जो जरूरी नहीं हैं, जैसे अतिरिक्त सब्सक्रिप्शन, बाहर खाना, या महंगी ब्रांड की वस्तुएँ। एक महीने में 10‑15 % बचत करने से आपातकालीन फंड बनाना आसान हो जाता है।
बिजली‑पानी के बिल को कम करना भी बड़ा सहारा देता है। लाइट बल्ब LED में बदलें, एसी का तापमान 24 °C पर रखें और प्लग बॉटल्स बंद कर दें। ये छोटे‑छोटे बदलाव सालाना कई हजार रुपये बचा सकते हैं।
किराने की खरीदारी में भी समझदारी अपनाएँ। बड़े पैमाने पर, ऑफ़र वाले सामान या फ्रीज़ में रखने योग्य चीजें एक साथ ले लेना पैसा बचाता है। लिस्ट बनाकर जाएँ और उसपर ही टिके रहें – इम्पल्स ख़रीद से बचेंगे।
अगर आपके पास कर्ज़ है, तो सबसे पहले हाई‑इंटरेस्ट वाले लोन को चुकाने पर ध्यान दें। बैंकों या नॉन‑बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों से रिफाइंड प्लान की बात करें – कम ब्याज दर और लंबी अवधि में भुगतान आसान हो जाता है।
सिर्फ कर्ज़ घटाना नहीं, बल्कि सही निवेश भी जरूरी है। छोटे स्तर पर सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू कर सकते हैं; महीना 500 रुपये से शुरुआत करके लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न मिल सकता है। जोखिम कम रखने के लिये म्यूचुअल फंड या पीपीएफ जैसी सरकारी स्कीम चुनें।
सरकार द्वारा चलाए जा रहे कई लाभकारी योजनाएँ हैं – जैसे प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा, उज्ज्वला योजना या किसान कर्ज़ मोचन योजना। इनका पूरा फायदा उठाने से न सिर्फ खर्च कम होगा बल्कि भविष्य की सुरक्षा भी बढ़ेगी।
आर्थिक तनाव में मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है। रोज़ 10‑15 मिनट चलना, ध्यान करना या परिवार के साथ बात करना मन को शान्त रखता है और बेहतर निर्णय लेने में मदद करता है। याद रखें, कठिन समय भी स्थायी नहीं रहता – सही रणनीति से आप इसे पार कर सकते हैं।
टपरवेयर ब्रांड्स, जिसने खाद्य भंडारण में क्रांति ला दी थी, ने चैप्टर 11 दिवालियापन सुरक्षा के लिए याचिका दायर की है। कंपनी ने कोविड-19 महामारी के शुरुआती दिनों में बिक्री में उछाल के बावजूद, लगातार घटती बिक्री और बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच यह निर्णय लिया है। कंपनी का शेयर मूल्य इस वर्ष 75% गिर चुका है।
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