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Orkla India IPO का आवंटन समाप्त, 48.74 गुना सब्सक्रिप्शन के बाद 6 नवंबर को सूचीबद्ध

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6 नवंबर, 2025 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होने वाले Orkla India Foods Private Limited के आईपीओ का आवंटन प्रक्रिया 3 नवंबर, 2025 को पूरी हो गई। इस रुपये 1,667.54 करोड़ के बुक-बिल्ड आईपीओ में 779.66 करोड़ शेयरों की मांग बनी, जबकि केवल 15.99 करोड़ शेयर उपलब्ध थे — यानी सब्सक्रिप्शन 48.74 गुना रहा। यह आंकड़ा न केवल भारतीय खाद्य उद्योग की ताकत को दर्शाता है, बल्कि निवेशकों के लिए एक ऐसा अवसर भी है जिसकी तुलना पिछले दो वर्षों में किसी भी फूड ब्रांड के आईपीओ से नहीं की जा सकती।

क्यों इतना जोरदार सब्सक्रिप्शन?

सबसे बड़ा धमाका Qualified Institutional Buyers (QIBs) ने दिया — उन्होंने अपने आरक्षित हिस्से को 117.63 गुना सब्सक्राइब किया। नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) ने भी 54.42 गुना का जोर दिया। रिटेल निवेशकों की भागीदारी भी बहुत अच्छी रही — 7.05 गुना। यह आंकड़ा बताता है कि आम निवेशक भी अब सिर्फ ब्रांड नहीं, बल्कि उसकी टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य आधारित उत्पादों और वैश्विक गुणवत्ता पर भरोसा कर रहे हैं।

Orkla India Foods Private Limited, जो MTR Foods और Eastern का मालिक है, भारत में नौ निर्माण सुविधाओं के साथ देश भर में रोजाना 2.3 मिलियन यूनिट्स वितरित करता है। यह कंपनी अपने उत्पादों को 40 से अधिक देशों में निर्यात करती है — जिसमें यूएई, थाइलैंड और मलेशिया शामिल हैं। उनके 400+ उत्पादों में मसालों, रेडी-टू-कुक मिक्स, इंस्टेंट दोसा और पोहा शामिल हैं। यह ब्रांड दक्षिण भारत में अपनी अहमियत के साथ बहुत गहरा जड़ रखता है — कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में यह घरेलू रसोई का हिस्सा है।

आईपीओ सिर्फ ऑफर फॉर सेल था — कंपनी को नहीं मिला रुपया

यहां एक अहम बात: यह आईपीओ कोई नया शेयर जारी करने का नहीं, बल्कि एक Offer for Sale (OFS) था। Orkla ASA, नॉर्वेजियन पेरेंट कंपनी जिसका मुख्यालय ओस्लो, नॉर्वे में है, ने अपने 2.28 करोड़ शेयर बेच दिए। इससे उनका हिस्सा 90.01% से घटकर 75% हो गया। कंपनी को इस लेनदेन से कोई पैसा नहीं मिला — सब कुछ वर्तमान मालिकों के पास गया। यह एक अक्सर नजरअंदाज किया जाने वाला बिंदु है, लेकिन इसका मतलब है कि आईपीओ की कीमत बिल्कुल बाजार की मांग पर निर्भर करेगी — न कि कंपनी के नए प्रोजेक्ट्स या विस्तार के आधार पर।

ग्रे मार्केट प्रीमियम ₹75 — क्या लिस्टिंग में 10% से ज्यादा मुनाफा होगा?

3 नवंबर, 2025 को दोपहर 12:31 बजे तक, Orkla India का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) ₹75 प्रति शेयर था। यानी अगर शेयर का अपर बैंड ₹730 है, तो लिस्टिंग पर यह ₹805 तक पहुंच सकता है — यानी 10.27% का लाभ। यह आंकड़ा उत्साहजनक है, लेकिन याद रखें: ग्रे मार्केट एक अनौपचारिक बाजार है, जहां शेयरों की भविष्यवाणी नकद लेनदेन से होती है। यह अक्सर बाजार के भावनात्मक उतार-चढ़ाव से प्रभावित होता है।

उसी दिन, बाजार ने भी एक अच्छा प्रदर्शन किया — सेंसेक्स 83,998.20 पर आ गया, जबकि निफ्टी 25,750 के ऊपर ट्रेड कर रहा था। इसका मतलब यह नहीं कि आईपीओ लिस्ट होने पर भी यही रुझान बना रहेगा। लेकिन यह एक अच्छा संकेत है।

कैसे जांचें आवंटन स्थिति?

सफल निवेशकों को 4 नवंबर, 2025 तक उनके डेमैट खातों में शेयर जमा कर दिए जाएंगे। अगर आपको आवंटन नहीं मिला, तो रिफंड भी उसी दिन शुरू हो जाएगा। आप अपनी आवंटन स्थिति जांच सकते हैं:

  • BSE की वेबसाइट पर — 'Equity' चुनें, 'Orkla India' चुनें, अपना PAN या आवेदन संख्या डालें।
  • NSE की वेबसाइट पर भी वही ऑप्शन उपलब्ध है।
  • Kfin Technologies (पहले KFintech) जो इस आईपीओ का रजिस्ट्रार है, उनकी वेबसाइट पर भी जांच करें।

लॉक-इन और भविष्य का रास्ता

एंकर इन्वेस्टर्स के लिए लॉक-इन अवधि अलग-अलग है: 50% शेयर 30 दिन बाद — यानी 3 दिसंबर, 2025 के बाद — बेचे जा सकते हैं। शेष 50% 90 दिन बाद — 1 फरवरी, 2026 — तक बंद रहेंगे। यह सेबी के नियम हैं, जो बाजार में अचानक बिक्री से बचाने के लिए बनाए गए हैं।

अगर लिस्टिंग पर शेयर ₹800 के आसपास खुलता है, तो यह भारतीय खाद्य सेक्टर के लिए एक नया मानक स्थापित कर देगा। यह बताएगा कि भारतीय उपभोक्ता अब सिर्फ सस्ता नहीं, बल्कि विश्वस्तरीय गुणवत्ता वाले उत्पादों के लिए भी तैयार हैं।

क्या यह आईपीओ अगले बड़े ब्रांड के लिए मॉडल बनेगा?

हां। अगर Orkla India की लिस्टिंग अच्छी रही, तो अन्य भारतीय खाद्य ब्रांड — जैसे आयुर्वेदिक फूड्स, फ्रीज-ड्राय ब्रेकफास्ट कंपनियां, या रीजनल फूड्स जो अब नेशनल स्केल पर बढ़ रहे हैं — इसे अपना मॉडल बना सकते हैं। यह एक ऐसा ट्रेंड है जहां भारतीय ब्रांड्स अपनी जड़ों को बनाए रखते हुए वैश्विक गुणवत्ता के साथ निकल रहे हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Orkla India का आईपीओ क्यों इतना सफल हुआ?

इसका कारण MTR Foods और Eastern जैसे ब्रांड्स की भारतीय उपभोक्ताओं में अटूट विश्वास है। निवेशकों ने देखा कि यह कंपनी न केवल घरेलू बाजार में मजबूत है, बल्कि विदेशों में भी निर्यात कर रही है। QIBs ने इसकी गुणवत्ता, वित्तीय स्थिरता और स्थायी उत्पाद रेंज को देखकर भारी निवेश किया।

क्या Orkla ASA ने कंपनी को पैसा दिया?

नहीं। यह एक पूरी तरह से Offer for Sale (OFS) था, जिसमें कंपनी को कोई फंड नहीं मिला। बस पुराने मालिकों ने अपने शेयर बेचे। इसका मतलब है कि निवेशक अब कंपनी के भविष्य के विकास के लिए नहीं, बल्कि उसकी वर्तमान ब्रांड वैल्यू और मार्केट पोजीशन के लिए भुगतान कर रहे हैं।

लिस्टिंग के बाद शेयर की कीमत क्या होगी?

GMP ₹75 के आधार पर ₹805 की उम्मीद है, लेकिन यह लिस्टिंग दिन के बाजार के भावों पर निर्भर करेगा। अगर बाजार तेजी से चल रहा होगा, तो ₹820-830 तक जा सकता है। लेकिन अगर वैश्विक बाजार डर रहे होंगे, तो ₹750-770 के बीच रह सकता है। अभी कोई गारंटी नहीं है।

क्या रिटेल निवेशकों को आवंटन मिलेगा?

हां, लेकिन बहुत कम। रिटेल के लिए केवल 10% आरक्षित था, और उसमें 7.05 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ। यानी हर 7 आवेदनों में से सिर्फ एक को शेयर मिलेंगे। अगर आपने अधिकतम लॉट खरीदा था, तो संभावना कम है। लेकिन जिन्होंने कम लॉट खरीदे, उनके लिए शायद एक छोटा सा शेयर मिल गया होगा।

Orkla India के उत्पाद कहां उपलब्ध हैं?

ये उत्पाद भारत के लगभग हर शहर और गांव में उपलब्ध हैं — खासकर दक्षिण भारत में। इन्हें आप रिटेल स्टोर, ऑनलाइन मार्केटप्लेस जैसे Amazon और Flipkart, और छोटे दुकानदारों से खरीद सकते हैं। विदेशों में यूएई, मलेशिया, सिंगापुर और यूके में भी इनकी उपलब्धता है।

लॉक-इन के बाद क्या होगा?

3 दिसंबर, 2025 के बाद 50% शेयर बेचे जा सकेंगे, और 1 फरवरी, 2026 के बाद बाकी 50%। इससे बाजार में शेयर की आपूर्ति बढ़ेगी, जिससे कीमत में थोड़ी गिरावट आ सकती है। लेकिन अगर कंपनी का प्रदर्शन अच्छा रहा, तो नए निवेशक भी आएंगे — इसलिए लंबे समय तक देखने वालों के लिए यह अभी भी एक अच्छा निवेश हो सकता है।

लेखक के बारे में

Vaishnavi Sharma

Vaishnavi Sharma

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।