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मुंबई की धड़कन: टीम इंडिया की जीत पर भव्य विजय जुलूस में जुटी भीड़

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मुंबई का हमेशा से क्रिकेट के प्रति अनोखा प्रेम रहा है, और जब भारतीय क्रिकेट टीम ने T20 वर्ल्ड कप जीतकर वापस घर लौटने का ऐलान किया, तो पूरा शहर ठहर सा गया। रोहित शर्मा की नेतृत्व वाली टीम को मुंबई एयरपोर्ट से वानखेड़े स्टेडियम तक भव्य विजय जुलूस के साथ ले जाया गया, जहां हज़ारों की संख्या में फैन्स उनका बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।

विजय जुलूस की शुरुआत नेशनल सेंटर फ़ॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स, नरीमन पॉइंट से हुई, जो कि कुछ घंटों की देरी से प्रारंभ हुआ। हालांकि, फैन्स ने इसका कोई बुरा अनुभव नहीं किया और उनका उत्साह ऊंचाइयों पर था। रोहित शर्मा ने एक बार फिर साबित किया कि वह केवल एक बेहतरीन खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि एक बेहतरीन कप्तान भी हैं।

यह जुलूस उनके लिए विशेष था, क्योंकि रोहित 2007 में टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का भी हिस्सा थे। टीम ने मुंबई पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी, जिसने इस पूरी यात्रा को और भी खास बना दिया। मुंबई में प्रवेश करते ही चत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उनका 'वाटर सल्यूट' किया गया।

वानखेड़े स्टेडियम में फैंस की भीड़ उमड़ी हुई थी, और वहां का माहौल किसी त्यौहार से कम नहीं था। भले ही वहां फूड और पानी की व्यवस्था की कमी थी, लेकिन लोगों की उमंग और चैन्ट्स ने उसे पीछे छोड़ दिया।

फैंस का अपार समर्थन और जोश

हार्दिक पंड्या के लिए यह एक विशेष क्षण था, जिन्हें पहले मुंबई के फैंस ने इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान बू किया था। लेकिन इस बार, उन्हें खुले दिल से स्वागत किया गया। जब उन्होंने ट्रॉफी को फैंस के सामने उठाया, तो उनकी ख़ुशी देखने लायक थी।

कोहली का धमाकेदार अंदाज

विराट कोहली ने भी मंच पर अपनी टीम के साथ नाशिक ढोलवालों की धुन पर डांस किया। रोहित शर्मा ने भी भावुक होते हुए फैंस को संबोधित किया और कहा कि यह जीत पूरे देश की है।

टीम की बारबाडोस से मुंबई तक की यात्रा में हर जगह उनके स्वागत और प्रेम देखकर यह साफ हो गया कि क्रिकेट ही वह खेल है जिसने हमें एक साथ जोड़े रखा है।

यह घटना इस बात का ज्वलंत उदाहरण है कि कैसे क्रिकेट और हमारे खिलाड़ियों के लिए देश में कितना गहरा प्रेम है। यह सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक भावना है जो हमें एक धागे में पिरोती है।

इसके बाद के कई घंटों तक मुंबई में इस जीत का जश्न मनाया गया। हर किसी के चेहरे पर मुस्कान थी और हर गली, नुक्कड़ पर क्रिकेट की चर्चा थी।

इस विजय जुलूस ने न केवल खिलाड़ियों को सम्मान दिया, बल्कि उन लाखों फैन्स को भी, जिन्होंने दिन-रात मैदान से लेकर टीवी स्क्रीन तक अपनी आंखें टीकी रखीं।

टीम इंडिया का यह विजय जुलूस हमेशा के लिए मुंबई और भारतीय क्रिकेट इतिहास का एक अविस्मरणीय हिस्सा रहेगा।

लेखक के बारे में

Vaishnavi Sharma

Vaishnavi Sharma

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।

15 टिप्पणि

vamsi Krishna

vamsi Krishna

जुलाई 7, 2024 AT 13:28

बस एक बार फिर वो वानखेड़े का जादू चल गया भाई साहब। रोहित का शांत नेतृत्व, कोहली का नाच, हार्दिक का बदला हुआ अंदाज़ - सब कुछ एक फिल्म जैसा लगा।

Amiya Ranjan

Amiya Ranjan

जुलाई 9, 2024 AT 01:26

ये सब नाटक है जो देश को बांटता है। एक जीत के लिए इतना हड़बड़ाहट क्यों? बीमारी, बेरोजगारी, पानी की समस्या - इन पर कोई ध्यान नहीं।

Narendra chourasia

Narendra chourasia

जुलाई 10, 2024 AT 03:49

कोहली ने डांस किया तो अच्छा लगा पर उसके बाद का जुलूस बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ था। वाटर सैल्यूट क्यों? जहाज़ नहीं है ये भारतीय टीम। और फिर वो लोग जो बोलते हैं कि ये खेल ही हमारी पहचान है - बस एक बहाना है असली समस्याओं से भागने का।

Mohit Parjapat

Mohit Parjapat

जुलाई 10, 2024 AT 13:42

ये जीत सिर्फ टीम इंडिया की नहीं - ये भारत की आत्मा की जीत है! जब दुनिया ने हमें नीचा दिखाया, हमने अपने खिलाड़ियों से उसका बदला ले लिया! भारत माता की जय! 🇮🇳🔥

vishal kumar

vishal kumar

जुलाई 11, 2024 AT 07:43

सामाजिक एकता के लिए खेल का योगदान अनदेखा नहीं किया जा सकता। इस घटना को ऐतिहासिक संदर्भ में देखना चाहिए।

Oviyaa Ilango

Oviyaa Ilango

जुलाई 12, 2024 AT 19:29

अतिरिक्त उत्साह नाटकीय है। भावनात्मक अतिशयोक्ति।

Aditi Dhekle

Aditi Dhekle

जुलाई 13, 2024 AT 16:56

इस जुलूस के पीछे का सांस्कृतिक कॉन्टेक्स्ट दिलचस्प है - जब एक टीम लौटती है, तो वो एक सामाजिक संकेत बन जाती है। जनता का विश्वास, नेतृत्व का प्रतीक, निर्माण की एक नई नैरेटिव। ये जीत सिर्फ रन नहीं, रिलेशनशिप है।

Aditya Tyagi

Aditya Tyagi

जुलाई 14, 2024 AT 09:53

ये सब बकवास है। जब तक लोगों के घरों में बिजली नहीं होगी तब तक ये जुलूस बेकार हैं। अब तो बच्चे भी बोलते हैं कि कोहली ने डांस किया - लेकिन स्कूल का बिल नहीं भर पाए।

pradipa Amanta

pradipa Amanta

जुलाई 16, 2024 AT 05:35

इतना जश्न क्यों? टीम इंडिया के लिए ये तो अपेक्षित था। अब तक जीत नहीं हुई तो ये अच्छा नहीं लगता।

chandra rizky

chandra rizky

जुलाई 16, 2024 AT 12:47

मुंबई की भीड़ ने जो जश्न मनाया वो दिल को छू गया। एक खिलाड़ी के लिए इतना प्यार मिलना - ये देश की ताकत है। 🙏❤️

Rohit Roshan

Rohit Roshan

जुलाई 16, 2024 AT 19:51

ये जीत बहुत खास थी। रोहित ने जो कहा - ये जीत पूरे देश की है - वो बात सच है। आज तक जिन बच्चों ने बारिश में बल्ला घुमाया, उनका भी योगदान है। इस जीत का श्रेय उन्हें भी जाता है।

arun surya teja

arun surya teja

जुलाई 18, 2024 AT 14:56

इस घटना के महत्व को अतिरिक्त भावनात्मक ढंग से नहीं देखना चाहिए। यह एक खेल की विजय है।

Jyotijeenu Jamdagni

Jyotijeenu Jamdagni

जुलाई 20, 2024 AT 11:06

वानखेड़े का माहौल तो बस एक दिव्य आयोजन लग रहा था। जब बच्चे गलियों में बल्ला घुमा रहे थे, बुजुर्ग आंखें भरकर देख रहे थे - ये न सिर्फ खेल की जीत है, ये एक जनसाधारण की यादगार यात्रा है। और हां, कोहली का नाच देखकर मैं भी खड़ा हो गया।

navin srivastava

navin srivastava

जुलाई 22, 2024 AT 05:02

हमें ये जुलूस नहीं चाहिए हमें नौकरियां चाहिए। टीम इंडिया को जीत दिलाने के बाद भी अगर बच्चे भूखे रहे तो ये जीत बेकार है। ये सब धोखा है।

Aravind Anna

Aravind Anna

जुलाई 23, 2024 AT 02:49

ये जुलूस तो भारत के दिल की धड़कन थी - जब आप एक देश में एक खिलाड़ी के लिए लाखों लोग गलियों में उतर आएं, तो ये कोई खेल नहीं बल्कि एक अनुभूति है। हमारे बच्चे अब नहीं बोलेंगे कि भारत कुछ नहीं कर सकता। इस जीत ने उन्हें विश्वास दिया। जय हिन्द!

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