पीयूष गोयल ने अमेज़न के निवेश और भारत में ई-कॉमर्स के अनियंत्रित विकास पर उठाए सवाल

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23

अग॰

2024

पीयूष गोयल का बयान

भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल ने अमेज़न के $1 बिलियन निवेश को संदेह के घेरे में लाते हुए कहा कि यह निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान देने का प्रयास नहीं है, बल्कि कंपनी के वित्तीय नुकसान को पूरा करने का एक तरीका है। पीयूष गोयल ने 'नेट इंपैक्ट ऑफ ई-कॉमर्स ऑन एम्प्लॉयमेंट एंड कंज्यूमर वेलफेयर इन इंडिया' नामक रिपोर्ट का शुभारंभ करने के दौरान यह बयान दिया।

छोटे व्यापारियों पर असर

गोयल ने छोटे खुदरा विक्रेताओं पर ई-कॉमर्स के प्रभाव को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने अमेज़न की व्यापारिक रणनीतियों और उनके द्वारा उठाए गए कदमों पर सवाल उठाए। गोयल ने आरोप लगाया कि अमेज़न का निवेश सच्चे अर्थों में भारत की आर्थिक वृद्धि में योगदान देने हेतु नहीं है, बल्कि यह उनके $1 बिलियन के नुकसान की भरपाई करने के उद्देश्य से है।

उन्होंने अमेज़न द्वारा पेशेवरों को दी गई राशि, जो कि 1,000 करोड़ रुपये है, पर सवाल उठाया और इसे संदिग्ध पाया। मंत्री ने ई-कॉमर्स कंपनियों के बिजनेस मॉडल पर भी सवाल उठाए जिनमें प्रिडेटरी प्राइसिंग और बिजनेस टू कंज्यूमर (B2C) लेन-देन शामिल हैं, जो वर्तमान नीतियों के अंतर्गत अनुमोदित नहीं हैं।

ई-कॉमर्स का सामाजिक प्रभाव

गोयल ने जोर देते हुए कहा कि ई-कॉमर्स का विकास अनियंत्रित नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे छोटे व्यवसायों को हानि पहुंच सकती है और कानून का पालन सुनिश्चित करना जरूरी है। उन्होंने उदाहरण देकर बताया की छोटे मोबाइल फोन स्टोर्स की गिरावट इसी सामाजिक प्रभाव का नतीजा है।

रिपोर्ट पर प्रश्न

उन्होंने प्रस्तुत की गई रिपोर्ट पर भी प्रश्न उठाए और कहा कि यह रिपोर्ट ई-कॉमर्स के रोजगार पर वास्तविक प्रभाव को सही तरीके से नहीं दर्शाती। यदि इसे ऐसे ही छोड़ दिया गया, तो आने वाले दशक में ई-कॉमर्स भारत के बाजार के आधे हिस्से पर नियंत्रण कर सकता है, जो कि यूरोप और अमेरिका में देखी गई चिंताओं को प्रतिध्वनित करता है।

पारदर्शिता और विनियमन की मांग

मंत्री ने ई-कॉमर्स क्षेत्र में अधिक पारदर्शिता और नियमन के लिए आवाज उठाई। उन्होंने सुझाव दिया कि छोटे किराना स्टोरों को सप्लाई चेन में शामिल करना एक सकारात्मक कदम हो सकता है। पारंपरिक छोटे व्यापारियों को इस बढ़ते क्षेत्र के साथ ढालने की आवश्यकता है ताकि वे इस नई आर्थिक योजना में भागीदार बन सकें और अपने व्यापार को सुदृढ़ बना सकें।

भविष्य की चुनौतियां

अंततः, गोयल ने भविष्य में होने वाली संभावित चुनौतियों पर प्रकाश डाला और कहा कि अगर ई-कॉमर्स के क्षेत्र को अनियंत्रित छोड़ दिया गया, तो यह बाजार में उन लाखों छोटे व्यापारियों के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है, जिन्होंने वर्षों से अपनी जगह बनाई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक संतुलित और नियंत्रित आर्थिक व्यवस्था ही देश के सर्वांगीण विकास के लिए सही है।

लेखक के बारे में

स्नेहा वर्मा

स्नेहा वर्मा

मैं एक अनुभवी समाचार लेखिका हूँ और मुझे भारत से संबंधित दैनिक समाचारों पर लिखना बहुत पसंद है। मुझे अपनी लेखन शैली के माध्यम से लोगों तक जरूरी सूचनाएं और खबरें पहुँचाना अच्छा लगता है।

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