गौतम गंभीर कोचिंग की दौड़ में
टी20 वर्ल्ड कप में भारत की बड़ी जीत और राहुल द्रविड़ के कार्यकाल की समाप्ति के चलते, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने नए हेड कोच की तलाश शुरू कर दी है। बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने यह घोषणा की है कि अनुभवी बल्लेबाज गौतम गंभीर को इस नई जिम्मेदारी के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।
द्रविड़ के नेतृत्व में टीम की उपलब्धियां
राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में भारतीय टीम ने अनेक उपलब्धियाँ हासिल की हैं। पिछले साल टीम ने वनडे वर्ल्ड कप और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल तक का सफर तय किया था, हालांकि दोनों फाइनल में उन्हें ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद, द्रविड़ की कोचिंग में टीम ने 2024 के टी20 वर्ल्ड कप में अपनी 11 साल की आईसीसी टाइटल सूखा को खत्म कर दिया। उनकी रणनीतियों, टीम की एकता और व्यवस्थित खेल की बदौलत यह संभव हो पाया।
गौतम गंभीर का कोचिंग में रुचि
यह उल्लेखनीय है कि गौतम गंभीर ने पहले ही इस भूमिका में अपनी रुचि जाहिर कर दी है। उनका कहना है कि भारतीय टीम की कोचिंग करना उनके लिए सम्मान की बात होगी। गौतम गंभीर का क्रिकेट करियर भी बेहतरीन रहा है। 2011 के वर्ल्ड कप के हीरो रह चुके गंभीर ने तीनों प्रारूपों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।
गंभीर का अनुभव
गौतम गंभीर का करियर और उनका अनुभव भारतीय टीम को नई उचाईयों तक ले जाने में सहायक हो सकता है। बिन्नी ने गंभीर के अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि उनके पास वनडे, टेस्ट और टी20 क्रिकेट का व्यापक अनुभव है, जो उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाता है। गंभीर के अंतरराष्ट्रीय करियर में 58 टेस्ट मैचों में 4154 रन, 147 वनडे में 5238 रन और 37 टी20 मैचों में 932 रन शामिल हैं। उनकी यह व्यापक अनुभव टीम इंडिया को बड़ी उपलब्धियों की दिशा में ले जा सकता है।
टीम में बदलाव और चुनौतियाँ
राहुल द्रविड़ की कोचिंग के अंत के साथ ही, टीम में एक और बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। वर्ल्ड कप जीतने के बाद, रोहित शर्मा और विराट कोहली ने टी20 अंतरराष्ट्रीय से अपनी संन्यास की घोषणा कर दी है। बिन्नी ने उनकी टीम में किए गए योगदान को सराहा और उनके प्रतिस्थापन की चुनौती भी स्वीकार की।
नई चुनौतियाँ और संभावनाएँ
भारतीय क्रिकेट टीम के सामने अब नई चुनौतियाँ खड़ी हैं। एक ओर रोहित शर्मा और विराट कोहली के प्रतिस्थापन की चुनौती है, वहीं दूसरी ओर नए कोच के साथ टीम को बाबा मैदान में उतरना होगा। इस संबंध में, गौतम गंभीर के कोचिंग अनुभव और उनके क्रिकेट के प्रति जुनून को देखकर ऐसा लगता है कि भविष्य में भारतीय क्रिकेट टीम को नए और बेहतरीन आयाम मिल सकते हैं।
क्या कहता है भविष्य?
अब देखना यह होगा कि बीसीसीआई कौन सा निर्णय लेती है और क्या गौतम गंभीर को टीम इंडिया के हेड कोच का दायित्व सौंपा जाएगा या नहीं। इतना तय है कि जैसे-जैसे क्रिकेट प्रेमियों की बेसब्री बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे इस खबर का परिणाम भी ज्यादा रोचक और महत्वपूर्ण होता जा रहा है।
गौतम गंभीर की कोचिंग में यदि टीम इंडिया को नई दिशा मिलती है, तो निश्चित ही भारतीय क्रिकेट के इतिहास में यह एक नया अध्याय होगा।
10 टिप्पणि
Kiran Meher
जुलाई 2, 2024 AT 01:06गौतम गंभीर को कोच बनाओ यार अब तक का सबसे बेस्ट फैसला होगा टीम का अंदाज़ बदल जाएगा वो खुद खिलाड़ी रहे हैं और जानते हैं कि अंदर क्या चल रहा है
Niharika Malhotra
जुलाई 3, 2024 AT 20:46द्रविड़ ने जो बुनियाद रखी वो अद्भुत थी लेकिन अब टीम को नई आवाज़ चाहिए और गंभीर के पास वो जोश है जो युवा खिलाड़ियों को जलाएगा
Tejas Bhosale
जुलाई 5, 2024 AT 17:06गंभीर के पास एक्सपीरियंस है लेकिन क्या वो सिस्टम थिंकर है या जस्ट ए लीडर विद अ ग्रेट फैस्ट अप? इस बार टीम को डेटा-ड्रिवन एप्रोच चाहिए ना कि इंटूइशन
Asish Barman
जुलाई 7, 2024 AT 08:28अब फिर गंभीर वाला दौर शुरू हो रहा है क्या अब भी लोग उन पर भरोसा करेंगे जबकि उनका रिकॉर्ड अंतरराष्ट्रीय लेवल पर अच्छा नहीं रहा
harshita kumari
जुलाई 8, 2024 AT 22:01बीसीसीआई के अंदर कोई बड़ा बॉस है जो गंभीर को चाहता है वरना द्रविड़ को रिन्यू कर देते अगर टीम ने वर्ल्ड कप जीत लिया तो ये सब बस एक डिवर्जन टैक्टिक है बिन्नी का नाम लेने से पहले उनकी गोपनीय बैठकें लीक हो गई हैं
Devi Trias
जुलाई 10, 2024 AT 09:56गौतम गंभीर के लिए यह एक बड़ी जिम्मेदारी है। उनके अनुभव, रणनीतिक सोच और खिलाड़ियों के साथ संवाद करने की क्षमता उन्हें इस भूमिका के लिए अत्यंत उपयुक्त बनाती है। उन्होंने अपने खिलाड़ी जीवन में विभिन्न दबावों का सामना किया है, जिससे उन्हें टीम के मानसिक आयामों को समझने में मदद मिलती है। उनकी नेतृत्व क्षमता, विशेष रूप से टी20 में निर्णय लेने की शैली, युवा पीढ़ी के लिए एक उदाहरण है। उनके नेतृत्व में टीम ने 2011 के विश्व कप में जीत के लिए अहम भूमिका निभाई। उनकी टीम के प्रति लगन और जुनून अद्वितीय है। वे खिलाड़ियों के साथ व्यक्तिगत संबंध बनाने में सक्षम हैं, जो कोचिंग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनकी बातचीत का तरीका सीधा, स्पष्ट और प्रेरक है। उनके द्वारा बनाए गए टीम संस्कृति में जिम्मेदारी, अनुशासन और निरंतर सुधार का बोध है। उनके अनुभव से यह स्पष्ट है कि वे टीम को न केवल जीतने, बल्कि जीत के तरीके को भी बदल सकते हैं। यह टीम के लिए एक नया अध्याय शुरू हो सकता है।
SIVA K P
जुलाई 10, 2024 AT 18:22अरे भाई गंभीर को कोच बनाने का मतलब ये है कि अब वो खुद के बारे में बात करेंगे और टीम के खिलाड़ियों को बर्बाद कर देंगे
Baldev Patwari
जुलाई 11, 2024 AT 22:47गंभीर को बुलाने का मतलब है अब टीम एक बार फिर बड़े बड़े नामों पर भरोसा करेगी नए खिलाड़ियों को अवसर नहीं मिलेगा ये सब एक बड़ा गलत फैसला है
Neelam Khan
जुलाई 12, 2024 AT 16:58हमें उम्मीद है कि गौतम गंभीर नए खिलाड़ियों को भी अपना भाग देंगे और टीम को एक नई ऊर्जा देंगे। उनकी नेतृत्व क्षमता और खिलाड़ियों के साथ जुड़ने की क्षमता से यह टीम फिर से बड़ी उपलब्धियाँ हासिल कर सकती है। बस यह आशा है कि वो टीम के नए खिलाड़ियों को भी अवसर देंगे और सिर्फ पुराने नामों पर ही भरोसा नहीं करेंगे।
Abhishek Sarkar
जुलाई 14, 2024 AT 11:21गंभीर को नियुक्त करने का एकमात्र कारण यह है कि बीसीसीआई के अंदर कुछ लोग उनके साथ पुराने दोस्ताना संबंध रखते हैं। ये सब एक बड़ा षड़यंत्र है। द्रविड़ को हटाने का वास्तविक कारण यह नहीं कि टीम ने फाइनल में हार ली बल्कि यह है कि उन्होंने टीम के लिए एक अलग संस्कृति बनाई जिसे कुछ लोग नहीं पसंद करते। अगर गंभीर को नियुक्त किया जाता है तो यह एक चेतावनी है कि बीसीसीआई अब विकास की बजाय राजनीति पर भरोसा करेगी। इस निर्णय के पीछे वित्तीय हित हो सकते हैं जो टीम के लिए विनाशकारी साबित होंगे। यह एक ऐसा बदलाव है जो टीम के भविष्य को नष्ट कर सकता है।