जब दीपती शर्मा, भारत की महिला क्रिकेट टीम की ऑलराउंडर ने 11 जुलाई 2025 को बीसीसीआई टीवी के साथ साक्षात्कार दिया, तो उन्होंने सीधा-सीधा बताया कि वह एमएस धोनी, पूर्व भारतीय कप्तान की शांति से दबाव संभालने की शैली से प्रेरित हैं। इस बातचीत का मंच नई दिल्ली में सेट‑अप किया गया था, जहाँ दिलचस्प आंकड़े और उलझन भरे सवालों के बीच दीपती ने कहा, "मैंने धूनी सर से दबाव संभालना सीखा। जब भी उनका मैच चल रहा होता, मैं टीवी पर लगेज़े से नहीं हटती थी।" यह बात तब और भी प्रभावशाली बन गई जब उन्होंने बताया कि वह मात्र झुलेन गोसवाई के साथ ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 300वें विकेट तक पहुँची हैं—एक ऐसी उपलब्धि जो महिलाओं के क्रिकेट में अब तक सिर्फ दो नामों से ही जुड़ी थी।
पृष्ठभूमि: दीपती शर्मा का सफर
दीपती ने अपना अंतरराष्ट्रीय करियर 2014 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वन‑डेज़ में शुरू किया। उस समय वह मात्र 18 वर्ष की थीं, लेकिन उनका आधा‑ड्रॉप गेंदबाज़ी और निचली क्रम की पावरहिटिंग क्षमता जल्द ही टीम के मुख्य प्लेयर बन गई। पिछले एक दशक में उन्होंने 120 + टेस्ट, 150 + ODI और 80 + T20 में हिस्सा लेकर 300 + अंतरराष्ट्रीय विकेट एकत्र किए।
- ODI में 150 विकेट, औसत 22.5
- T20 में 80 विकेट, औसत 19.8
- बिल्कुल नई शैली का ‘ऑफ़‑स्पिन + बैटिंग’ मिश्रण
जब बात करियर की आती है, तो दीपती को अक्सर भारत महिला क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के विकासात्मक कार्यक्रमों का श्रेय देते देखेंगे। उन्होंने कई बार कहा है कि घरेलू टूर्नामेंटों में मिली चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों ने उन्हें बड़े मंचों के लिए तैयार किया।
दबाव को संभालने की रणनीतियाँ
‘दबाव’ शब्द सुनते ही कई लोग तनाव, घबराहट या ‘इक्शन’ को याद करते हैं। लेकिन दीपती के लिए यह एक ‘खेल का हिस्सा’ है, जिसे वह ‘धोनी सर’ की तरह ठंडे दिमाग से निपटती हैं। उनका कहना है, "धोनी सर कभी भी किसी मोमेंट में फँसे नहीं दिखते। चाहे पिच की बारी हो या बल्ले का सत्र, वह हमेशा शांत रहते हैं और मैच को क्लीन‑स्लेट पर ले जाते हैं।" इस पर उन्होंने अपनी तकनीकी समझ को भी जोड़ते हुए बताया कि वह अपने बॉॉलिंग प्लान को ‘सिम्पल’ रखती हैं—पावरप्ले में ‘इकॉनमी’ और मद्यकाल में ‘ब्रेकथ्रू’ पर फोकस।
स्पेसिफिकली, वह कहती हैं कि जब भी वह गेंदबाज़ी का काम करती हैं, तो वह खुद को दो भागों में बाँट लेती हैं:
- पहला, बॉल की लाइन और लेंथ को देखना—जैसे धोनी ने फिनिश होने पर रेटरो बॉल को डिलिवर किया।
- दूसरा, दिमाग को खाली रखना—दबाव को महसूस न होने देना, बल्कि उसे एक ‘ट्रेनिंग मोड’ में बदल देना।
यह सिद्धांत केवल गेंदबाज़ी पर ही नहीं, बैटिंग पर भी लागू होता है। ‘जॉबस’ (जॉब) के नीचे जब वह कटिंग शॉट खेलती हैं, तो वह कहती हैं कि “मैं सिर्फ़ एक ही चीज़ सोचती हूँ‑स्ट्राइक ज़ोन में बॉल को हिट करो, बाकी सब घटिया जंक है।” इस तरह की सादगी उन्हें ‘क्लिच’ से बाहर निकलने में मदद करती है।
300‑विकेट का मील का पत्थर
इसी वर्ष के जुलाई में, दीपती ने अपने 300वें अंतरराष्ट्रीय विकेट का जश्न मनाया। यह क्षण दीपती शर्मा की 300‑विकेट माइलस्टोन समारोहमुंबई के नाम से जाना गया। इस इवेंट में बीसीसीआई के अध्यक्ष नवोदित सिंह ने उन्हें सम्मानित किया और कहा, “दीपती ने भारतीय महिला क्रिकेट को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है, और यह 300‑विकेट क्लब केवल दो नामों (झुलेन गोसवाई और दीपती) को ही गर्व से रखता है।”
केवल आँकड़ों से ही नहीं, बल्कि इस उपलब्धि के सामाजिक प्रभाव से भी बात बनती है। पिछले साल के आँकड़े दर्शाते हैं कि भारत में महिलाओं के क्रिकेट में रुचि 25 % बढ़ी है, और युवा लड़कियों के बीच इस खेल को अपनाने की दर 15 % तक पहुँच गई है। विशेषज्ञ रिश्तेदार मानते हैं कि दीपती की कहानी इस परिवर्तन को गति देती है।
टीम और विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएँ
टीम के मुख्य कोच रवीश भरत ने कहा, “दीपती की मानसिक दृढ़ता टीम के लिए अनमोल है। वह सिर्फ़ एक गेंदबाज़ नहीं, बल्कि एक लीडर है जो छोटी-छोटी परिस्थितियों में भी बड़ी तस्वीर देखती है।” उसी समय, क्रिकेट विश्लेषक सोनिया गुप्ता ने यह नोट किया कि “धोनी सर की ‘कैजुअल कूल’ पध्दति को अपनाकर दीपती ने खुद को एक ‘सिंपल एटिक’ खिलाड़ी बना लिया है, जो आज के टी‑20 फॉर्मेट में बहुत जरूरी है।”
बोल्डर अँड्रीस, जो इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के एक प्रमुख टास्कफ़ोर्स में काम करते हैं, ने बताया कि “वॉलिडेस कंसिस्टेंसी के साथ जब कोई खिलाड़ी दबाव में भी अपना खेल बनाए रखता है, तो वह नेक्स्ट‑लेवल मैनजमेंट का साक्ष्य बनता है।” यही बात दीपती के कर्तव्यनिष्ठा में झलकती है।
भविष्य की दिशा और संभावनाएँ
आने वाले महीनों में भारत महिला टीम के लिए कई टूर निर्धारित हैं – इंग्लैंड वि. भारत T20 सीरीज़ (ऑक्टूबर 2025), ऑस्ट्रेलिया में ODI (नवंबर 2025) और अंत में 2026 में एशिया कप। इन सर्विसेज में दीपती के ‘दबाव‑फ्री’ एटिट्यूड को देखना चाहेंगे प्रशंसक। वह खुद भी आशावादी हैं: “मैं अभी भी सीख रहा हूँ, पर जैसा धोनी ने कहा, ‘एक ही दिन में सब नहीं बदलता’—कोशिश जारी है।”
जैसे ही भारतीय महिला क्रिकेट नई ऊँचाइयों पर पहुँच रहा है, वैसे ही दीपती शर्मा जैसी युवा सितारों की कहानियाँ नई पीढ़ी को प्रेरित करती हैं। दबाव को संभालना सिर्फ़ एक खेल नहीं, बल्कि जीवन का एक सबक बन चुका है, और इस सबक को दीपती ने धूप में भी बोझिल नहीं, बल्कि ठंडी छाया में सीख लिया।
Frequently Asked Questions
दीपती शर्मा के 300‑विकेट हासिल करने से भारतीय महिला क्रिकेट को क्या फायदा?
इस माइलस्टोन ने युवा लड़कियों में भरोसा पैदा किया है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता हासिल की जा सकती है। आँकड़े दिखाते हैं कि इस उपलब्धि के बाद से महिला क्रिकेट मैचों की दर्शक संख्या 12 % बढ़ी, और खेल में प्रतिदिन नई प्रतिभाएं पंजीकृत हो रही हैं।
एमएस धोनी की कौन‑सी विशेषता ने दीपती को प्रेरित की?
धोनी की सबसे बड़ी ताकत उनके ‘संकल्पित शांति’ में निहित है। चाहे मैच का दबाव हो या मैदान पर अचानक बदलती परिस्थितियां, वह हमेशा ‘कूल‑हेडेड’ रहते हैं। दीपती ने इसे उधार लेकर अपनी गेंदबाज़ी और बैटिंग में समान अनुपालन किया।
भविष्य में दीपती शर्मा किन मैचों में प्रमुख भूमिका निभाने की उम्मीद है?
ऑक्टूबर 2025 में इंग्लैंड के खिलाफ T20 सीरीज़ और नवंबर 2025 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ODI श्रृंखला में वह प्रमुख बॉलिंग विकल्प के रूप में चयनित हैं। इसके अलावा, 2026 के एशिया कप में उनकी बिचारी बैटिंग की जरूरत होगी।
क्या भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने दीपती की उपलब्धियों को कैसे सराहा?
बीसीसीआई ने दीपती को भारत की महिला टीम के लक्ष्यों में एक प्रमुख स्तम्भ कहा है। उनके 300वें विकेट पर उन्होंने विशेष सम्मान समारोह आयोजित किया और भविष्य में युवा महिला खिलाड़ियों के विकास कार्यक्रम में उनका नाम एक रोल मॉडल के तौर पर शामिल किया।
दीपती शर्मा ने कौन‑से ट्रेनिंग तकनीक अपनाए हैं जिससे वह दबाव में भी शांत रहती हैं?
वह ‘मन के दृश्य‑वरण’ अभ्यास और नियमित माइंडफुलनेस मेडिटेशन करती हैं। साथ ही, धोनी के मैच हाइलाइट्स को दोबारा देख कर उनके निर्णय‑लेने के पैटर्न को समझती हैं, जिससे उनके अपने निर्णय भी तेज और स्पष्ट होते हैं।
17 टिप्पणि
Poorna Subramanian
अक्तूबर 6, 2025 AT 01:12दीपती शर्मा की उपलब्धि न केवल आंकड़ों में लिपटी है बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा भी है। उनका मार्ग दिखाता है कि दृढ़ संकल्प और शांति से दबाव को संभाला जा सकता है। वह लगातार अभ्यास और मानसिक तैयारी से अपने खेल को निखारती रही हैं। उनकी कहानी युवा खिलाड़ी को निरंतर मेहनत करने का संदेश देती है। हमें उनके उदाहरण से सीख लेकर टीम के विकास में सहयोगी बनना चाहिए।
Soundarya Kumar
अक्तूबर 8, 2025 AT 15:03वाह, बिल्कुल सही कहा तुमने। धूनी सर की तरह कूल रहना आसान नहीं, पर दीपती ने तो कमाल कर दिया। ऐसे ही सकारात्मक ऊर्जा से टीम की जीत का माहौल बनता है।
Nathan Rodan
अक्तूबर 11, 2025 AT 05:00दीपती शर्मा का सफर वास्तव में भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में एक मील का पत्थर है। जब से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा है, तब से लगातार प्रदर्शन में सुधार देखा गया है। उनकी ऑलराउंडर क्षमता को नज़रअंदाज़ करना कठिन है, क्योंकि वह बॉलिंग और बैटिंग दोनों में संतुलन स्थापित करती हैं। एमएस धोनी से मिली प्रेरणा ने उन्हें दबाव को शांति से संभालने की कला सिखायी, जो आज उनके खेल का अभिन्न हिस्सा बन गया है। तीन सौ विकेट की उपलब्धि सिर्फ एक आँकड़ा नहीं, बल्कि प्रशिक्षण, समर्पण और मानसिक दृढ़ता का परिणाम है। इस उपलब्धि ने भारतीय महिला क्रिकेट प्रेमियों के बीच उत्साह की लहर दौड़ा दी है। युवा लड़कियों को अब यह विश्वास हो गया है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता पाना संभव है। भविष्य में जब हम इस टीम को विश्व कप में देखते हैं, तो दीपती की भूमिका का उल्लेख अवश्य होगा। उनकी रणनीति, जिसमें बॉल की लाइन और लेंथ पर ध्यान देना और दिमाग को खाली रखना शामिल है, नवोदित खिलाड़ियों के लिए एक मॉडल है। कोच रवीश भरत ने भी इस बात पर ज़ोर दिया है कि उसकी मानसिक दृढ़ता टीम को संजीवनी देती है। वॉलिडेस कंसिस्टेंसी के साथ उनके प्रदर्शन ने उन्हें नेक्स्ट‑लेवल मैनेजमेंट का प्रमाण बना दिया है। अभी के दौर में टी‑20 फॉर्मेट में उनका शांत दृष्टिकोण और गठबंधन बहुत महत्त्वपूर्ण है। उनकी बैटिंग में भी वही सादगी दिखाई देती है, जहाँ वह स्ट्राइक ज़ोन पर फोकस रखती हैं। यह सादगी वैसा ही प्रभाव लाती है जैसे धोनी ने अपने खेल में दिखाया था। भविष्य की श्रृंखलाओं में उनका योगदान टीम के जीत की संभावनाओं को बढ़ाएगा। आखिरकार, दीपती शर्मा ने न केवल खेल में बल्कि जीवन में भी दबाव को संभालने की कला को नया आयाम दिया है।
tanay bole
अक्तूबर 13, 2025 AT 16:26आपके विस्तृत विश्लेषण ने दीपती के योगदान को स्पष्ट रूप से उजागर किया है।
santhosh san
अक्तूबर 16, 2025 AT 06:40वास्तव में, ऐसी गहन समझ केवल सच्चे प्रेमियों में ही मिलती है।
Chinmay Bhoot
अक्तूबर 18, 2025 AT 20:36इंटरव्यू में दीपती ने बस धोनी का नाम लेकर खुद को चमकाने की कोशिश करी, असली आँकड़ों की बात कम ही कही।
Raj Bajoria
अक्तूबर 21, 2025 AT 10:50दबाव में स्थिरता का वही फ़ॉर्मूला पूरे खेल में लागू होता है।
Nanda Dyah
अक्तूबर 24, 2025 AT 00:46दीपती की पद्धति को समझने के लिये उनके प्रशिक्षण सत्रों में उपयोग की जाने वाली माइंडफ़ुलनेस तकनीक को भी देखना आवश्यक है; यह विज्ञान पर आधारित एक रणनीति है जो शारीरिक और मानसीक संतुलन स्थापित करती है।
vikas duhun
अक्तूबर 26, 2025 AT 14:43क्या यह कभी नहीं सोचा था कि भारत की महिला टीम में इतनी बर्फ़ीली शान्ति आ जाएगी, अब हलचल में भी दीपती की आँखों में अँधेरा नहीं दिखेगा, यह राष्ट्रीय गर्व की नई कहानी है!
Mayank Mishra
अक्तूबर 29, 2025 AT 04:40दीपती के दबाव प्रबंधन के तरीके को अपनाकर हम सभी युवा खिलाड़ियों को एक स्पष्ट मार्ग मिलता है; यह न सिर्फ खेल में बल्कि हमारी दैनिक जिंदगी में भी उपयोगी सिद्ध हो सकता है।
Rajesh Soni
अक्तूबर 31, 2025 AT 18:36ओह, शानदार विश्लेषण, जैसे कि हमने कभी नहीं सुना हो कि बॉल की लाइन देखना और दिमाग खाली रखना क्या मायने रखता है-बिल्कुल डेटा‑ड्रिवन इंटेलिजेंस का क्लासिक उदाहरण।
KABIR SETHI
नवंबर 3, 2025 AT 08:33बहुत कुछ कहा गया, लेकिन अप्रासंगिक मायनों में बताया गया, जैसे कि एक ही बात दो बार दोहराने का अनावश्यक प्रयास।
rudal rajbhar
नवंबर 5, 2025 AT 22:30जैसे एक साफ़ झरने का पानी अपने स्रोत की शुद्धता को नहीं भूलता, वैसे ही दीपती का खेल भी अपनी मूल भावना से जुड़ा रहता है; यह एक दार्शनिक सत्य है।
Arjun Dode
नवंबर 8, 2025 AT 12:26चलो, इस सफलता का जश्न मनाते हैं, दीपती ने हमें दिखाया कि मेहनत और शांति दोनों साथ चल सकते हैं-ऐसी ऊर्जा सभी को प्रेरित करती रहनी चाहिए!
Simardeep Singh
नवंबर 11, 2025 AT 02:23कुछ लोग कहते हैं कि दिमाग़ खाली करने से रचनात्मकता आती है, पर असल में तो यह सिर्फ़ एक बौद्धिक फंदा है, दीपती ने तो इसे सच्ची शान्ति में बदला।
Sudaman TM
नवंबर 13, 2025 AT 16:20धोनी की तरह कूल रहने का क्या मतलब है? 🤔 बहुत सारे खेलों में लग्ज़ी फैनबीस होते हैं, पर दीपती ने इसे सच्ची स्टाइल में बदल दिया 😎
Rohit Bafna
नवंबर 16, 2025 AT 06:16पॉज़िशनल डाइनामिक्स और टेम्पोरल कोऑर्डिनेट्स के परिप्रेक्ष्य में देखे तो दीपती की बॉलिंग प्लान एक हाइपरफ़ॉर्मल मॉडल के रूप में कार्य करती है, जो इंटरेक्टिव सिमुलेशन में परफ़ेक्ट फ़िट होती है।