आपने सुना होगा कि अगले महीने देश भर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। लेकिन अक्सर लोग यह नहीं जानते कि कब‑कब कौन-सा कदम उठाना चाहिए, किस राज्य में सबसे बड़ा मोलभाव चल रहा है, या वोट देने की प्रक्रिया कितनी आसान है। इस लेख में हम उन सवालों के जवाब देंगे जो हर भारतीय मतदाता को ज़रूरी लगते हैं।
सबसे पहले बात करते हैं चुनाव कैलेंडर की। एशियन टाइम अनुसार, 20 मार्च से लेकर 30 अप्रैल तक कई राज्य अपने-अपने मतदान दिन रखेंगे। अगर आप अपनी सीट के बारे में अनिश्चित हैं, तो अपना वोटिंग एरिया ऑनलाइन चेक कर सकते हैं – यह प्रक्रिया सिर्फ पाँच मिनट लेती है और पूरी तरह से मुफ्त है।
विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा आकर्षण वही राज्यों का होता है जहाँ सत्ता की लड़ाई तीव्र होती है। इस साल उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केरल को विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में 28 मार्च को पहला चरण है, जिसमें लगभग 20 लाख मतदाता शामिल हैं। वहीं पश्चिम बंगाल में 5 अप्रैल को दूसरा चरण होगा, जहाँ दो बड़े गठबंधन एक-दूसरे के खिलाफ़ जद्दोजहद करेंगे। केरल में 12 अप्रैल को तिसरा चरण तय किया गया है और यहाँ की स्थानीय समस्याएँ अक्सर राष्ट्रीय राजनीति को भी प्रभावित करती हैं।
इन प्रमुख राज्यों के अलावा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार जैसे बड़े राज्य भी अपनी-अपनी तिथियों पर वोटिंग करेंगे। अगर आप इन क्षेत्रों में रहते हैं तो यह ज़रूरी है कि आप अपने मतदान केंद्र का पता पहले से नोट कर लें – कई बार चुनाव आयोग नई जगहें जोड़ देता है या पुराने स्थान बदल देता है।
अब बात करते हैं वोट डालने के सही तरीके की। सबसे पहले, मतदान कार्ड हाथ में रखें। अगर आपका कार्ड खो गया हो तो आप स्थानीय चुनाव कार्यालय से पुनः प्राप्त कर सकते हैं – यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी उपलब्ध है। जब आप मतदान केंद्र पहुंचें, तो नाम वाले सूची में अपना नाम ढूँढ़ें और उस पर टिक मारवाएँ। फिर एक गुप्त बक्सा चुनें, उसे फाड़ें और अपनी पसंदीदा पार्टी या उम्मीदवार को डालें। पूरी प्रक्रिया लगभग दो मिनट में ख़त्म हो जाती है।
क्या आप जानते हैं कि चुनाव के दिन आपका फोटो आईडी दिखाना अनिवार्य नहीं है? केवल नाम सूची में होना पर्याप्त है, लेकिन अगर आपके पास पहचान प्रमाण है तो वह मददगार साबित होता है। साथ ही, यदि आप असहाय या बुजुर्ग हैं, तो आपको मतदान केंद्र पर सहायक मिल सकता है – इसे ‘वोटर हेल्प डेस्क’ कहते हैं।
एक और महत्वपूर्ण बात: अगर आप किसी कारण से निर्धारित दिन नहीं जा पाए तो आप ‘पॉस्ट-इंट्रांसिट वोटिंग’ के लिए आवेदन कर सकते हैं, जो कि विदेश या यात्रा के कारणों पर लागू होती है। इस सुविधा का उपयोग करने के लिये आपको अपने नियोक्ता या संस्था की लिखित पुष्टि चाहिए होगी।
अंत में, यह याद रखें कि आपका वोट सिर्फ एक काग़ज़ नहीं, बल्कि देश की दिशा तय करता है। इसलिए हर बार जब आप मतदान केंद्र पर जाएँ, तो अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों को समझें, सवाल पूछें और सही चुनाव करें। देशीआर्ट समाचार के साथ जुड़े रहें – हम आपको रोज़ाना सबसे भरोसेमंद अपडेट देंगे, ताकि आपका मतदान अनुभव सरल और प्रभावी रहे।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विश्वास जताया है कि बीजेपी आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी स्थिति मजबूत कर सकती है। डिप्टी सीएम फडणवीस ने पार्टी के विधायकों और पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए महायुति को एकजुट रहने पर जोर दिया और 3.5% वोट शेयर बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
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