कोई भी निवेशक जब आज के बाजार पर नज़र रखता है, तो वह इनके बीच के रिश्तों को देखता है। उदाहरण के तौर पर, जब RBI की नीतियों में बदलाव आता है (ब्याज दर घटती है), तो आर्थिक संकेतक बेहतर होते हैं, वॉल्यूम बढ़ता है, और शेयर कीमतें ऊपर जाती हैं – इस क्रम में Sensex भी ऊपर जाता है। इसी तरह, अगर कोई बड़ा IPO जैसे "Tata Capital" का आवंटन सफल हो (जैसा कि हमारे लेख में बताया गया), तो नई पूंजी बाजार में आती है, जिससे मार्केट कैपिटलाइज़ेशन बढ़ती है और कभी‑कभी Sensex में छोटा‑सा उछाल देखना मिलता है। ये सभी कनेक्शन एक-एक करके "Sensex" को जीवंत बनाते हैं और निवेशकों को दिशा देते हैं। इसके बाद आप नीचे दी गई खबरों में देखेंगे कि कैसे विभिन्न क्षेत्रों – जैसे वित्तीय (जैसे Tata Capital IPO), तकनीकी (Google Cloud CEO की नियुक्ति), और खेल (क्रिकेट, टेनिस) – का असर बाजार पर पड़ता है। हर लेख के पीछे एक छोटा‑सा कारण‑फ़ल का ताना‑बाना छुपा है, जो Sensei की तरह आपके निवेश निर्णयों को स्पष्ट कर सकता है। तो चलिए, आगे बढ़ते हैं और इस टैग पेज पर मौजूद ताज़ा लेखों को पढ़ते हैं, जहाँ आपको Sensex की हर छोटी‑बड़ी चाल, IPO की महत्त्वपूर्ण जानकारी और आर्थिक संकेतकों की विस्तृत समझ मिलेगी।
24 सितंबर 2025 को भारतीय शेयर बाजार में मंदी आई, जिसका असर Nifty50 को 25,100 के नीचे और Sensex को 380 अंक से अधिक गिरावट में दिखा। तकनीकी संकेतकों ने अल्पकालिक नीचे की गिरावट की भविष्यवाणी की थी, और विश्लेषकों ने आगे की अस्थिरता की चेतावनी दी। अगले ट्रेडिंग सत्र में संभावित खरीदारी के अवसरों पर भी चर्चा हुई।
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