आप किसान हों या सिर्फ खेती में रुचि रखने वाले, हर दिन नया जानकारी मिलती है. देशीआर्ट समाचार पर हम आपके लिए सबसे ताज़ा कृषि खबरें इकट्ठा करते हैं, ताकि आप फसल से जुड़ी हर चीज़ आसानी से समझ सकें.
उत्तरी प्रदेश में 12 अप्रैल को भारी बारिश की चेतावनी जारी हुई है. कुल 38 जिलों में ओलावृष्टि का अनुमान है, जिससे धान के खेत जलजली से बचेंगे लेकिन गेंहू की रोपाई में देरी हो सकती है. ऐसे समय में बीज बोने वाले किसानों को हल्की फसल जैसे ज्वार या मक्का पर स्विच करना समझदारी होगी.
बारिश का मौसम फलों के लिए भी दोधारी तलवार जैसा होता है. आम और लीची की खेती करने वालों को सड़न से बचाने के लिये नमी नियंत्रण और ढक्कन वाले नेट का इस्तेमाल ज़रूर करें. अगर आप बागवानी में नए हैं तो स्थानीय कृषि अधिकारी से सलाह लेनी चाहिए.
PM‑Kisan योजना अब हर किसान को 6,000 रुपये सालाना देती है, लेकिन भुगतान में देरी की समस्या अक्सर सुनाई देती है. इसको जल्दी पाने के लिए पोर्टल पर अपना बैंक खाता लिंक करना न भूलें.
वर्तमान में बाज़ार में गेहूँ की कीमत लगभग 2,250 रुपए प्रति क्विंटल और धान की कीमत 1,750 रुपए प्रति क्विंटल है. ये दरें मंडी से मंडी थोड़ा‑बहुत बदलती हैं, इसलिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म जैसे एपीएमएस या कृषि पोर्टल पर रीयल‑टाइम अपडेट देखना फायदेमंद रहेगा.
नई तकनीक को अपनाने में डर न रखें. ड्रिप इरिगेशन और सॉलार पैनल से चलने वाले पम्प अब छोटे किसानों के लिए भी किफायती हो रहे हैं. शुरुआती खर्च़ ज्यादा दिखता है, पर जल बचत और फसल उत्पादन में बढ़ोतरी से निवेश जल्दी वापस मिल जाता है.
यदि आप रसायनों की जगह जैविक खेती में कदम रखना चाहते हैं तो सरकारी अनुदान और प्रशिक्षण कार्यक्रम मदद कर सकते हैं. कई राज्यों ने बीज एवं जैविक खाद के लिए सब्सिडी दी है, जिससे लागत कम होती है.
डिजिटल मार्केटप्लेस का उपयोग करके आप सीधे खरीदारों से जुड़ सकते हैं, बिचौलियों पर कम खर्च़ आएगा और आपके लाभ में बढ़ोतरी होगी. मोबाइल ऐप या वेबसाइट के ज़रिए फ़सल की कीमतें देखना अब कुछ ही क्लिक में हो जाता है.
हर दिन नई खबरें आती रहती हैं, इसलिए देशीआर्ट समाचार को बुकमार्क कर रखें. आप चाहे छोटे किसान हों या बड़े किसान, यहाँ पर मिलेंगे आपको मौसम अपडेट, सरकारी योजना की जानकारी और बाजार दर – सब कुछ एक ही जगह.
मध्य प्रदेश की पहली राज्य स्तरीय प्री-कॉप जलवायु बैठक में स्थानीय नीतियों को राष्ट्रीय जलवायु लक्ष्यों से जोड़ने पर चर्चा हुई। कृषि और ऊर्जा क्षेत्रों की चुनौतियों और अवसरों के साथ, सभी हितधारकों ने मिलकर टिकाऊ समाधान तलाशे। इस तरह राज्य ने SAPCC के तहत सूखा और बाढ़ जैसी समस्याओं से निपटने का रोडमैप साझा किया।
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