आपका GST नंबर है लेकिन स्टेटस नहीं पता? बहुत लोग यही समस्या में फँसते हैं। असली बात यह है कि सरकारी पोर्टल पर कुछ ही क्लिक से आप अपना टैक्स रिकॉर्ड देख सकते हैं। नीचे बताई गई आसान विधियों को फॉलो करें, और झंझट खत्म हो जाएगी।
सबसे पहले https://www.gst.gov.in पर जाएँ। ‘Login’ बटन दबाएँ, फिर ‘Taxpayer’ चुनें। अपना GSTIN और पासवर्ड डालें – अगर पहली बार लॉगिन कर रहे हैं तो OTP के ज़रिए सेट‑अप करें। एक बार अंदर आ गए तो डैशबोर्ड में ‘Returns Dashboard’ पर क्लिक करें; यहाँ आपका सभी रिटर्न, भुगतान और बकाया दिखेगा।
डैशबोर्ड में ‘File Returns’ सेक्शन से आप यह भी देख सकते हैं कि कौन‑सा रिटर्न फाइल हुआ है और किसमें त्रुटि रही। अगर कोई रिटर्न अधूरा है तो पोर्टल तुरंत चेतावनी देगा, जिससे आप समय पर सुधार कर सकेंगे।
अगर कंप्यूटर नहीं लगाना चाहते, तो GST मोबाइल ऐप डाउनलोड करें – यह Android और iOS दोनों में उपलब्ध है। ऐप खोलें, ‘GSTIN Search’ चुनें और अपना नंबर डालें। कुछ सेकेंड में आपका फॉर्म 26AS, इनवॉइस और रिफंड स्टेटस दिख जाएगा।
ऐप की खास बात ये है कि यह नोटिफिकेशन भी भेजता रहता है – जैसे रिटर्न डेडलाइन या रिफंड क्लियर होने पर अलर्ट मिलते हैं। इससे आपको हर बार पोर्टल खोलने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
अब आते हैं रिफंड चेक करने के हिस्से पर। ‘Refund Status’ टैब में Ref. No., राशि और अपेक्षित तारीख दिखती है। अगर कोई समस्या है, तो ‘Reason Code’ को पढ़ें; अक्सर यह दस्तावेज़ की कमी या गलत GSTIN कारण होता है।
भुगतान के बारे में भी पूरी जानकारी मिलती है – चाहे वह टैक्स पेमेंट हो या एडवांस डिपॉज़िट। ‘Payment History’ देखें, और यदि कोई भुगतान गायब लगे तो तुरंत ‘Reconcile’ बटन दबाकर अपडेट करें। यह आपके लेज़र को साफ रखता है।
कई बार लोग गलत पासवर्ड या एक्सपायर्ड OTP की वजह से लॉगिन नहीं कर पाते। ऐसे में ‘Forgot Password’ विकल्प चुनें, अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालें और नया पासवर्ड सेट करें। अगर आपका मोबाइल अपडेट नहीं है तो नजदीकी GST ऑफिस में जाकर फॉर्म भरना पड़ेगा – लेकिन यह बहुत दुर्लभ मामला है।
सुरक्षा की बात भी जरूरी है। अपने लॉगिन डिटेल्स को कभी किसी के साथ शेयर न करें और दो‑फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन रखें। पोर्टल हर 30 मिनट में स्वचालित रूप से टाइम‑आउट हो जाता है, इसलिए काम पूरा होने पर ‘Logout’ करना याद रखिए।
तो अब जब आप जानते हैं कि जीडीएसटी जाँच कैसे करनी है, तो देर किस बात की? अपने टैक्स रिकॉर्ड को रोज़ एक बार चेक करें, ताकि कोई भी दण्ड या रिफंड मिस न हो। यह छोटा कदम आपके व्यवसाय को बड़ी परेशानी से बचाएगा।
भारत सरकार ने इन्फोसिस पर 4 बिलियन डॉलर की टैक्स मांग के बाद अन्य प्रमुख आईटी कंपनियों को टैक्स नोटिस भेजने की योजना बनाई है। जीएसटी नियमों के तहत क्लाइंट की कम्प्लायंस की जांच की जा रही है। इन्फोसिस पर जीएसटी और आईजीएसटी के अवैतनिक होने को लेकर आरोप लगे हैं। जांच में अन्य आईटी कंपनियां भी शामिल हो सकती हैं।
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