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भगवान गणेश – सब कुछ एक जगह

जब हम भगवान गणेश, हिंदू धर्म में पहली प्रमुख देवता, जो नई शुरुआतों में विघ्न हटाते हैं. Also known as गणेश या विघ्ननाशक, वह त्रिनेत्री रूप से दर्शाए जाते हैं, जिसका मतलब है तीन आँखों वाला, जो सबको देखता है और भविष्य को स्पष्ट करता है। वह किसी भी कार्य की शुरुआत में आशीर्वाद देते हैं, इसलिए हर घर में उनकी मूर्ति या छवि को प्रमुख स्थान दिया जाता है। इस परिचय के बाद हम देखेंगे कि गणेश से जुड़ी अन्य अभिव्यक्तियाँ कैसे एक-दूसरे को पूरक करती हैं।

एक प्रमुख सम्बद्ध तत्व गणेश चतुर्थी, वर्ष में सबसे बड़े उत्सवों में से एक, जो भगवान गणेश की जन्मजयंती मनाता है है। इस दिन लोग घर-घर में भूतपूर्व रूप से साफ‑सफाई, लालटेन जलाते हैं और विशेष रूप से मोदक, स्वादिष्ट मिठाई, जिसे गणेश को अर्पित किया जाता है, उनके मीठे स्वभाव का प्रतीक माना जाता है बनाते हैं। गणेश चतुर्थी केवल एक धार्मिक समारोह नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का मंच भी है—रायगढ़ की मोतीचूर की परम्परा, महाराष्ट्र में लाडू की मिठास, और बंगाल में खीर का अनोखा रूप। यह उत्सव हमें याद दिलाता है कि हर नई शुरुआत में शुभ कार्यों के लिए प्रथम कदम उठाते समय भगवान गणेश का स्मरण करना चाहिए।

गणेश की शक्ति का एक और पहलू त्रिनेत्री, तीन आँखों वाला रूप, जो सर्वदृष्टि और अज्ञानता के निवारण को दर्शाता है है। त्रिनेत्री रूप में वह न केवल शारीरिक दृश्यता, बल्कि आध्यात्मिक अंतरदृष्टि भी प्रदान करते हैं; यह दर्शाता है कि उनकी सहायता से व्यक्ति अपने जीवन के अंधकार को उजालों में बदल सकता है। इसी कारण कई शास्त्रों में कहा गया है कि त्रिनेत्री गणेश को स्मरण करने से मानसिक स्पष्टता आती है, और कठिन निर्णयों को सहजता से ले सकते हैं। साथ ही, उनका दस हाथों वाला चित्रण भी अक्सर देखा जाता है, जहाँ प्रत्येक हाथ एक विशिष्ट शक्ति दर्शाता है – सौम्यता, ज्ञान, शक्ति, शांति आदि। यह संयोजन हमें बताता है कि भगवान गणेश केवल विघ्नहर्ता नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू में संतुलन स्थापित करने वाले भी हैं।

इन मुख्य तत्वों के अलावा, भगवान गणेश के कई अभिव्यक्तियों में विघ्नहर्ता का भाव प्रमुख रहता है। विघ्नहर्ता वह शक्ति है जो किसी भी बाधा को दूर करने में सक्षम है, चाहे वह व्यक्तिगत शारीरिक समस्या हो या सामाजिक आर्थिक कठिनाई। इस कारण कई उद्यमी और स्टार्ट‑अप संस्थापकों को अपने प्रोजेक्ट की शुरुआती मीटिंग में गणेश की प्रतिमा रखनी पड़ती है, जिससे उनकी कार्यक्षमता में सकारात्मक प्रभाव दिखता है। यही बात ग्रामीण क्षेत्रों में भी सत्य है—खेती‑बाड़ी, नयी सिचाई तकनीकें, या छोटे व्यापार में गणेश की विशेष पूजा से सफलता का अनुभव किया गया है।

अब जब हमने भगवान गणेश, उनके प्रमुख उत्सव, प्रतीक और शक्ति के विभिन्न आवरणों को समझ लिया है, तो नीचे की सूची में आप इन सभी पहलुओं से जुड़ी नवीनतम समाचार, विश्लेषण और गहराई वाले लेख पाएंगे। चाहे आप गणेश चतुर्थी के विशेष रीति‑रिवाज़ जानना चाहते हों, या त्रिनेत्री के आध्यात्मिक महत्व की खोज में हों, यह संग्रह आपकी जिज्ञासा को संतुष्ट करेगा। आइए, साथ में इस पवित्र यात्रा को आगे बढ़ाते हैं।

11

अक्तू॰

2025

गणेश चतुर्थी 2025: भगवान गणेश की मूषक सवारी के रहस्य और प्रतीकात्मक अर्थ

गणेश चतुर्थी 2025: भगवान गणेश की मूषक सवारी के रहस्य और प्रतीकात्मक अर्थ

गणेश चतुर्थी 2025 में भगवान गणेश की मूषक सवारी के तीन प्रमुख पौराणिक संस्करण, उनका गहरा प्रतीकात्मक अर्थ और इस त्योहारी यात्रा का आध्यात्मिक महत्व।