भारत ने इस साल अपना बजट पेश किया और कई नई बातें सामने आईं। आम लोग अक्सर सोचते हैं कि बजट सिर्फ बड़े राजनेताओं के लिए है, लेकिन असल में यह आपके रोज़मर्रा की जिंदगी पर असर डालता है। चलिए देखते हैं सबसे ज़रूरी पॉइंट्स को आसान भाषा में.
इस बार सरकार ने आर्थिक विकास को तेज करने के लिए दो बड़े क्षेत्रों पर ध्यान दिया: इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार. हाईवे, रेलways, और सस्ते बिजली परियोजनाओं में निवेश बढ़ाया गया है। साथ ही स्टार्ट‑अप्स और छोटे व्यवसायों के लिये विशेष फंड खोला गया है जिससे नई नौकरियां पैदा होंगी.
सबसे चर्चा में रहा टैक्स रिफॉर्म. व्यक्तिगत आय कर की स्लैब को थोड़ा बढ़ाया गया, जिससे मध्यम वर्ग को थोड़ी राहत मिलेगी। दूसरी ओर, लक्ज़री वस्तुओं पर अतिरिक्त ड्यूटी लगाई गई ताकि उच्च आय वाले लोग अधिक योगदान दें. स्वास्थ्य और शिक्षा के लिये भी बजट में नई राशियाँ आवंटित की गईं, इसलिए भविष्य में सरकारी अस्पतालों और स्कूलों का मानक बेहतर हो सकता है.
कुल खर्च में एक बड़ा बदलाव कृषि क्षेत्र को मिला। किसानों के लिए सीज़नल सुभीधा योजनाओं में 10% अतिरिक्त फंड जुड़ा है. इससे बीज, उर्वरक और मशीनरी पर लागत कम होगी और फ़सल की पैदावार बढ़ेगी.
डिजिटल इंडिया का विस्तार भी बजट में प्रमुख रहा। ग्रामीण इंटरनेट कनेक्टिविटी को तेज करने के लिये 5G नेटवर्क तैयार किया जा रहा है. अगर आप गाँव या छोटे शहर में रहते हैं, तो अब तेज़ इंटरनेट मिलना आसान होगा.
पर्यावरण संरक्षण को नहीं भूला गया. सौर और पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट्स को अतिरिक्त वित्तीय सहयोग मिला है. इसका मतलब साफ़ बिजली के लिए निवेश बढ़ेगा और हवा‑पानी की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है.
आपके पैसों पर असर पड़ता है जब सरकार सब्सिडी बदलती है। पेट्रोलियम उत्पादों की ड्यूटी को थोड़ा कम किया गया, जिससे गैसोलीन की कीमत में थोड़ी गिरावट आ सकती है. लेकिन एयर कंडीशनर जैसे इलेक्ट्रिक अप्लायंसेज़ पर नई टैक्स लागू हो रही है.
अंत में यह कहना सही रहेगा कि बजट 2024 का मकसद आर्थिक स्थिरता, रोजगार सृजन और सामाजिक सुरक्षा को संतुलित करना है. अगर आप निवेश या कर बचत की योजना बना रहे हैं तो इस बजट के प्रमुख बिंदुओं को ध्यान में रखें.
बजट पढ़ने से डरें नहीं; यह आपके भविष्य का नक्शा है. छोटे‑छोटे बदलाव भी बड़े असर डाल सकते हैं, इसलिए खबरों पर नज़र रखें और समझदारी से फैसले लें.
बजट 2024 में जीवन बीमा पॉलिसी पर टीडीएस दर को 5% से घटाकर 2% कर दिया गया है। इस बदलाव से पॉलिसीधारकों को अधिक भुगतान प्राप्त होगा और यह करदाताओं की आय बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है। यह संशोधन 1 अक्टूबर 2024 से लागू होगा।
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